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MP News: देश में मध्य प्रदेश और MP में सतपुड़ा अव्वल, जानें तेंदुओं की गणना के पूरे आंकड़े

MP News: देश में हुए तेंदुओं की गणना के आंकड़े आ गए हैं. इसमें मध्य प्रदेश अव्वल आया है. वहीं इन आंकड़ों में मध्य प्रदेश के भीतर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में सबसे ज्यादा तेंदुए हैं.

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सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
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Shyamdatt Chaturvedi|Updated: Mar 01, 2024, 11:50 PM IST

MP News: नर्मदापुरम। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अपने बेहतर प्रबंधन एवं मैनेजमेंट के चलते एक बार फिर प्रदेश में अपना नाम किया है. इस बार टाइगर के साथ-साथ एसटीआर में तेंदुओं की संख्या भी बढ़ी है. प्रबंधन के अनुसार गुरुवार को आल इंडिया लेपर्ड पापुलेशन की रिपोर्ट के अनुसार सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 256 तेंदुए पाए गए हैं. देश के जिन 3 टाइगर रिजर्व में तेंदुओं की संख्या ज्यादा है. उनमें एमपी का सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और पन्ना टाइगर रिजर्व शामिल हैं.

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नंबर-2
पन्ना टाइगर रिजर्व प्रदेश में पहले और सतपुड़ा दूसरे नंबर पर है. केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भारत में तेंदुए की गणना के आंकड़े जारी किए. पिछली गणना 2018 से 2022 तक में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 41 तेंदूए बढ़े हैं. एसटीआर के एफडी एल कृष्णमूर्ति ने बताया नई गणना अनुसार एसटीआर में तेंदुओं की संख्या 256 हो गई है.

ऑल इंडिया लेपर्ड पापुलेशन की रिपोर्ट गुरुवार के दिन आई है. इसमें मध्यप्रदेश एक बार फिर से लेपर्ड स्टेट के रूप में सामने आया है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में विगत दिनों हुए आकलन की रिपोर्ट में तेंदुओं की संख्या बढ़ी है. आल इंडिया लेपर्ड पापुलेशन की रिपोर्ट के अनुसार सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में कुल 256 तेंदुए पाए गए है.

जीव संरक्षण का बेहतर काम
सतपुड़ा के फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि पन्ना के बाद तेंदुए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में है. वही एसटीआर क्षेत्र में वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रबंधन द्वारा कार्य किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वन्य जीव संरक्षण का कार्य लगातार चलता रहा है. पिछली बार की अपेक्षा जो काम किए गए हैं. इसकी वजह से क्षेत्र में टाइगर हो या लेपर्ड हो उनकी संख्या में बढ़ोतरी हुई है.

एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि प्रमुख कामों में सुरक्षा को लेकर बेहतर मजबूती है. जानवरों के रहबास के लिए सुधार कार्य को भी समय-समय पर बेहतर कर रहे हैं. साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोजगार से जोड़ रहे हैं. उनका भी सहयोग इन कामों में सुरक्षा को लेकर किया जा रहा है. इसी का परिणाम है कि ऐसी रिपोर्ट आई है.

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