trendingNow/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh11508997
Home >>Madhya Pradesh - MP

पति का आरोप- गलत कुंडली दिखाकर की शादी, हाईकोर्ट ने कहा- यह क्रूरता है, जानिए पूरा मामला

बिलासपुर में रहने वाले पति ने पत्नी पर गलत जन्म कुंडली के आधार पर शादी करने व दूसरे युवक से अवैध संबंध रखने के आरोप लगाए.

Advertisement
पति का आरोप- गलत कुंडली दिखाकर की शादी, हाईकोर्ट ने कहा- यह क्रूरता है, जानिए पूरा मामला
Stop
Zee Media Bureau|Updated: Dec 31, 2022, 02:24 PM IST

शैलेन्द्र सिंह ठाकुर/बिलासपुर: बिलासपुर में रहने वाले पति ने पत्नी पर गलत जन्म कुंडली के आधार पर शादी करने व दूसरे युवक से अवैध संबंध रखने के आरोप लगाए. इसके बाद महिला ने फैमिली कोर्ट में पति के खिलाफ दहेज के लिए प्रताड़ित करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों के तहत तलाक के लिए मामला पेश किया. फैमिली कोर्ट ने इसे मंजूर कर लिया था, लेकिन पति एक बार कोर्ट नहीं पहुंचा, जिससे इसे खारिज कर दिया. इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा.

दरअसल बिलासपुर में रहने वाले एक युवक की शादी अप्रैल 2012 में बेलगहना की युवती से हुई थी. शादी के बाद वह ससुराल में रहने लगी. इस दौरान बच्चे का जन्म हुआ, लेकिन कुछ समय बाद उनके संबंध बिगड़ गए. और पत्नी अपने मायके चली गई. इस बीच पति ने सिविल लाइन थाने में पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई.

पहली बार जश्न पर इतनी सख्ती! अलर्ट पर 38 थानों के 1725 जवान, इस गलती पर ले जाएंगे जेल

गलत जन्म कुंडली बताई
पति ने शिकायत में लिखा कि पत्नी ने गलत जन्म कुंडली के आधार पर शादी की है. वास्तविक जन्म कुंडली के अनुसार वह मांगलिक है. पति ने वर्ष 2014 में विवाह विच्छेद के लिए कोर्ट में मामला प्रस्तुत किया, लेकिन सुनवाई की किसी भी तारीख पर कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ. कोर्ट ने पांच बार उपस्थित होने के मौके दिए, लेकिन पति ने रुचि नहीं दिखाई तो कोर्ट ने अनुपस्थिति के आधार पर मामला खारिज कर दिया था.

हाईकोर्ट ने की विशेष टिप्पणी
हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की बेंच में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने वी भगत के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए क्रूरता को विस्तृत रूप से स्पष्ट किया है. इस मामले में कहा है कि दूसरे पक्ष को इस तरह मानसिक पीड़ा देना कि उनका साथ रहना संभव न रह जाए और दूसरे पक्ष के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता हो, उसे क्रूरता माना जाएगा. कोर्ट ने बिलासपुर फैमिली कोर्ट के फैसले का हस्तक्षेप योग्य नहीं मानते हुए पति की याचिका खारिज कर दी है.

Read More
{}{}