Chhatarpur Seat Analysis: पिछले चुनाव में छतरपुर की चंदला बस बीजेपी (BJP) के खाते में आ पाई थी. हालांकि, दलबदल के बाद हुए उपचुनाव में पार्टी के खाते में प्रद्युम्न सिंह लोधी मलहरा के रूप में एक और सीट लेकर आए. जिले की राजनगर सीट (Rajnagar) आज भी कांग्रेस (Congress) के विक्रम सिंह नाती राजा (Vikram Singh Nati Raja) के रूप में अजेय किला बनी हुई है. चूंकि, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) का संसदीय क्षेत्र भी इसी इलाके में आता है. इस कारण ये यहां भाजपा के लिए इस बार 6 सीटों पर कब्जा करना बड़ी चुनौती है.
वर्तमान स्थिति (2018)
2020 में हुए उपचुनाव से पहले छतरपुर की 6 सीटों में से महज एक सीट पर बीजेपी का कब्जा था. हालांकि, मलहरा से कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए प्रद्युम्न सिंह लोधी ने भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ा और मुख्य प्रतिद्वंदी कांग्रेस की रामसिया भारती से 17 हजार मतों से जीत हासिल कर ली. इसके अलावा महाराजपुर, राजनगर, छतरपुर कांग्रेस के कब्जे में रही. वहीं बिजावर से समाजवादी पार्टी के राजेश शुक्ला ने जीत हासिल की.
वोटों के आंकड़े
महाराजपुर: कुल वोटर 212776 में से महिला 99042 और पुरुष 113730 हैं
चंदला: कुल वोटर 212112 में से महिला 95856 और पुरुष 116252 हैं
राजनगर: कुल वोटर 217008 में से महिला 99345 और पुरुष 117660 हैं
छतरपुर: कुल वोटर 204325 में से महिला 94881 और पुरुष 109439 हैं
बिजावर: कुल वोटर 205915 में से महिला 94356 और पुरुष 111557 हैं
मल्हारा: कुल वोटर 207038 में से महिला 95361 और पुरुष 111670 हैं
2018 में वोट शेयर
विधानसभा चुनाव 2028 में छतरपुर की किसी एक सीट में कांग्रेस अलावा सबसे ज्यादा वोट शेयर समाजवादी पार्टी ने हालिस की थी. मल्हारा से कांग्रेस को 67184 जबकि, बिजावर से एसपी 67623 मिले थे. महज एक सीट (चंदला) को में बीजेपी को जीत के साथ 41227 वोट मिले. जबकि सामने से लड़ रही कांग्रेस को 40050 वोट मिले थे. अन्य पार्टियों ने एक साथ मिलकर सबसे ज्यादा राजनगर में 64019 वोट काटे थे.
2018 के आंकड़े
पिछले चुनाव में छतरपुर की 6 में से एक बिजावर सीट को जीतने वाले सपा के राजेश शुक्ला ने बीजेपी के गुड्डन भैया को 25.52 फीसदी मतों के अंतर से हरा दिया था. जबकि, सबसे कम मतों के अंतर से राजनगर से कांग्रेस के विक्रम सिंह बीजेपी के अरविंद पटेरिया के खिलाफ जीते थे. इनकी जीत का अंतर 0.52 फीसदी रहा. वहीं चंदला से बीजेपी के राजेश कुमार प्रजापति कांग्रेस के अनुरागी हरप्रसाद के खिलाफ 0.91 वोट ज्यादा हासिल कर जीत पाई थी.
2013 के आंकड़े
विधानसभा चुनाव 2013 में छतरपुर के 6 में 5 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया. हालांकि, भाजपा को एक सीट पर कांग्रेस के स्थान पर बहुजन समाज पार्ट से कड़ी टक्कर मिली. INC के खाते में इस साल यहां से राजनगर के विक्रम सिंह नाती राजा के रूप में यहां से एक ही सीट जा पाई. शेष 5 सीटों पर बीजेपी का कब्जा रहा.
- महाराजपुर से मानवेंद्र सिंह
- चंदला से आरडी प्रजापति
- छतरपुर से ललिता यादव
- बिजावर से गुड्डन पाठक
- मलहरा से रेखा यादव
2008 के आंकड़े
साल 2006 में भाजपा के अलग होकर उमा भारती ने भारतीय जनशक्ति पार्टी के रूप में नई पार्टी बनाई और 2008 का चुनाव भी लड़ा. इस चुनाव में नई पार्ट ने कांग्रेस के खाते से एक सीट (मलहरा) हासिल की और एक पर (चंदला) बीजेपी को कड़ी टक्कर दी. हालांकि, बाकी की सीटों पर भी काफी ज्यादा वोट काटे. सबसे बड़ी बात की इस साल कांग्रेस ने 2 सीट जीती और कड़ी मुकाबला भी सिर्फ दो में ही दे पाई.
2003 के आंकड़े
साल 2013 में हुआ चुनाव में जिले में केवल 4 विधानसभा सीटें ही हुआ करती थी. राजनगर और मलहरा परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई. हालांकि, परिसीमन के पहले यहां कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं था. पार्टी के केवल 2 सीटों पर मुख्य प्रतिद्वंदी ही बनकर रह गई थी. जबकि, सपा के खाते में इस बार जिले की 2 सीटें गई थी.
अब साल 2023 के चुनाव में बीजेपी के पास इस जिले की 6 में 6 सीटें हासिल करना का लक्ष्य है. क्योंकि ये जिला वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष का इलाका भी है. पार्टी का पूरा प्रयाश होगा कि इस बार राजनगर से नाती राजा के किले को तोड़कर अध्यक्ष की साख को बचाए. खैर देखना होगा कि किसकी मेहनत कितना रंग लाती है.