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प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा की रैंकिंग जारी, खंडवा, छतरपुर और छिंदवाड़ा आगे...

स्कूल शिक्षा विभाग ने मध्यप्रदेश के सभी जिलों का प्रारंभिक शिक्षा में प्रगति रिपोर्ट जारी किया है. इसमें विभाग द्वारा जिलों में शैक्षणिक गुणवत्ता के सुधार में किए गए कामों के आधार पर सत्र 2022-23 के द्वितीय तिमाही  (सितंबर, अक्टूबर एवं नवंबर) की जिलों की रैकिंग तय की गई.

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प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा की रैंकिंग जारी, खंडवा, छतरपुर और छिंदवाड़ा आगे...
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Zee Media Bureau|Updated: Dec 11, 2022, 08:35 AM IST

आकाश द्विवेदी/भोपाल: स्कूल शिक्षा विभाग ने मध्यप्रदेश के सभी जिलों का प्रारंभिक शिक्षा में प्रगति रिपोर्ट जारी किया है. इसमें विभाग द्वारा जिलों में शैक्षणिक गुणवत्ता के सुधार में किए गए कामों के आधार पर सत्र 2022-23 के द्वितीय तिमाही  (सितंबर, अक्टूबर एवं नवंबर) की जिलों की रैकिंग तय की गई. एमपी में प्रारंभिक शिक्षा की रैंकिंग में खंडवा, छतरपुर, छिंदवाड़ा, शहडोल और बालाघाट टॉप फाइव में शामिल है. हैरानी की बात ये कि भोपाल,इंदौर,जबलपुर और ग्वालियर जैसे बडे शहर टॉप फाइव में जगह नहीं बना सके.

आपको बता दें यह रैंकिंग स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जनजातीय संग्रहालय में आयोजित मिशन अंकुर का शुभारंभ के अवसर पर स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने की. 

भोपाल की स्थिति सुधरी
रैंकिग में भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे बडे शहर टॉप फाइव में जगह नहीं बना सके. लेकिन भोपाल की रैंकिग में पिछली बार की तुलना में सुधार हुआ है. इस बार प्रारंभिक शिक्षा में प्रगति रिपोर्ट में भोपाल 29 वें पायदान पर हैं.

मिशन अंकुर नींव का पत्थर साबित होगा
शिक्षा रैंकिग को जारी करते हुए मंत्री इंदर सिंह परमार ने मप्र में मिशन अंकुर अभियान को लेकर कहा कि ये मील का पत्थर साबित होगा.  इस अभियान से पहली से तीसरी कक्षा तक के बच्चों के बुनियादी एवं संख्या ज्ञान को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है. मंत्री ने कहा कि बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने के लिए शैक्षिक कार्यों में शिक्षकों एवं शिक्षण अधिकारियों के पूर्ण समर्पण की आवश्यकता है. बिना शिक्षक के मिशन अंकुर के लक्ष्यों की प्राप्ति नहीं हो सकती.

 क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की पोस्टिंग होगी
इस दौरान मंत्री ने कहा कि पहली से तीसरी तक के बच्चों की बुनियादी शिक्षा के लिए 2027 तक सुधार लाने का टारगेट रखा गया है. साथ ही प्रदेश की कुल 8 भाषाओं को मिशन अंकुर के तहत पाठ्य सामग्री तैयार की है. वहीं बच्चों को सफल बनाने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों को उन्हीं के क्षेत्र में पदस्थापना लिए प्राथमिकता दी जाएगी.

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