Nisha bangre met kamalnath: डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा देने वाली निशा बांगरे ने राजनीति में आने की तरफ अपना एक कदम बढ़ा लिए है. दरअसल निशा बांगरे ने भोपाल में पीसीसी चीफ कमलनाथ से मुलाकात की है. इस मुलाकात के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि निशा कांग्रेस की ओर से चुनावी मैदान में उतर सकती है.
शिवराज सरकार पर लगाए आरोप
सीधी में हुए आदिवासी पेशाब कांड के बाद पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने शिवराज सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्हें मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया है. निशा ने कहा कि एमपी में ईमानदार और महिला अफसर का काम करना मुश्किल. उन्हें दलित होने के कारण सर्व धर्म प्रार्थना में शामिल होने की सरकार ने अनुमति नहीं दी...
शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए निशा ने कहा कि संवैधानिक और मानव अधिकारों का हनन किया जा रहा है. एमपी में अनुसूचित जाति की महिला के साथ अन्याय और अत्याचार बढ़ रहे है. डिप्टी कलेक्टर ने कहा कि इस्तीफा दिया लेकिन उसे स्वीकार करने की बजाय अब सरकार परेशान कर रही है.
अब नौकरी में वापस नहीं जाऊंगी...
छुट्टी न मिलने की वजह से नहीं बल्कि सर्व धर्म प्रार्थना में सम्मिलित होने की अनुमित न मिलने के कारण उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है. निशा बांगरे ने कहा कि कमलनाथ की संवेदनाएं उनके साथ हैं. चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा अगर सरकार इसी तरह परेशान करती रही तो दूसरा कोई रास्ता नहीं है. राजनीति से कोई परहेज़ नहीं, लेकिन नौकरी में रहते कभी ऐसा नहीं सोचा था..
कमलनाथ ने की थी आलोचना
बता दें कि निशा बांगरे के इस्तीफा दिए जाने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें भोपाल के सरकारी आवास पर अवैध कब्जा रखने पर नोटिस भेजा था. जिसे लेकर कांग्रेस के पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने शिवराज सरकार की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि दुख की बात है कि एससी वर्ग की डिप्टी कलेक्टर महिला के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है.
कौन है निशा बांगरे
निशा बांगरे का जन्म बालाघाट में हुआ था. इन्होंने विदिशा के इंजीनियरिंग कॉलेज से 2010 से 2014 के बीच पढ़ाई की. इसके बाद अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम किया. हालांकि ये अपने इस काम के अलावा जनसेवा करना चाहती थीं. इस विचार को लेकर इन्होंने 2016 में एमपी पीएससी की परीक्षा दी और इनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ.
राजनीति में जाने का बनाया मन!
इसके अलावा नौकरी को छोड़ करके राजनीति में जाने का मन बनाने की खबरें भी बीते महीने सामने आई थी. निशा बांगरे ने कहा था कि सेवा अभी भी जारी है लेकिन मौका मिला तो और बेहतर करेंगी. बता दें कि प्रदेश में कई ऐसे नेता है जिन्होंने अपनी नौकरी को त्याग राजनीति में कदम रखा और आज अच्छे पदों पर हैं. उन्हीं की राहों पर चलने के विचार में निशा बांगरे भी हैं.