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Jaya Ekadashi 2022: जया एकादशी कब है? जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व


Aja Ekadashi 2022: भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष  को अजा अथवा जया एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत में भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं कब है अजा एकादशी का व्रत और कैसे की जाती है पूजा?

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Jaya Ekadashi 2022: जया एकादशी कब है? जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
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Zee News Desk|Updated: Aug 21, 2022, 03:55 PM IST

Jaya Ekadashi 2022: हिंदू धर्म में भाद्रपद माह के एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है. इसे अजा अथवा जया एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस व्रत में भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है. मान्यता है कि जया एकादशी का व्रत रखने से लोगों के सभी पाप्प नष्ट हो जाते हैं और उसे सभी प्रकार के सुख की प्राप्ति होती है. इस बार जया एकादशी की तिथि को लेकर लोगों के बीच कन्फ्यूजन बना हुआ है. कुछ लोगों का मानना है कि एकादशी का व्रत 22 अगस्त को रखा जाएगा, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि 23 अगस्त को रखा जाएगा. आइए जानते हैं कब रखा जाएगा जया एकादशी का व्रत और कैसे की जाएगी पूजा?

जया एकादशी शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचाग के अनुसार एकादशी तिथि की शुरुआत 22 अगस्त सोमवार को सुबह 3 बजकर 35 मिनट से प्रारंभ हो रही है, जो 23 अगस्त को सुबह 06 बजकर 06 मिनट पर खत्म होगी. हिंदू धर्म में उदया तिथि सर्वमान्य होती है इसलिए अजा एकादशी का व्रत 23 अगस्त को है. एकादशी व्रत का पारण 24 अगस्त की सुबह 06 बजकर 22 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 30 मिनट तक है.

जया एकादशी व्रत पूजा विधि
जया एकादशी व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान करें. उसके बाद भगावन विष्णु का ध्यान करते हुए केले के पेड़ में जल अर्पित करें. इसके बाद पूजा घर में भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने पूर्व की तरफ मंहु करके बैठ जाएं और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद अक्षत, पुष्प, धूप, दीप व तुलसी दल आदि अर्पित करें. पूजा के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करें. अंत में आरती कर पूजा समाप्त करें.

जया एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यता अनुसार जो लोग जया एकादशी का व्रत पूरी श्रद्धा भाव से रखते हैं उन पर भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और उनके जीवन के सारे पाप कट जाते हैं. इतना ही नहीं यह भी मान्यता है कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत रखने से अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल मिलता है. 

व्रत के दौरान रखें ये सावधानियां
इस व्रत के दौरान घर में लहसून प्याज वाला भोजन न बनाएं और न तो इस दिन परिवार के किसी सदस्य को चावल खाने दें. इस व्रत में भगवान विष्णु के उपेंद्र स्वरूप की पूजा करें.

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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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