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Chhattisgarh High Court को मिले 2 नए जज, जानिए कैसे होती है इनकी नियुक्ति?

Chhattisgarh High Court: साल 1998 में तीन जजों के मामले से सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के जरिए कोलेजियम सिस्टम की शुरुआत हुई. कोलेजियम सिस्टम में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों का एक पैनल सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति और तबादलों के लिए सिफारिश करता है. 

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Chhattisgarh High Court को मिले 2 नए जज, जानिए कैसे होती है इनकी नियुक्ति?
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Nitin Gautam|Updated: Jul 18, 2022, 05:56 PM IST

Chhattisgarh High Court​: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High court) में 2 नए जजों की नियुक्ति हो गई है. अधिवक्ता राकेश मोहन पांडेय और विधिक अधिकारी राधाकृष्ण अग्रवाल को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जज बनाया गया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की 14 जुलाई को हुई बैठक में दोनों के नाम पर सहमति बनी थी. जिसके बाद केंद्र सरकार के अनुमोदन पर दोनों जजों की नियुक्ति की गई. 

बता दें कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बीते दिनों ही दो जजों का रिटायरमेंट हुआ था. जिसके बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जजों की संख्या 14 से घटकर 12 रह गई थी. बता दें कि हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम द्वारा होती है. संविधान के अनुच्छेद 217(1) में हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति के बारे में बताया गया है. इसके अनुसार, हाईकोर्ट के जजों के नाम की सिफारिश चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के दो सीनियर जजों वाली कोलेजियम द्वारा की जाती है. 

क्या है कोलेजियम सिस्टम (Collegium System)
कोलेजियम सिस्टम का भारत के संविधान में उल्लेख नहीं है. साल 1998 में तीन जजों के मामले से सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के जरिए कोलेजियम सिस्टम की शुरुआत हुई. कोलेजियम सिस्टम में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों का एक पैनल सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति और तबादलों के लिए सिफारिश करता है. 

कोलेजियम जजों के नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजती है. जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा कोलेजियम द्वारा भेजे गए नामों की जांच/आपत्ति की छानबीन की जाती है और रिपोर्ट वापस कोलेजियम को भेजी जाती है. इसके साथ ही केंद्र सरकार कुछ नाम अपनी और से भी कोलेजियम को भेजती है. इसके बाद कोलेजियम केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए नामों और केंद्र की आपत्तियों पर विचार करने के बाद फिर से फाइनल नाम केंद्र सरकार के पास भेजता है. दूसरी बार नाम भेजे जाने पर केंद्र सरकार को सिफारिशों को मानना जरूरी होता है. हाईकोर्ट के कौन-कौन से जज प्रमोट होकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, इसका फैसला भी सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम करता है.  

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