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स्कूलों में प्रार्थना के बाद और छुट्टी के पहले करना होगा ये काम, बाल आयोग ने जारी की SOP

एमपी में स्कूलों में बच्चों की साथ हो रही अलग-अलग घटनाओं को लेकर अब बाल आयोग सख्त हो गया है. आयोग ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर एसओपी (Standard Operating Procedures) जारी किया है. जिसमें कुछ बिंदु जारी किए है. जो स्कूल को फॉलो करना होगा.

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स्कूलों में प्रार्थना के बाद और छुट्टी के पहले करना होगा ये काम, बाल आयोग ने जारी की SOP
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Zee Media Bureau|Updated: Sep 22, 2022, 08:24 AM IST

आकाश द्विवेदी/भोपाल: एमपी में स्कूलों में बच्चों की साथ हो रही अलग-अलग घटनाओं को लेकर अब बाल आयोग सख्त हो गया है. आयोग ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर एसओपी (Standard Operating Procedures) जारी किया है. जिसमें कुछ बिंदु जारी किए है. जो स्कूल को फॉलो करना होगा. बाल आयोग ने 13 बिन्दुओं की एसओपी सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को भेजी है.

बाल आयोग ने जारी की ये SOP
1. स्कूलों में प्रार्थना के बाद एवं छुट्टी के पहले 10 मिनट गुड टच और बैड टच की बच्चों को दी जाए जानकारी.
2. सीसीटीवी कैमरे के डीबीआर का डाटा कम से कम 30 दिनों तक रखा जाए.
3. स्कूल से जुड़े सभी कर्मचारियों का हो पुलिस वेरिफिकेशन.
4. प्री प्राइमरी में प्राथमिकता के साथ 75 फीसद महिलाएं स्टॉप ही रखना सुनिश्चित करें.
5. बड़े अक्षरों में स्कूल में अंकित किया जाए हेल्पलाइन नंबर.
6. प्राइवेट स्कूलों में बाल सहायता एवं सुझाव समिति का गठन किया जाए. प्राइमरी मिडिल एवं हाई सेकेंडरी में से एक एक अभिभावक तीन अभिभावको को समिति में करें शामिल...
7. समिति की प्रत्येक माह में बैठक हो. बैठक की रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भेजी जाए.
8. स्कूल आवागमन के साधनों में महिला चालकों को प्राथमिकता दिए जाए.
9. स्कूल आवागमन की व्यवस्था में उच्च न्यायालय की गाइडलाइन का पालन हो..

जिला प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारी
बाल आयोग ने 15 दिनों में एसओपी का पालन सुनिश्चित कर आयोग को अवगत कराने के लिए कहा है. आदेश में कहा गया है कि SOP के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी स्कूल शिक्षा, जिला प्रशासन और पुलिस की होगी.

सीएम शिवराज ने लिया था एक्शन
मध्य प्रदेश के निजी स्कूल में नर्सरी की 3 साल की बच्ची के साथ स्कूल बस ड्राइवर द्वारा किए गए दुष्कर्म की घटना पर अब सीएम शिवराज ने संज्ञान लिया था. सीएम शिवराज सिंह ने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि स्कूल बस में कौन ड्राइवर रखा जाएगा, यह स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है. स्कूल प्रबंधन समय-समय पर इस बात की  जांच करें. वही स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की गई कार्रवाई पर भी सीएम शिवराज ने पूछा कि अब तक क्या कार्रवाई हुई है? साथ ही स्कूल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. 

जानिए क्या है मामला
दरअसल घटना 8 सितंबर की भोपाल के बिलाबॉन्ग स्कूल की है. जहां नर्सरी में पढ़ने वाली बच्ची के परिजनों ने बस के ड्राइवर पर बच्ची से दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है. बच्ची के परिजनों का कहना है कि जब बच्ची स्कूल से घर लौटी तो उसके कपड़े बदले हुए थे. जब परिजनों को शक हुआ तो उन्होंने कपड़े बदलने की वजह पूछी. शक होने पर परिजनों ने स्कूल प्रबंधन से संपर्क किया. हालांकि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद और शक होने पर परिजनों ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर घटना की शिकायत की. 

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