trendingNow/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh11522276
Home >>Madhya Pradesh - MP

MP Cold Wave Alert: ठंड ने बढ़ाई किसानों की परेशानी, हरदा में चने की फसल पर पड़ी पाले की आफत

Mp agriculture news: देश में बढ़ती ठंड ने (Cold wave in MP) लोगों को परेशान करके रख दिया है. ठंड की इस मार से मप्र के हरदा जिले (Harda, madhya pradesh) के किसान काफी ज्यादा परेशान हैं. ठंड की वजह से किसानों की फसलों को काफी ज्यादा नुकसान सहना पड़ रहा है. 

Advertisement
चने की फसल पर पड़ी पाले की आफत
Stop
Divya Tiwari Sharma |Updated: Jan 10, 2023, 10:43 AM IST

Harda agriculture news: देश में ठंड ने कंपाना शुरू कर दिया है. हर दिन बढ़ते ठंड (mp weather update) के प्रकोप ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. शीतलहर, कोहरे और पाले ने लोगों के आम जीवन में चुनौती पैदा कर दी है. ठंड की इस मार का शिकार मप्र राज्य के हरदा के किसान (Farmers of Harda) हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि ठंड की वजह से गेंहू, चना, आलू, मेथी की फसल पर काफी ज्यादा असर पंहुच सकता है और ज्यादा नुकसान हो सकता है, जिससे कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

ठंड से जली फसलें
हरदा जिले के किसानों का कहना है कि बीती रात 8 से 10 डिग्री के आसपास तापमान रहा और ठंडी हवा भी चल रही थी, जिससे काफी डर का माहौल बना हुआ है. उनका कहना है कि ये मौसम चना, गेहूं, मेथी,आलू की फसल को नुकसान पहुंचा सकता है.क्योंकि अभी से ही बर्फ की परत जमने से फसलें खराब होने लगी हैं. जिले के सिराली क्षेत्र के किसान ठंड के कारण अपनी जली हुई फसल को देखकर परेशान हैं उनका कहना है कि ठंड की वजह से फसल खराब होने लगी है. 

MP Weather Forecast: मध्य प्रदेश में सर्दी का कोहराम! माइनस में पहुंचा पारा; मकर संक्रांति में होगी प्रचंड ठंड

सरकार से मदद की गुहार 
जिले में हो रही बर्बादी को देखते हुए किसानों का कहना है कि आने वाले दिनों ये नुकसान ज्यादा होगा. इसलिए सरकार को हमारी मदद के लिए आगे आना चाहिए. पिछले 2 दिनों से यहां पर ठंडी हवाएं चल रही हैं, जिसकी वजह से फसलों को नुकसान होने की आशंका ज्यादा ही बढ़ गई है. ऐसे में ओस की बूंदे भी ठंडे मौसम के कारण जम कर फसलों को नुकसान पहुंचा रही हैं.फसलों पर भी बर्फ साफ-साफ देखने को मिल रही है. साथ ही साथ उनका कहना है कि फसलों को बचाने के लिए स्प्रे और धुआं किया जा रहा है जिससे नुकसान कम हो पर सबसे बड़ी चुनौती यह है कि बड़े-बड़े खेतों को कैसे बचाया जाए. जिसको लेकर किसान काफी ज्यादा परेशान है.

Read More
{}{}