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धर्मांतरण के आरोप पर ईसाई मिशनरी के आरोप, कहा आरोपी बनाया गया आदमी 2 साल पहल छोड़ चुका नौकरी

रविवार को ईसाई मिशनरी पर लगे धर्मांतरण के आरोपों और राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सोमवार को इस मुकदमे के खिलाफ ईसाई मिशनरी से जुड़े सैकड़ों लोगों ने दमोह के एस पी आफिस में पहुंचकर ज्ञापन सौंपा है.

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धर्मांतरण के आरोप पर ईसाई मिशनरी के आरोप, कहा आरोपी बनाया गया आदमी 2 साल पहल छोड़ चुका नौकरी
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Updated: Nov 14, 2022, 02:47 PM IST

महेंद्र दुबे/दमोह: रविवार को ईसाई मिशनरी पर लगे धर्मांतरण के आरोपों और राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सोमवार को इस मुकदमे के खिलाफ ईसाई मिशनरी से जुड़े सैकड़ों लोगों ने दमोह के एस पी आफिस में पहुंचकर ज्ञापन सौंपा है. उनका आरोप है कि मामले में गलत लोगों के नाम आरोपियों की लिस्ट में डाले गए हैं. इसपर नाराजगी जताते हुए सैंकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया. कल मध्य प्रदेश के दमोह में बच्चों का धर्मांतरण का मुद्दा सामने आया था. इसमें भारी विरोध के बाद बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मामले पर संज्ञान लिया था. इसके बाद FIR दर्ज हुई थी.

'आरोपी का हमसे नहीं है कोई नाता'
मिशनरी की आधार शिला संस्थान के प्रमुख डॉ अजय लाल के पक्ष में पहुंचे मसीही समाज और आधारशिला संस्थान के सहकर्मियों ने दावा किया कि जो एफआईआर दर्ज हुई है, उसमें आरोपियों में एक नाम डॉ अजय लाल का है. जबकि डॉ लाल का आरोपित संस्था से इस समय संस्थान से कोई लेना देना नहीं है. ज्ञापन में कहा गया है कि जिस संस्था मिड इंडिया क्रिश्चियन मिशन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है, उस संस्था से आरोपी बनाए गए डॉ अजय लाल दो साल पहले इस्तीफा दे चुके हैं. इसके दस्तावेज भी ज्ञापन के साथ सौंपे गए हैं. इस मामले में दमोह एस पी डी आर तेनिवार का कहना है कि मामले में जांच चल रही है और जांच के बाद ही कार्रवाई होगी.

धर्मांतरण के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया 
रविवार रात को ईसाई मिशनरियों के द्वारा बच्चों के धर्मांतरण के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया था. जिले के दौरे पर पहुंचे बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने हॉस्टल का औचक निरीक्षण किया. इसके लिए पहले तो उन्हें लंबा इंतजार करवाया गया. इसके बाद उन्होंने थाने में मामले को लेकर शिकायत दर्ज करवाई. इसके बाद पुलिस ने 10 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की. 

भारी हंगामे के बाद दर्ज हुई रिपोर्ट
आयोग के अध्यक्ष रिपोर्ट दर्ज करवाने गए तो पुलिस थाने में पहले भारी हंगामा हुआ और खूब नारेबाजी की गई. इसके बाद पुलिस ने दर्ज कर ईसाई मिशनरी के 10 लोगों के खिलाफ 'IPC की धारा 370, किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 42 एवं 75, मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 की धारा 03 और धारा 05 के तहत मामला दर्ज किया. एडिशनल एसपी शिवकुमार सिंह के मुताबिक, आयोग अध्यक्ष ने धर्मांतरण के आरोप लगाए हैं, जिनकी जांच की जा रही है'.

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