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Guru Purnima 2022: नौकरी व कारोबार में तरक्की के लिए गुरु पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय, चमक जाएगी किस्मत

Guru Purnima 2022: यदि आपके नौकरी या कारोबार में मनचाही तरक्की नहीं हो रही है तो गुरु पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में अपने गुरु की पूजा विधि विधान से कर गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करें. आइए जानते हैं कैसे करें गुरु की पूजा और क्या है इसका महत्व.

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Guru Purnima 2022: नौकरी व कारोबार में तरक्की के लिए गुरु पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय, चमक जाएगी किस्मत
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Zee News Desk|Updated: Jul 11, 2022, 12:21 PM IST

Guru Purnima Upay 2022: हिंदू धर्म के लोग प्राचीन काल से गुरु शिष्य परंपरा का निर्वहन करते आ रहे हैं. हालांकि अब पहले जैसे न गुरु रह गए हैं और न ही वो शिष्य. गुरु को याद रखने के लिए सनातन धर्म के लोग आषाढ़ माह के पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के नाम से मनाते हैं और इस दिन अपने गुरु के घर जाकर या उन्हें अपने घर बुलाकर विधि विधान से पूजा कर इज्जत सम्मान देते हैं. इस दिन लोग अपने गुरु का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. इस बार गुरु पूर्णिमा का त्यौहार 13 जुलाई यानी बुधवार को मनाया जाएगा. गुरु पूर्णिमा के दिन ही वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजा और दान पुण्य का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा के दिन कैसे करें गुरु की पूजा और कब है गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त.

नौकरी में तरक्की के लिए गुरु की पूजा
गुरु पूर्णिमा की तिथि 13 जुलाई को सुबह चार बजे से शुरू होगी जो 14 जुलाई की रात 12 बजकर 06 मिनट तक रहेगी. इस दिन राजयोग बन रहा है, ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि आपको नौकरी में मनचाही तरक्की मिल जाए तो गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के घर मिष्ठान्न, फल और माला लेकर गुरु के घर पर जाएं और गुरु के चरण को अपने हाथों से धूलें. इसके बाद गुरु को मिठाई खिलाएं और गुरु को सामर्थय अनुसार दक्षिणा दें. ऐसा करने से गुरु की कृपा से आपके नौकरी में प्रमोशन की उम्मीद बढ़ जाती है. 

कारोबार में तरक्की के लिए गुरु की पूजा
यदि आपको कारोबार में बार-बार नुकसान हो रहा है तो गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरु को अपने दुकान या प्रतिष्ठान में बुलाकर इज्जत भाव के साथ बैठाएं. किसी पात्र में जल लेकर गुरुजी के चरणों को श्रद्धा भाव से धोएं और इस जल को अपने प्रतिष्ठान और घर में छिड़क दें. इसके बाद गुरु को मीठा भोजन कराएं और उन्हें पीले रंग के वस्त्र और पीली वस्तुएं दान में दें. ऐसा करने से जल्दी ही आपके कारोबार में तरक्की होने लगेगी.

गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 13 जुलाई को प्रातः काल 04 बजे से शुरू होगी. जो 13 जुलाई की रात 12 बजकर 06 मिनट पर समाप्त होगी. इस शुभ घड़ी में आप सुबह स्नान करने के बाद घर के मंदिर में अपने आराध्य देवता की विधि विधान से पूजा करें. इसके बाद अपने पहले गुरु यानी माता-पिता का पैर छूकर आशीर्वाद लें. गुरु पर्णिमा के दिन गुरुजनों की पूजा करने के विधान है. इसलिए आप अपने गुरु के लिए पीताम्बर, नारियल, पुष्प, मिष्ठान, कपूर, लौंग लेकर गुरु के घर जाएं और गुरु का पैर छूकर आशीर्वाद लें. साथ ही गुरु की विधि-विधान से पूजा करें. मान्यता है कि जो शिष्य गुरु पुर्णिमा के दिन सच्चे मन से अपने गुरू की पूजा करता है उसे हर कार्यों में सफलता मिलती है. 

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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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