राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: महाशिवरात्रि (mahashivaratri) के अगले दिन यानी आज रविवार को भी भक्तो का तांता मंदिर में बड़ी संख्या में लगा हुआ है. बाबा महाकाल का रात 11 बजे से विशेष महापूजन अभिषेक हुआ और सुबह आरती (aarti) के वक्त भगवान ने सेहरा दर्शन (sehra darshan) दिए हैं. जिसमें आंकडे एवं पुष्पों की मोटी-मोटी माला, सवा लाख बिल्वपत्र शामिल रहे. भगवान महाकाल के सेहरा धारण करने के बाद आरती में भोग के लिए पंचमेवा 1-1 किलो एवं पंच मिष्ठान कुल 7 किलो 500 ग्राम, पांच प्रकार के फल अर्पित किए गए. भगवान सुबह 11बजे तक सेहरा दर्शन देंगे. जिसके बाद सेहरा भक्तों पर प्रसाद रूप में लुटाया जाएगा. 12 बजे से 2 बजे तक साल में एक बार दिन में होने वाली भस्मारती (bhasma aarti) होगी और उसके बाद भोग आरती (bhog aarti) और ब्राह्मण भोज. इस तरह शयन आरती रात 11 बजे भगवान के पट बंद होंगे जो दोबारा हर रोज की तरह रात 03:30 बजे खुलेंगे.
रात भर हुआ महापूजन
महाशिवरात्रि पर्व पर रात्रि 11 बजे से भगवान महाकाल का रातभर महापूजन और महाभिषेक हुआ. अभिषेक के दौरान दूध 101 किलो, दही 31 किलो, खाण्डसारी (शक्कर) 21 किलो, शहद 21 किलो, घी 15 किलो, पांच प्रकार के फलों का रस 2-2 किलो, गन्ने का रस 11 किलो, गंगाजल, गुलाब जल, भांग आदि सामग्री के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करने के पश्चात भगवान को नए वस्त्र धारण कराए गए. सप्तधान में सात प्रकार के अनाज अर्पित किए.
ये चीजें की गई अर्पित
भगवान महाकाल को शिवरात्रि की रात्रि पूजन के दौरान अर्पित होने वाले सप्तधान में 108 किलो सात प्रकार के अनाज शामिल होते हैं. इनमें 31 किलो चावल, मूंग खड़ा 11 किलो, तिल 11 किलो, मसूर खड़ा 11 किलो, गेंहू 11 किलो, जौं 11 किलो, साल 11 किलो, उड़द खडा 11 किलो भगवान महाकाल को अर्पण किए गए. सप्तधान अर्पण के बाद बाबा महाकाल को सेहरा बांधा गया. सेहरे में फूलों की लडियां, आंकडे एवं पुष्पों की मोटी-मोटी माला, सवा लाख बिल्वपत्र शामिल रहे. भगवान महाकाल के सेहरा धारण करने के बाद आरती में भोग के लिए पंचमेवा 1-1 किलो एवं पंच मिष्ठान कुल 7 किलो 500 ग्राम, पांच प्रकार के फल अर्पित किए.
21 फरवरी को बाबा देंगे पंचानन दर्शन
दरअसल मंगलवार को चंद्र दर्शन दूज पर भगवान महाकाल का दोपहर 03 बजे संध्या पूजन होगा. जिसके बाद भगवान पंचानन रूप में दर्शन देंगे. माना जाता है पंचानन स्वरूप के दर्शन शिवनावरात्र के दौरान होने वाले 9दिन के श्रंगार का 1 ही दिन में दर्शन लाभ मिलता है.
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