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MP: सामूहिक विवाह से पहले कराया वर्जिनिटी और प्रेग्नेंसी टेस्ट, रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर लिस्ट से काटा नाम

mukhyamantri kanyadan yojna: डिंडौरी जिले के गाड़ासरई कस्बे में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ. इस दौरान शादी से पहले बेटियों के प्रेग्नेंसी और वर्जिनिटी टेस्ट कराए गए. इसे लेकर अब कांग्रेस शिवराज सरकार पर हमलवार है. 

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MP: सामूहिक विवाह से पहले कराया वर्जिनिटी और प्रेग्नेंसी टेस्ट, रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर लिस्ट से काटा नाम
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Shikhar Negi|Updated: Apr 23, 2023, 11:48 PM IST

संदीप मिश्रा/डिंडौरी: डिंडौरी जिले के गाड़ासरई कस्बे में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना (mukhyamantri kanyadan yojna) के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ. इस दौरान शादी से पहले बेटियों के प्रेग्नेंसी और वर्जिनिटी टेस्ट (Pregnancy And virginity test) कराए गए. इसे लेकर अब कांग्रेस शिवराज सरकार पर हमलवार है. स्थानीय कांग्रेस विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम ने आपत्ति जताते हुए प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज से पूछा हैं कि मध्यप्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान किसके आदेश पर किया गया? 

आपको बता दें कि गाड़ासरई में शनिवार को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 219 जोड़ों का विवाह बड़े ही धूमधाम से कराया गया है लेकिन इस सामूहिक विवाह समारोह में लड़कियों के प्रेग्नेंसी टेस्ट कराये जाने के आरोपों के बाद तरह तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं. 

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बीजेपी दे रही दलील
स्थानीय कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम ने सीएम कन्यादान योजना में कौमार्य परीक्षण (Virginity test) करने को लेकर सरकार ने यदि कोई नियम बनाया है तो उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए. साथ ही मरकाम ने कौमार्य परीक्षण को आदिवासी युवतियों का अपमान बताया है तो वहीं बीजेपी जिलाध्यक्ष अवधराज बिलैया ने प्रदेश सरकार की महत्वाकांछी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को जनहितैषी बतलाते हुए ओमकार मरकाम पर राजनीती करने का आरोप लगाया है.बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रेग्नेंसी टेस्ट को जायज ठहराते हुए अजीबोगरीब दलील भी दे रहे हैं. 

पॉजिटिव रिपोर्ट पर शादी कैंसिल
सीएम कन्यादान योजना में शादी करने आई एक युवती का कहना हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह कराने के लिए फ़ार्म भरा था. जिसके बाद बजाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उसका मेडिकल टेस्ट कराया गया और प्रेग्नेंसी टेस्ट भी किया गया. जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसका नाम सूची से हटा दिया गया. जबकि वो पूरी तैयारी के साथ विवाह कराने के लिए आयोजन स्थल पर पहुंच गई थी. लेकिन उसकी शादी भी नहीं हो पाई. जिसको लेकर वो बेहद नाराज और मायूस है.

क्या कहा स्वास्थ्य विभाग ने 
स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी से जब प्रेग्नेंसी टेस्ट को लेकर सवाल किया गया तो पहले तो साहब गोलमोल जवाब देते हुए दिखे लेकिन बाद में वो भी प्रेग्नेंसी टेस्ट की बात को न सिर्फ कैमरे पर कबूला बल्कि उनका कहना यह था कि जो उन्हें निर्देश प्राप्त हुए थे. उसका पालन किया गया है. वहीं मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को जनकल्याणकारी बतलाते हुए बीजेपी जिलाध्यक्ष अवधराज बिलैया ने कांग्रेस विधायक पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. साथ ही लड़कियों के मेडिकल टेस्ट के नाम पर किये गए प्रेग्नेंसी टेस्ट को वे एक तरह से जायज ठहराते हुए नजर आ रहे हैं. 

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने किया इंकार

कमलनाथ ने शिवराज से पूछा सवाल
कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए सीएम शिवराज से सवाल पूछा हैं, कमलनाथ ने लिखा-  डिंडोरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत किए जाने वाले सामूहिक विवाह में 200 से अधिक बेटियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने का समाचार सामने आया है. मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह समाचार सत्य है? यदि यह समाचार सत्य है तो मध्यप्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान किसके आदेश पर किया गया? क्या मुख्यमंत्री की निगाह में गरीब और आदिवासी समुदाय की बेटियों की कोई मान मर्यादा नहीं है? 

शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश पहले ही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मामले में देश में अव्वल है. मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच कराएं और दोषी व्यक्तियों को कड़ी से कड़ी सजा दें. यह मामला सिर्फ प्रेगनेंसी टेस्ट का नहीं है, बल्कि समस्त स्त्री जाति के प्रति दुर्भावनापूर्ण दृष्टिकोण का भी है.

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