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पन्ना राजघराने के 18वें शासक के निधन के बाद जिले में शोक, अब इनका होगा राजतिलक

Panna News: महाराजा छत्रसाल के वंशज और पन्ना रियासत (Panna prince died) के 18 वें शासक राघवेंद्र सिंह जू (King Raghavendra Joo) का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. आपको बता दें कि राघवेंद्र सिंह जू का निधन एशियन हॉस्पिटल नागपुर (Asian Hospital Nagpur) में हुआ जहां पर उनका ईलाज चल रहा था.

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पन्ना राजघराने के 18वें शासक के निधन के बाद जिले में शोक, अब इनका होगा राजतिलक
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Divya Tiwari Sharma |Updated: Jan 30, 2023, 02:49 PM IST

Maharaj Raghavendra Singh Death: एमपी के पन्ना महाराज के निधन के बाद जिले भर में शोक की लहर है. आपको बता दें कि लंबी बीमारी के चलते पन्ना महाराज राघवेंद्र सिंह जू देव (Maharaj Raghavendra Singh Ju Dev) ने नागपुर के एशियन हॅास्पिटल में अंतिम सांस ली. पन्ना राजघराना देश भर में काफी ज्यादा मशहूर था. पन्ना रियासत के राजा राघवेंद्र जू महाराजा छत्रसाल (Maharaja Chhatrasal) के वंशज थे. ये साल 2009 से पन्ना रियासत के महाराज के दायित्व का निर्वहन कर रहे थे.

18 वें शासक थे राघवेंद्र जू 
पन्ना रियासत की शुरूआत महाराज चंपतराय जू देव के कार्यकाल में शुरू हुई थी. महाराज चंपतराय जू देव के ही पुत्र महाराज छत्रसाल हुए जिन्होने साल 1683 से 1731 तक राजपाठ संभाला. उनके बाद उनके पुत्र ह्रदयशाय जूदेव 1731 से 1739 तक शासन किया और ये सिलसिला लगातार बढ़ता चला गया. जिसके बाद साल 2009 में राघवेंद्र जू ने शासन संभाला और जनता की सेवा करने लगे. इनके निधन के बाद बताया जा रहा है कि इनके पुत्र छत्रसाल द्वितीय का राजतिलक किया जाएगा और शासन चलाने की जिम्मेदारी उन्हे सौंपी जाएगी.  छत्रसाल द्वितीय महाराज राघवेंद्र सिंह जूदेव और जितेश्वरी देवी की संतान हैं.

पन्ना रियासत और छत्रसाल 
पन्ना रियासत के सबसे चर्चित राजाओं में महाराज छत्रसाल का नाम आता है. महाराज छत्रसाल ने वर्ष 1683 से 1731 तक शासन किया. ऐसा भी कहा जाता है कि छत्रसाल के शासन काल में पन्ना रियासत का नाम तत्कालीन परिदृश्यों में काफी ज्यादा चर्चित था. इसके पीछे की वजह पन्ना रियासत के शासक महाराजा छत्रसाल थे जिन्होने औरंगजेब को पराजित करके मुगल शासकों के छक्के छुड़ा दिए थे. जिसके बाद से छत्रसाल के नाम की चर्चा देश भर के राजाओं में होने लगी थी और साथ ही साथ पन्ना रियासत भी लोगों के नजर में आ गई. हालांकि ये काम छत्रसाल के लिए आसान नहीं था क्योंकि उनके पिता और पन्ना रियासत के जन्मदाता चंपत राय मुगलों से धोखा खा चुके थे. लेकिन इसके बावजूद भी छत्रसाल ने अपना और पन्ना रियासत का नाम देशभर में उजागिर कर दिया.

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