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MP के मलखंब खिलाड़ियों ने विदेशों में बजाया देश का डंका! CM शिवराज नहीं कर रहे सम्मान

MP News: मध्य प्रदेश के मलखंब खिलाड़ियों ने विदेशों में भारत का डंका बजाया, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार को नजर नहीं आ रही है. जिन्होंने भारत को गौरवान्वित किया. सीएम शिवराज, उन खिलाड़ियों का सम्मान नहीं कर रहे हैं.

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Abhay Pandey|Updated: Jul 26, 2023, 10:35 PM IST

चन्द्रशेखर सोलंकी/रतलाम: मध्य प्रदेश (MP News) का राजकीय खेल घोषित हो चुके मलखम्ब के खिलाड़ियों को आज भी मध्य प्रदेश सरकार इस विधा में पारंगत खिलाड़ियों को सम्मान नहीं दे पाई है  और मलखम्ब के प्रदर्शन कर जो खिलाड़ी विदेशों में भी भारत का नाम रोशन कर चुके हैं. वह खिलाड़ी आज भी मध्य प्रदेश के शिवराज सरकार की नजरों से दूर हैं और आस लगाए बेठे हैं कि प्रदेश सरकार कभी उन पर अपनी नजर इनायत करेगी. मध्य प्रदेश के रतलाम शहर के मलखम्ब खिलाड़ी जितेंद सिंह राणावत व अमन सिंह सिसोदिया ने मलखम्ब खिलाड़ियों की ऐसी टीम तैयार की है कि इनके करतब देख देश ही नहीं विदेशों में भी लोग हैरान हो जाते हैं. रतलाम की इस टीम ने 1 मलखम्ब के सहारे प्रेक्टिस कर, भारत का नाम विदेशों में रोशन किया है. संसाधनों की समस्याओं से जूझते हुए इस टीम ने भारत का विदेशों में सम्मान दिलवाया ,लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने इन्हें आज तक सम्मान नहीं दिया.

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मध्य प्रदेश सरकार ने कभी नहीं किया सम्मानित
रतलाम के ये मलखम्ब के खिलाड़ी आज भी सुविधाओं के अभाव में मलखम्ब के लिए नए खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं. इस टीम में 11 साल के बच्चे से 29 साल तक के युवा शामिल हैं. इस मलखम्ब की टीम ने छोटे-बड़े सभी आयोजन मिलाकर करीब 400 आयोजन किए हैं. जिनमें 150 करीब बड़े मंचो पर प्रदर्शन है और 12 टीवी चैनल में भी ये अपनी प्रस्तुति दी चुके हैं. जिसमें ज़ी तेलगु व ज़ी तमिल टीवी शो में भी ये अपना हुनर दिखा चुके हैं. इनके हुनर के कारनामों का सीलसिला यहीं नहीं थमता है. ये मलखम्ब टीम 4 बार विदेशों में भारत का डंका बजा चुकी है. जिनमें चेक रिपब्लिक (Czech Republic), पोलैंड ( Poland), थाईलैंड ( thailand), दुबई ( dubai ) में मलखम्ब का प्रदर्शन कर भारत का नाम विश्व मे गूंजा दिया है, लेकिन मध्यप्रदेश के शिवराज सिंह चौहान की नजर इन खिलाड़ियों पर नहीं पड़ी है. ये मलखम्ब खिलाड़ी कई बार रतलाम खेल विभाग को गुहार लगा चुके हैं कि इन्हें सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए, वहीं खेल विभाग की ओर से इन्हें मंच दिया जाए, लेकिन खेल विभाग ने इनकी कोई दरकार नहीं सुनी है और ना ही मध्यप्रदेश सरकार ने इन्हें कभी सम्मानित किया.

बता दें कि ऐसा नहीं है कि खेल विभाग को इन मलखम्ब के योद्धाओं की जानकारी नहीं है , लेकिन बावजूद इसके खेल विभाग की उदासीनता से ये मलखम्ब के खिलाड़ी बगैर सुविधाओं के अपना प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं. खेल विभाग अधिकारी रुबिका दीवान का कहना है कि मध्यप्रदेश के मलखम्ब खिलाड़ियों ने बड़ा नाम कमाया है. मलखम के प्रोत्साहन के लिए खेल विभाग हर संभव प्रयास करता है. रतलाम में मलखम्ब के खिलाड़ियों को खेल विभाग सुविधाएं देने का दावा भी कर रहा है.  खेल अधिकारी से जब विदेशों में भारत का नाम मलखम्ब से रोशन करने वाली टीम को संसाधन नहीं मिलने पर सवाल किया तो अधिकारी का कहना है कि हमारे पास मलखम्ब का बहुत सारा सामान आया था जो हमने , शासकीय कोच जितेंद धुलिया के हेंड ओवर किया था. वहीं शासकीय कोच जितेंद धुलिया का कहना है कि उन्होंने सभी संसाधन मलखम्ब ईस टेंकों उपलब्ध करवाए है,लेकिन उनके पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है कि कब और क्या सामान दिया था. पूरे मामले में रतलाम के इन पारंगत मलखम्ब खिलाड़ियों की न खेल विभाग सुध ले रहा है और ना ही मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज इन्हें सम्मान दे रहे हैं.

सीएम शिवराज को भी कई बार पत्र लिखा गया
बता दें कि मलखंभ के खिलाड़ियों ने सीएम शिवराज को भी कई बार पत्र लिखा है और मिलने के प्रयास भी किए,लेकिन सीएम से इन खिलाड़ियों की मुलाकात नहीं हो पाई है. इन मलखम्ब के खिलाड़ियों की यही दरकार है कि हमारी भी सुनो सरकार, और सीएम शिवराज सिंह चौहान से ये खिलाड़ी मध्यप्रदेश के राजकीय खेल को प्रोत्साहित कर और नए खिलाड़ी तैयार करने में संसाधनों के अभाव में में आ रही समस्याओं को लेकर, सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे हैं. देखना यह होगा कि हिंदुस्तान के परम्परागत खेल मलखम्ब का डंका विश्व मे बजाने वाले इन हुनरबाज़ों की सुध सीएम शिवराज कब तक लेंगे...

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