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MP के इस गांव में बच्चों को दी जाती है चोर बनने की ट्रेनिंग, लाखों में लगती है बोली; जानिए

Chori ki training dene wale gav: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के राजगढ़ जिले में तीन ऐसे गांव है जहां पर बच्चों को चोरी करने के लिए ट्रेनिंग (Training) दी जाती है. यहां पर अन्य राज्यों से भी गिरोह ट्रेनिंग लेने के लिए आता है. इस गांव में चोरी करने के लिए लाखों की कीमत लगाकर बच्चों को खरीदा जाता है. इनका फैलाव देश के कई राज्यों में है.

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Shubham Tiwari|Updated: Mar 12, 2023, 01:17 PM IST

Rajgarh crime: अक्सर आपने देखा होगा की गांव के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर करने के लिए गांव की तरफ से मदद मिलती है. ताकि वो पढ़ लिखकर आगे बढ़ सकें. लेकिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के राजगढ़ (Rajgarh Crime) जिले में ऐसा भी गांव है, जहां पर बच्चों को चोर (Thief)बनने की ट्रेनिंग दी जाती है. इसके अलावा अगर पकड़े गए तो कैसे झूठ बोलना है इसे भी बखूबी सिखाया जाता है. ये गांव देश भर में काफी ज्यादा इसके लिए चर्चित भी है. कैसी दी जाती है ट्रेनिंग कैसे लगाई जाती है बच्चों की बोली आइए जानते हैं.

6 महीने देते हैं बच्चों को ट्रेनिंग
राजगढ़ के गुलखेड़ी गांव में भी बच्चों को चोर बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है. इस गांव की आबादी लगभग 4 हजार के आस पास की है. यहां पर काफी पढ़े लिखे लोग भी हैं. लेकिव गांव वासियों का ज्यादात्तर पेशा चोरी करना और शराब बेचना है. इसके लिए इन्हें छह महीने एकदम ट्रेंड बनाया जाता है. उसके बाद फिर इनसे चोरी करवाई जाती है. 

ऐसे दी जाती है ट्रेनिंग
इन बच्चों को इन गांवों में बकायदा चोरी करने की ट्रेनिंग दी जाती है और इनको हाईप्रोफाइल परिवारों के शादी में कैसे शामिल होना है, कैसे बातचीत करना है, इसके बारे में भी अच्छे तरीके से सिखाया जाता है. इसके अलावा पकड़े जाने पर क्या झूठ बोलना है ये भी बताया जाता है. अक्सर बच्चे सोने से भरे बैग को चोरी करते हैं और पकड़े जाने पर कहते हैं कि मम्मी का पर्स समझकर उठा लिया था. जिसकी वजह से बच्चा समझकर लोग छोड़ देते हैं. अगर इन बच्चों के ऊपर कार्रवाई भी की जाती है तो बाल सुधार गृह में कुछ दिन रहने के बाद बाहर कर दिया जाता है. उसके बाद बच्चे फिर से उसी काम में लग जाते हैं.

ऐसे देते हैं चोरी को अंजाम
बच्चों को ट्रेनिंग देने के बाद इन बच्चों को बकायदा तैयार करके गैंग के लोग अपने साथ लेकर शादी समारोहों में जाते हैं. इनका ज्यादातर फोकस  राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब पर रहता है. यहां पर शादी समारोह में गैंग के बड़े लोगों का काम रेकी करना होता है उसके बाद ये बच्चें चोरी कर लेते हैं और फिर फरार हो जाते हैं.

इतने रकम में खरीदे जाते हैं बच्चे
राजगढ़ का गुलखेड़ी, हुलखेड़ी और कड़ियां गांव बच्चों की चोरी के लिए काफी ज्यादा बदनाम है. इन गांवों में ज्यादातर बच्चों का पेशा चोरी ही है. इस गांव के अमीर लोग बच्चों को बोली लगाकर खरीदते हैं. इसके लिए बच्चों की 1 लाख से लेकर 20 लाख तक बोली लगती है. इसके बाद खरीदे गए बच्चे जब अपनी खरीदी की रकम से पांच छह गुना अधिक कमाई करके दे देते हैं तो इन्हें आजाद कर दिया जाता है. कहा जाता है कि इन गांवों में अन्य राज्यों से भी ट्रेनिंग लेने के लिए भी गिरोह आता है.

बाहर वालों की एंट्री बैन
इन तीनों गांवों में किसी भी बाहर वाले व्यक्ति की एंट्री पूरी तरह से बैन है. अगर कोई भी व्यक्ति जबरदस्ती करता है तो उसे गांव वाले से मिलने वाली परेशानी से होकर गुजरना पड़ता है. इसके अलावा इस गांव के लिए कहा जाता है कि हर महीने 10 से 15 अलग अलग राज्यों की पुलिस पहुंचती है जो चोरी में पकड़े गए बच्चों मिली जानकारी के आधार पर यहां दबिश देती है. साथ ही साथ कहा जाता है कि इन गावों में हर जरूरी चीजें उपलब्ध है.

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