trendingNow/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh11375748
Home >>Madhya Pradesh - MP

पीएम मोदी की 'आशा' ने जगाई आस, कूनो में जल्द गूंजेगी किलकारी

kuno national park Namibia Cheetah Asha Pregnant: भारत के लिए बड़ी खुशखबरी है. नामीबिया से भारत लाये गए आठ चीतों में से एक माता चीता आशा गर्भवती है. चीतों की निगरानी कर रही टीम के अधिकारियों ने उसमें गर्भवस्‍था के लक्षण दिखाई देने की बात कही है. अगर ये बात सच है तो जलद ही कूनों में किलकारी गूंज सकती है.

Advertisement
पीएम मोदी की 'आशा' ने जगाई आस, कूनो में जल्द गूंजेगी किलकारी
Stop
Updated: Oct 01, 2022, 04:49 PM IST

Cheetah Asha Pregnant: नई दिल्ली/श्योपुर: मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से अच्छी खबर आने वाली है. संभावना है कि जल्द वहां किलकारी गुंज सकती है. कूनो नेशनल पार्क में चीतों की देखरेख कर रही टीम के मुताबिक एक मादा चीता के गर्भवती होने के आसार हैं. इस मादा चीता का नाम पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘आशा’ रखा है. ऐसे में अब आशा ने चीतों का कुनबा बढ़ने की आश लगाई जा रही है.

इस माह के अंत तक हो जाएगी पुष्टि
कूनो की मादा चीता आशा में कई प्रकार के शारीरिक, व्यवहारिक और हार्मोनल बदलाव नजर आ रहे हैं. इससे उसके गर्भवती होने की संबावना बढ़ रही है. बदलाव देखकर टीम काफी उत्साहित है और आशा के स्वास्थ्य को लेकर अधिक सतर्क भी हो गई है. हालाकि टीम का कहना है कि अक्टूबर के अंत तक ही आशा की प्रेगनेंसी को लेकर कोई पुख्ता जानकारी दे पाएंगे.

ये भी पढ़ें: किसानों के चेहरे पर आई मुस्कान, सरकार ने जारी की नई अफीम नीति

जन्म के बाद डेढ़ साल काफी अहम
विशेषज्ञों के मानें तो चीता के शावकों की मृत्यु दर सर्वाधिक यानी करीब 90 प्रतिशत होती है. महज 10 फीसदी शावक ही सर्वाइव कर पाते हैं. जन्म के समय उनका वजव 240 ग्राम से 425 ग्राम तक होता है और करीब डेढ़ साल तक मां उनकी देखभाल करती है. ऐसे में अब कूनों प्रशासन के लिए बड़ी जिम्मेदारी हो कि अगर आशा बच्चों को जन्म देती है तो उसे सही माहौल मिल पाए.

Lovely Video: स्कूल ड्रेस में छोटी बच्ची ने किया गजब डांस, Badshah के गाने पर मचाया धमाल

अब आशा को चाहिए शांत महौल
चीता विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भधारण के बाद मादा को पूर्ण रूप से शांत माहौल की जरूरत होगी. उसके आसपास लोगों का जाना प्रतिबंधित करना होगा, जिससे उसका तनाव कम हो और वह अच्छे से चीतों को जन्म दे सके.

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी क्यों करते हैं नीम और मिश्री का सेवन? जानिये प्रधानमंत्री ने क्या कहा

पीएम ने क्यों रखा आशा नाम
नामीबिया से चीतों में से मादा चीते को प्रधानमंत्री मोदी ने आशा नाम दिया था. इसका पीछे का कारण उससे जुड़े एक घटना है. नामीबिया से चीतों के साथ आई टीम ने बताया कि आशा को करीब एक साल पहले नया जीवनदान मिला है. नामीबिया के हवाई अड्डे के रनवे पर यह एक विमान से टकरा कर गई थी. यह सुनकर ही पीएम मोदी ने इस चीता का नाम आशा रखा था.

Dog Football Tournament: कुत्तों के बीच हुआ फुटबॉल टूर्नामेंट, वीडियो में देखें किसे मिली जीत

70 साल बाद बारत में आए हैं चीते
बता दे दें 70 साल बाद 17 सितंबर को नामीबिया से भारत लाए गए आठ चीतों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 72 वें जन्मदिवस के मौके पर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. फिलहाल सभी क्वारंटाइन बाड़ों में रह रहे हैं, इनमें तीन नर और पांच मादा चीता शामिल हैं. क्वारंटाइन बाड़ों में छोड़े गए इन चीतों के खानपान, व्यवहार और स्वास्थ्य को लेकर कड़ी निगरानी की जा रही है.

Read More
{}{}