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MP Chunav 2023: BJP-कांग्रेस ने बताया नारायण त्रिपाठी से कितना नुकसान, जानें विंध्य जनता पार्टी का असर

MP Vidhansabha Chunav 2023: मध्य प्रदेश में आई नई नवेली पार्टी यानी नारायण त्रिपाठी की विंध्य जनता पार्टी को चुनाव चिन्ह मिल गया है. इससे नुकसान पर जानिए बीजेपी कांग्रेस ने क्या रिएक्शन दिया.

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MP Chunav 2023: BJP-कांग्रेस ने बताया नारायण त्रिपाठी से कितना नुकसान, जानें विंध्य जनता पार्टी का असर
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Zee News Desk|Updated: Oct 22, 2023, 06:26 PM IST

MP Assembly Election 2023: मैहर/भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 21 अक्टूबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इससे पहले विंध्य में भाजपा के विरोध में खड़े नारायण त्रिपाठी की पार्टी यानी विंध्य समाज पार्टी को चुनाव चिन्ह का आवंटन हो गया है. यानी अब नारायण त्रिपाठी और उनके उम्मीदवार कम से कम विंध्य में तो अपनी पीर्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे. जानिएं इससे बीजेपी कांग्रेस ने विंध्य में नुकसान को लेकर क्या कहा.

नारायण पर क्या बोली कांग्रेस
कांग्रेस का दावा है कि विंध्य जनता पार्टी से बीजेपी को ही नुकसान होगा. ये कांग्रेस के सामने कोई चुनौती नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता आनन्द जाट ने कहा कि बीजेपी की 50% कमीशन की सरकार से परेशान होकर अपनी अलग पार्टी बनाई है. कमलनाथ प्रदेश की विकास की बात करते हैं. उसमें विंध्य का विकास भी होगा. विंध्य की जनता कांग्रेस के साथ हैं.

बीजेपी ने बताया भविष्य
बीजेपी ने कहा चुनाव के समय जन्म लेने वाली राजनीतिक पार्टियों का कोई भविष्य नही है. नारायण त्रिपाठी की पार्टी से विंध्य में असर को लेकर बीजेपी मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने  ने कहा कि नारायण त्रिपाठी सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए पार्टी बनाई है. नारायण त्रिपाठी को जनता अच्छे से जानती है. मध्यप्रदेश में विकास करने वाली एक ही पार्टी है जो भारतीय जनता पार्टी.

क्या है नारायण त्रिपाठी का प्रभाव?
बता दें मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने भाजपा से अलग होकर नई पार्टी बनाई है. उन्होंने विंध्य जनता पार्टी के द्वारा रामराज्य की स्थापना करना ही पहला मकसद बताया है. विंध्य यानी शहडोल और रीवा संभाग में नारायण त्रिपाठी बड़ा ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं. वो यहां की लगभग सभी सीटों पर पकड़ रखते हैं. इन सीटों पर उन्होंने चुनाव लड़ने की बात कही है. सियासी जानकारी को माने तो उन्हें विंध्य के नाम का फायदा मिल सकता है. हालांकि, अब ये चुनाव के बाद साफ होगा की नारायण की विंध्य की सियासत में कितना असर है.

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