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ग्वालियर नगर निगम सभापति चुनाव में हुई थी क्रॉस वोटिंग, कांग्रेस ने शुरू की जांच

ग्वालियर नगर निगम (gwalior nagar nigam) के 66 वार्डों में बीजेपी ने 34 वार्डों में जीत हासिल की थी. वहीं कांग्रेस को 25 वार्डों में जीत मिली थी. साथ ही 6 वार्ड निर्दलीय और एक वार्ड बसपा के खाते में गया था. 

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ग्वालियर नगर निगम सभापति चुनाव में हुई थी क्रॉस वोटिंग, कांग्रेस ने शुरू की जांच
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Nitin Gautam|Updated: Aug 11, 2022, 05:28 PM IST

ग्वालियरः  ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Nagar Nigam) सभापति चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस के तीन पार्षदों पर आरोप है कि उन्होंने क्रॉस वोटिंग की. ऐसे में कांग्रेस ने अब इसकी जांच शुरू कर दी है. कांग्रेस की दो सदस्यीय कमेटी जल्द ही ग्वालियर जाकर इस मामले की जांच करेगी. जांच के बाद रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस चीफ कमलनाथ को सौंपी जाएगी. 

बता दें कि ग्वालियर नगर निगम में मेयर पद पर जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के हौंसले बुलंद थे और कांग्रेस ने सभापति चुनाव में भी जीत का दावा किया था, जबकि नगर निगम में बहुमत बीजेपी के पास था. हालांकि किसी तरह बीजेपी ग्वालियर में सभापति चुनाव में जीत दर्ज करने में सफल रही. आरोप लगे कि कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की, जिसके चलते बीजेपी अपने सभापति को जिताने में सफल रही. अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष और संगठन मंत्री चंद्रप्रभाष शेखर ने दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है.

इस कमेटी में पूर्व मंत्री मुकेश नायक और प्रभारी महेंद्र सिंह चौहान को शामिल किया गया है. कमेटी के सदस्य जल्द ही ग्वालियर आकर जांच करेंगे.जांच के बाद रिपोर्ट बनाकर कमलनाथ को भेजी जाएगी. ग्वालियर नगर निगम सभापति चुनाव में कांग्रेस को महज एक वोट से हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी के मनोज तोमर ने करीबी मुकाबले में कांग्रेस की लक्ष्मी गुर्जर को हराया था. 

66 वार्डों वाले ग्वालियर नगर निगम में बीजेपी ने 34 वार्डों में जीत हासिल की थी. वहीं कांग्रेस को 25 वार्डों में जीत मिली थी. साथ ही 6 वार्ड निर्दलीय और एक वार्ड बसपा के खाते में गया था. बाद में निर्दलीय पार्षदों ने कांग्रेस की सदस्यता हासिल कर ली थी, जिसके बाद कांग्रेस के पार्षदों की संख्या बढ़कर 33 हो गई थी. ऐसे में ग्वालियर नगर निगम के मेयर पद के अलावा सभापति पद के भी बीजेपी के हाथ से जाने की आशंका पैदा हो गई थी. हालांकि आखिरकार बीजेपी जीतने में कामयाब रही. 

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