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भारत में चीतों को बचाना है बड़ी चुनौती, जानिए क्या हैं खतरे

एमपी के कूनो नेशनल पार्क में चीतों के लिए एक और परेशानी हो सकती है. दरअसल अफ्रीकी देश तंजानिया में चीते छोटे बारहसिंघा का शिकार करते हैं लेकिन कूनो में उन्हें काले हिरण और चिंकारा का शिकार करना होगा.

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भारत में चीतों को बचाना है बड़ी चुनौती, जानिए क्या हैं खतरे
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Nitin Gautam|Updated: Sep 18, 2022, 12:43 PM IST

नई दिल्लीः शनिवार को नामीबिया से 8 चीते श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में लाए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर चीतों को पिंजरों से आजाद किया. भारत में विलुप्त होने के सालों बाद फिर से भारत की धरती पर चीते दिखाई देंगे. हालांकि भारत में चीतों के लिए चुनौती भी कम नहीं हैं. विशेषज्ञों को चिंता है कि भारत में चीतों का सर्वाइव करना काफी चुनौतीपूर्ण है और अगर सावधानी नहीं रखी गई तो भारत में फिर से चीतों को देखने की उम्मीद, उम्मीद ही रह जाएगी. 

एनडीटीवी के साथ बातचीत में वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट वाल्मिक थापर ने बताया कि कूनो नेशनल पार्क में चीतों के लिए खतरा कम नहीं है. उन्होंने बताया कि यह इलाका हाइना और तेंदुओं से भरा पड़ा है जो कि चीतों के दुश्मन माने जाते हैं. अफ्रीका में देखा गया है कि हाइना चीतों का शिकार करते हैं. वाल्मिक थापर ने बताया कि कूनो के आसपास 150 गांव हैं, जिनमें कई डॉग्स हैं और ये डॉग्स भी चीतों को मार सकते हैं. 

वाल्मिक थापर ने ये भी बताया कि तंजानिया जैसे देशों में चीतों के रहने की जगह बड़े-बड़े घास के मैदान हैं लेकिन कूनो नेशनल पार्क में जंगल है और यहां चीतों को दौड़ने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. यह चीतों के लिए चुनौतीपूर्ण है. कूनों में बाघ भी पाए जाते हैं. बाघ भी चीतों के लिए खतरनाक होते हैं. 

एमपी के कूनो नेशनल पार्क में चीतों के लिए एक और परेशानी हो सकती है. दरअसल अफ्रीकी देश तंजानिया में चीते छोटे बारहसिंघा का शिकार करते हैं लेकिन कूनो में उन्हें काले हिरण और चिंकारा का शिकार करना होगा. हिरणों के लंबे सींग भी चीतों के लिए खतरनाक हो सकते हैं क्योंकि अगर चीते घायल हो गए तो यह चोट उनके लिए घातक साबित हो सकती है. ऐसे में चीतों का भारत में सर्वाइव करना काफी चुनौतीपूर्ण होगा. 

बता दें कि नामीबिया से 8 चीते, जिनमें 5 मादा और 3 नर चीते हैं, भारत लाए गए हैं. चीतों को मध्य प्रदेश के श्योपुर में मौजूद कूनो नेशनल पार्क में रखा गया है. फिलहाल इन चीतों को एक सीमित क्षेत्र में क्वारंटीन किया गया है और एक महीने तक चीते इसी तरह छोटे इलाकों में रहेंगे और करीब एक माह बाद इन चीतों को जंगल में छोड़ दिया जाएगा.  

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