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Mahashivratri 2024 Date: इस साल कब है महाशिवरात्रि? जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त

Mahashivratri 2024 date: फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है. इस दिन भक्त महादेव की विशेष पूजा करते हैं. तो आइए जानते हैं इस साल कब मनाई जाएगी महाशिवरात्रि.    

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Mahashivratri 2024 Date: इस साल कब है महाशिवरात्रि? जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त
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Ranjana Kahar|Updated: Feb 15, 2024, 11:53 PM IST

Kab Hai Mahashivratri 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए यह त्योहार हर साल शिव भक्तों द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत रखते हैं और विधि-विधान से पूजा करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इस साल यह महापर्व कब मनाया जाएगा.

महाशिवरात्रि 2024 डेट
पंचांग के अनुसार इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च (शुक्रवार) को मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि चतुर्दशी तिथि रात 09 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी. इसका समापन अगले दिन 09 मार्च को संध्याकाल 06 बजकर 17 मिनट पर होगा. बता दें कि शिव जी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए उदया तिथि देखना जरूर नहीं होता है.

महाशिवरात्रि 2024 पूजा मुहूर्त
8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा का समय शाम के समय 06 बजकर 25 मिनट से 09 बजकर 28 मिनट तक है. रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - रात 09 बजकर 28 मिनट से 9 मार्च को रात 12 बजकर 31 मिनट तक. रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - रात 12 बजकर 31 मिनट से प्रातः 03 बजकर 34 मिनट तक. रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - प्रात: 03.34 से प्रात: 06:37 तक. वहीं निशिता काल मुहूर्त - रात में 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक (9 मार्च 2024). व्रत पारण का समय 9 मार्च को सुबह 06 बजकर 37 मिनट से दोपहर 03 बजकर 28 मिनट तक रहेगा.

महाशिवरात्रि की पूजा विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान शिव का स्मरण करके दिन की शुरुआत करें. इसके बाद गंगाजल युक्त जल से स्नान करें. अब आचमन करके स्वयं को शुद्ध कर लें. इसके बाद सफेद वस्त्र धारण करें. अब सबसे पहले भगवान सूर्य को जल अर्पित करें. इसके बाद फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, भांग, धतूरा, दूध, दही और पंचामृत से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. पूजा के दौरान शिव चालीसा का पाठ करें और शिव मंत्र का जाप करें. अंत में आरती करके भगवान शिव और माता पार्वती से प्रार्थना करें.

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