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CM Shivraj ने हार के साथ की थी राजनीति में एंट्री, 10वीं में लड़ा पहला चुनाव हार गए, अब बनाया ये रिकॅार्ड

MP Political News: एमपी के सीएम शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh) के चौथे कार्यकाल के तीन साल आज पूरे हो गए. इस मौके पर उनका एक पुराना वाक्या चर्चा में है. शिवराज ने 10वीं में पहला चुनाव लड़ा था, जिसे वो हार गए थे. इसी कारण उनके लिए ये भी कहा जाता है कि हार कर जीतने वाले को शिवराज सिंह कहते हैं.

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CM Shivraj ने हार के साथ की थी राजनीति में एंट्री, 10वीं में लड़ा पहला चुनाव हार गए, अब बनाया ये रिकॅार्ड
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Divya Tiwari Sharma |Updated: Mar 23, 2023, 11:35 AM IST

Shivraj Singh Chouhan Political Career: मध्य प्रदेश  (Madhya Pradesh)के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आज चौथे कार्यकाल के तीन साल पूरे हो गए. हाल ही में शिवराज सिंह ने बीजेपी (BJP) के सबसे लंबे समय तक सीएम रहने का रिकॅार्ड अपने नाम किया है. इसके पहले यह रिकॅार्ड छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह के नाम था. इस कार्यकाल के तीन साल पूरे होने पर प्रदेश भर में आयोजन हो रहे हैं और शिवराज सिंह की सफलता के कई किस्से याद किए जा रहे हैं.

शिवराज ने अपना पहला चुनाव 10 वीं क्लास में लड़ा था मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बावजूद भी इन्होंने कैसे एमपी के सीएम तक का सफर तय किया आइए जानते हैं.

जब चुनाव हार गए थे शिवराज 
सीएम शिवराज ने आज मध्य प्रदेश में अपने चौथे कार्यकाल का तीसरा साल पूरा किया. हालांकि एक समय ऐसा भी था जब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. बता दें कि शिवराज सिंह चौहान राजनीतिक जीवन का अपना पहला चुनाव हार गए थे. शिवराज सिंह चौहान ने कक्षा 10वीं में कैबिनेट के सांस्कृतिक सचिव का चुनाव लड़ा था मगर उसमें जीत हासिल करने में नाकाम रहे थे. इसके एक साल बाद उन्होंने 11वीं क्लास में अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा और उसमें जीत हासिल की. इसके बाद लगातार ये राजनीति में अग्रसर होते गए.

पहली बार बने सीएम
शिवराज सिंह चौहान 29 नवंबर 2005 में पहली बार मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री बने थे. इसके बाद से लगातार वो 2018 तक प्रदेश के सीएम बने रहे और उन्होंने अपना तीन कार्यकाल पूरा किया. मगर 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कमलनाथ ने सीएम पद की शपथ ली थी. मगर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब विधायकों के साथ भाजपा ज्वाइन की तो उसके बाद ये फिर से सीएम बन गए.

पहली बार बने विधायक
साल 1984-85 में शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में बीजेपी मोर्चा के संयुक्त सचिव 1985 में बनाए गए. इसके बाद  वे संगठन के लिए लगातार काम करते रहे और 1988 तक इस पद पर बरकार रहे. इसके बाद साल 1988 में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद इन्होंने1991 तक इस पद को संभाल रखा.

इसी दौरान 1990 के विधानसभा चुनाव के दौरान शिवराज ने बुधनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बने. इसके अलावा शिवराज सिंह पांच बार सांसद भी चुने जा चुके हैं.

ऐसे हुई राजनीति में एंट्री
सीएम शिवराज अपने पढ़ाई के लिए भोपाल रूख किया. यहां पर उन्होंने मॉडल हाई सेकेंडरी स्कूल में दाखिला लिया. राजनीति में बचपन से ही दिलचस्पी रखने वाले शिवराज सिंह ने यहां पर भी अपनी छाप छोड़ी और 1975 में यहां से छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए. इसके बाद से ये लंबे समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन से जुड़े रहे. इसके बाद धीरे - धीरे इन्होंने मुख्य राजनीति में कदम रखा.

प्रदेश भर में हो रहा आयोजन
सीएम शिवराज सिंह के आज चौथे कार्यकाल का तीन साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर भाजपा प्रदेश भर में आयोजन कर रही है.जिसके जरिए सरकार की उपलब्धियों से जनता को अवगत कराया जाएगा. साथ ही साथ सरकार की योजनाओं के भी बारे में लोगों को बताया जाएगा.

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