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Khandwa News: फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, मछुआरों की मांग पर कंपनी को फटकार

Omkareshwar Dam Project:  खंडवा के ओंकारेश्वर सागर बांध में बन रहे फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट को हाईकोर्ट ने झटका दिया है. मछुआरों की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाने वाली कंपनी को नोटिस जारी किया गया है.  

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Khandwa News: फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, मछुआरों की मांग पर कंपनी को फटकार
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Ranjana Kahar|Updated: Feb 15, 2024, 12:35 AM IST

Khandwa News: मध्यप्रदेश के खंडवा के ओंकारेश्वर सागर बांध में बन रहे पानी में तैरते हुए सोलर पावर प्लांट को हाई कोर्ट ने झटका दिया है. हाई कोर्ट ने मछुआरों की ओर से लगी हुई याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य शासन और सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाने वाली कंपनी को नोटिस जारी किया है. न्यायाधीश मनिंदर सिंह भाटी के दिये आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि इस परियोजना के तहत सोलर प्लेट लगाने का कार्य याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा.

600 मेगावाट की सोलर ऊर्जा परियोजना का निर्माण
दरअसल, खंडवा जिले में ओंकारेश्वर बांध के जलाशय पर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 600 मेगावाट की सौलर ऊर्जा परियोजना का निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना के निर्माण की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार द्वारा केंद्र व राज्य सरकार के संयुक्त उपक्रम रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड कंपनी को दी गई है. इसी परियोजना के तहत ओंमकारेश्वर जलाशय पर सोलर प्लेट्स बिछाई जा रही हैं. लेकिन इसके चलते जलाशय में मत्स्याखेट कर जीवन यापन कर रहे मछुआरों की जीविका समाप्त हो रही है. बावजूद इसके राज्य सरकार द्वारा अब तक इन मछुआरों के पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की है.

इसी कारण मछुआरा समितियों ने उच्च न्यायालय जबलपुर में अपने अधिकारों के लिए याचिका दायर की हुई है. हाई कोर्ट के इस फैसले का नर्मदा बचाओ आंदोलन ने  भी स्वागत किया है.

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याचिका में ये मांग की गई
बता दें कि उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा गया है कि ओंकारेश्वर जलाशय पर सोलर प्लेट्स बिछाने के कारण मछुआरा परिवारों की एकमात्र आजीविका ख़त्म हो रही है. याचिका में मांग की गई है कि प्रभावित मछुआरों को परियोजना में स्थाई नौकरी दी जाये और भू-अर्जन क़ानून 2013 के अनुसार पुनर्वास के लाभ दिये जायें. याचिका में यह भी मांग की गई है कि जब तक सभी मछुआरों को ये लाभ नहीं मिल जाते तब तक उनके क्षेत्र में सोलर प्लेट लगाने का कार्य स्थगित किया जाये.

रिपोर्ट- प्रमोद सिन्हा

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