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MP News: BJP के पूर्व MLA दोषी साबित, कोर्ट ने इस गंभीर मामले में सुनाई सजा

Narendra Singh Kushwaha:वर्ष 2012 से संबंधित पुलिस की कार्रवाई में बाधा डालने के मामले में ग्वालियर की एक कोर्ट ने भिंड से भाजपा के पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह व उनके समर्थकों को सजा सुनाई है.

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Narendra Singh Kushwaha
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Abhay Pandey|Updated: Feb 25, 2023, 06:11 PM IST

प्रदीप शर्मा/भिण्ड: ग्वालियर की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (Gwalior's Special Judicial Magistrate) एमपी एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) ने भिंड के पूर्व भाजपा विधायक (BJP MLA from Bhind)  नरेंद्र सिंह कुशवाह (Narendra Singh Kushwaha) और उनके छह समर्थकों को ग्यारह साल पुराने मामले में सजा सुनाई है. यह सजा 6 महीने की सुनाई गई है. दरअसल, न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी एमएलए कोर्ट महेंद्र सैनी ने भिंड के पूर्व भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह उनके बेटे पुष्पेंद्र सिंह कुशवाह सहित अन्य लोगों को इस सजा से दंडित किया है.

क्या था मामला?
दरअसल, ड्राई डे के दिन शराब दुकान से खुलेआम इसकी बिक्री होने की सूचना पर पुलिस वहां छापा डालने गई थी. उस समय तत्कालीन आईपीएस अधिकारी एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भिंड जयदेवन ए के नेतृत्व में यह टीम रवाना हुई थी. एडिशनल एसपी जयदेवन ए के साथ भी बदसलूकी की गई थी. इस मामले में उनके भी बयान दर्ज किए गए हैं. 

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बता दें कि एक पुलिस सब इंस्पेक्टर रबूदी सिंह की रिपोर्ट पर यह एफआईआर की कार्रवाई की गई थी,जिसमें बताया गया था कि 8 मार्च 2012 को लहार चुंगी स्थित शराब की दुकान के पास अवैध शराब को पकड़ने की पुलिस कार्रवाई कर रही थी. तभी पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह अपने डेढ़ दर्जन से ज्यादा साथियों के साथ वहां आए और पुलिस को शराब कारोबार और तस्करी की कार्रवाई में उन्होंने अड़चन पैदा की.

जिसके बाद शासकीय कार्य में बाधा सहित मारपीट करने जैसी धाराओं के तहत पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह, उनके बेटे पुष्पेंद्र सिंह सहित राजू सिंह अरविंद सिंह छोटे सिंह और राहुल सिंह इस मामले में दोषी पाया गया और उन्हें 6 महीने के कारावास की सजा से दंडित किया है. सभी पर 500 रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. राशि का भुगतान नहीं करने पर इन आरोपियों को एक महीने की सजा अतिरिक्त भुगतना पड़ेगा.

स्थाई जमानत के लिए दिया गया एक महीने का समय 
गौरतलब है कि यह सजा तीन साल से कम है.इसलिए सभी को फिलहाल अस्थाई जमानत का लाभ दिया गया है,अपनी स्थाई जमानत के लिए उन्हें एक महीने का समय दिया गया है. इस मामले में अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया है.

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