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बलात्कार की महिला ने लिखवाई झूठी रिपोर्ट, कोर्ट ने ऐसे पकड़ा, अब मिली ये सजा

खंडवा में एक महिला को अपने साथ हुए बलात्कार की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराना भारी पड़ गया. न्यायालय ने आरोपी को बरी करते हुए झूठी गवाही देने वाली महिला के खिलाफ अपराध दर्ज करने के निर्देश दिए है. 

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बलात्कार की महिला ने लिखवाई झूठी रिपोर्ट, कोर्ट ने ऐसे पकड़ा, अब मिली ये सजा
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Shikhar Negi|Updated: Oct 10, 2023, 07:46 PM IST

खंडवा: खंडवा में एक महिला को अपने साथ हुए बलात्कार की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराना भारी पड़ गया. न्यायालय ने आरोपी को बरी करते हुए झूठी गवाही देने वाली महिला के खिलाफ अपराध दर्ज करने के निर्देश दिए है. अदालत का मानना है ऐसे झूठे मामले दर्ज कर करने की प्रवृत्ति को रोकना जरूरी है. ताकि भविष्य में कानून और न्यायालय की गरिमा कायम रह सके.

दरअसल घटना पिपलोद थाना क्षेत्र की है. जब लगभग 3 वर्ष पहले एक महिला ने गांव के ही एक व्यक्ति पर मारपीट और बलात्कार करने की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई. पुलिस ने जांच पड़ताल कर महिला उत्पीड़न, बलात्कार एवं अनुसूचित जाति जनजाति एक्ट के तहत अपराध दर्ज करते हुए आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया.

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महिला बदलते रही बयान
 वहीं न्यायालय ने जब महिला को समय-समय पर बयान दर्ज करने के लिए बुलवाया तब वह बार-बार बयान बदलती रही. आखिर बयान में उसने कहा कि उसके साथ आरोपी ने ऐसी कोई घटना नहीं की थी. परिवार वालों के दबाव के कारण उसने आरोपी के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. इस महिला ने यह भी बताया कि फिलहाल में वह उसी आरोपी के साथ पत्नी के रूप में रह रही है. इसी आधार पर माननीय न्यायालय ने आरोपी को बरी करते हुए. महिला के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करने के कारण अलग से थाने में मामला दर्ज करने के निर्देश दिए.

झूठी रिपोर्ट की प्रवृत्ति बढ़ी
शासकीय अभियोजक ने बताया कि समाज में झूठी रिपोर्ट दर्ज करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए माननीय न्यायालय ने न्यायालय और कानून की गरिमा बनाए रखने के मद्देनजर महिला के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए है.

सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर की थी टिप्पणी 
बता दें कि एक मामले की सुनवाई करते हुए सु्प्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि ''इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि दुष्कर्म से पीड़िता को सबसे ज्यादा परेशानी और अपमान सहना पड़ता होता है, लेकिन साथ ही दुष्कर्म का झूठा आरोप आरोपी को भी उतना ही कष्ट, अपमान और नुकसान पहुंचा सकता है. किसी व्यक्ति को रेप के झूठे मामले में फंसाने से बचाए जाने की जरूरत है.

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