नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah In Bhopal) राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड कार्यक्रम में पहुंचे. इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh) , मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्म मिश्रा सहित सरकार के कई मंत्री साथ मौजूद रहे. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई की शुरुआत के लिए हिंदी में किताब का विमोचन किया. इस दौरान शाह ने मंच पर पहुंचकर संबोधन शुरू किया तो सबसे पहले मौजूद स्टूडेंट्स से कहा कि इतना जोर लगाओ कि पीएम मोदी (PM Narendra Modi) तक आवाज पहुंचे. इतना सुनते ही बच्चों ने दम भर दिया और लाल परेड ग्राउंड आवाजों से गूंज गया
शिवराज सिंह ने की पीएम की इच्छा पूरी
संबोधन में अमित शाह ने कहा कि सीएम शिवराज सिंह ने हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई की शुरुआत करवा कर पीएम मोदी जी की इच्छा को पूरा किया है. आज मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू हुई. जल्द ही इंजीनियरिंग की भी होगी. आज कई कोर्स का अनुवाद हिंदी में शुरू हो चुका है. जल्द ही देश के लाखों बच्चे अपनी मातृ भाषा में पढ़ाई की इच्छा को पूरा कर सकेंगें. कोर्स के साथ जल्द ही रिसर्च भी हिंदी में कर सकेंगे. शाह ने कहा कि इसके लिए टीम का गठन किया गया. पोर्टल पर भी सर्वे किया गया. बड़ी मेहनत के बाद आज इस दिन को देख पा रहे हैं.
नेलसन मंडेला का दिया उदाहरण
अमित शाह ने हिंदी में पढ़ाई को लेकर कहा नेलसन मंडेला ने कहा था कि अगर आप किसी से उसकी मातृभाषा में बात करते हैं तो वो उसके दिमाग ही नहीं दिल तक जाती है.इंसान की सोचने की प्रक्रिया, संशोधन करने, तर्क करने, विश्लेषण करने और निर्णय तक पहुंचने की प्रक्रिया वो उसकी मातृ भाषा में ही करता है. इसलिए ये बेहद अहम कदम है. मोदी जी के नेतृत्व से हमारी भाषा को महत्व देने का काम शुरू हो गया है. इससे इनफिरियरिटी कॉम्प्लेक्स कम होगा. मोदी जी ने विश्व के हर मंच पर हिंदी में भाषण दिया. जब वैश्विक मंच पर देश के प्रधानमंत्री हिंदी में बोलते हैं तो देश के बच्चों का आत्म विश्वास बढ़ता है.
सीएम शिवराज का संबोधन
इस दौरान पहले तो सीएम शिवराज ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि अंग्रेज चले गए पर हम अंग्रेजी की गुलामी में जकड़े रहे. हिंदी को उठने नहीं दिया. लेकिन अब मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में एमपी में होगी. आर्थिक रूप से कमजोर हिंदी में पढ़कर मेडिकल की पढ़ाई में पहुंच जाते थे पर अंग्रेजी के मकड़ जाल में फंस जाते थे. कई छात्र अंग्रेजी कम आने के चलते फेल होंते थे और आत्महत्या जैसे कदम उठाने लगते थे. आज अंग्रेजी की गुलामी से आज़ादी का दिन है. सीएम बोले ये काम आज़ादी के बाद हो जाना था पर नहीं हुआ. जिन पर सरकार चलाने की जिम्मेदारी थी उन्होंने हिंदी को बढ़ाने का काम नहीं किया. चारों तरफ अंग्रेजी का साम्राज्य हो गया. महापुरुषों का अपमान किया...
सीएम ने कहा समय आगे बढ़ा और अंग्रेजी मीडिया की बाढ़ आ गयी. अंग्रेजी ने हमारा उद्धार नहीं किया. लेकिन मोदी जी ने सब बदला. वो जंहा गए हिंदी बोले. अगर रूस,चीन,फ्रांस,इटली में पढ़ सकते हैं तो भारत हिंदी में क्यों नहीं पढ़ सकता. शुरू में मैने जब हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई को लेकर कहा तो बल्लभ भवन में लोग मुस्कुरा रहे थे और असम्भव कह रहे थे. इसी साल 6 मेडिकल कॉलेज और 6 पॉलिटेनिक हिंदी में पढ़ाई करवाएंगे. आईआईटी ओर आईआईएम की पढ़ाई भी हिंदी में करवाएंगे.