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सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र बनाने का विदिशा में विरोध, जैन समाज ने निकाला मौन जुलूस

जैन समाज के पवित्र तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर जी को सरकार के द्वारा पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के फैसले के विरोध में जैन समाज सड़को पर उतर आई है. आज विदिशा में इस फैसले के विरोध में जैन समाज ने मौन जुलूस निकाला.

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सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र बनाने का विदिशा में विरोध, जैन समाज ने निकाला मौन जुलूस
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Zee News Desk|Updated: Dec 18, 2022, 08:41 PM IST

दीपेश शाह/विदिशाः केंद्र सरकार और झारखंड सरकार के एक फैसले से जैन समाज में आक्रोश है. सरकार ने जैन समाज के आस्था के केंद्र और पवित्र तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र घोषित कर दिया है. जिसके चलते जैन समाज के लोगो में आक्रोश है और देशभर के जैन समाज के लोग इसका विरोध कर रहे हैं. वहीं आज विदिशा में इस फैसले के विरोध में जैन समाज ने मौन जुलूस निकाला. जिसमें जैन समाज ही नहीं अन्य समाज के लोग भी शामिल हुए.

 जैन समाज के लोगों का कहना था कि जैन धर्म के 20 तीर्थंकरों और अनेक मुनियों को मोक्ष प्राप्त हुआ था. वहां का कण-कण पवित्र है, इसलिए वह 'सिद्धक्षेत्र' कहलाता है. शिखरजी जैन समाज के लोगो का आस्था का केंद्र है. हर साल लाखों जैन श्रद्धालु शिखर जी की वंदना करने जाते हैं. तीर्थ शिरोमणि के साथ कोई भी छेड़छाड़ को जैन समाज बर्दाश्त नहीं करेगी.

इस दौरान कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव ने कहा कि जैन समाज की पवित्र तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल करने के फैसले का हम विरोध करते हैं. प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि जैन समाज की आस्थाओं को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र को पर्यटन स्थल से मुक्त रखा जाए. अभी तक हमको ऐसा लगता था कि सरकार सरकारी उपक्रमों को बेचकर पैसा कमा रही है. लेकिन शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले से हमें लगता है कि अब तीर्थ क्षेत्रों से भी पैसा कमाने की सोच रही है और इसीलिए तीर्थ क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित किया है.

इस मौके पर समाजसेवी अतुल शाह ने कहा संपूर्ण भारत के जैन समाज के श्रद्धा का प्रतीक और आस्था का केंद्र पर्वतराज सम्मेद शिखरजी हैं. जैन समाज के 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकर सम्मेद शिखरजी से मोक्ष गए हैं. झारखंड सरकार और केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखरजी पर्यटन स्थल घोषित किया है, जिसका संपूर्ण जैन समाज विरोध करता है. इस मौके पर भाजपा नेता मुकेश टंडन ने कहा कि झारखंड सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित किया है. जैन समाज ही नहीं विदिशा के सब समाज के लोग जैन समाज के साथ हैं और इस फैसले का विरोध करते हैं. भारत धार्मिक आस्थाओं का देश है. और हमारी जो सरकार है वह भी धार्मिक मान्यताओं को मानने वाली है कहीं अगर कोई गलती हुई है तो उनको सुधारा जाएगा और जैन समाज फिर से सम्मेद शिखरजी की वंदना कर पाएगा और परिक्रमा भी कर सकेगा.

विदिशा जिला योजना आयोग की सदस्य सपना जैन ने कहा कि हमारा केन्द्र सरकार और झारखंड सरकार से अनुरोध है कि जो कार्य अंग्रेजों ने और मुगलों ने भी नहीं किया, वह वर्तमान सरकार ने श्री सम्मेद शिखर तीर्थ क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र घोषित कर कानूनी रूप प्रदान किया है. उसे अविलंब रूप से रद्द कर जैन समाज में फैल रहे आक्रोश को रोकना चाहिये. इस दौरान सकल जैन समाज जिला विदिशा के तत्वावधान में माधवगंज से मौन जुलूस निकाला गया. जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चे बुजुर्ग शामिल हुए. मौन जुलूस मुख्यमार्ग से तिलकचौक से होता हुआ गांधी चौक पहुंचा. जहां केंद्र सरकार और झारखंड सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा.

भिडं में भी हुआ विरोध
भारतवर्ष के जैन समुदाय के धार्मिक आस्था का केंद्र सम्मेद शिखर को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटक स्थल घोषित करने के बाद देशभर का जैन समाज आंदोलित और आक्रोशित है. देशभर में झारखंड सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. इसी कड़ी में भिंड में प्रवाश और आये जैन मुनि प्रतीक सागर के आवाहन पर आज संपूर्ण जिले से जैन समाज के पचास हजार महिला और पुरुष अपने प्रतिष्ठान बंद कर भिंड पहुंचे. जहां उन्होंने हाथों में झारखंड सरकार के विरोध की तख्तियां लेकर किला गेट से लेकर परेड चौराहे तक रैली निकाली और परेड चौराहे और एकत्रित होकर मुनि प्रतीक सागर की अगुआई में सभा को संबोधित किया और उसके उपरांत राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर के प्रतिनिधि ज़िलापंचायत सीईओ जेके जैन को ज्ञापन सौंपा.

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