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छत्तीसगढ़ की ये 12 जातियां ST सूची में हुईं शामिल, जानिए क्या मिलेगा फायदा

पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय केबिनेट ने छत्तीसगढ़ की 12 जातियों को एसटी वर्ग में शामिल किया गया है. इससे 12 जातियों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सकेगा. 

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छत्तीसगढ़ की ये 12 जातियां ST सूची में हुईं शामिल, जानिए क्या मिलेगा फायदा
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Nitin Gautam|Updated: Sep 15, 2022, 06:55 PM IST

रजनी ठाकुर/रायपुरः केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ की 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मंजूरी दे दी है. पीएम मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रीमंडल ने बुधवार को यह फैसला लिया. सरकार के इस फैसले से 12 जातीय समूहों को बड़ी राहत मिलेगी. वहीं इस फैसले के बाद बीजेपी और कांग्रेस में श्रेय लेने की राजनीति भी शुरू हो गई है. 

किन जातियों को एसटी सूची में किया गया शामिल
केंद्र सरकार ने जिन 12 जातियों को एसटी वर्ग में शामिल करने की मंजूरी दी है, उनमें भारिया भूमिया के साथ भूईंया, भूईयां, भूयां को भी शामिल किया गया है. वहीं पांडो के साथ पंडो, पण्डो, पन्डो और धनवार के धनुहार, धुनवार को भी शामिल किया गया है. गदबा और गोंड के साथ ही गोंड़ को भी शामिल किया गया है. 

वहीं कौंध के साथ कोंद और कोडाकू के साथ कोड़ाकू, नगेसिया, नागासिया के साथ किसान, धनगढ़ के साथ धांगड़ को भी एसटी सूची में शामिल किया गया है. इनमें से अधिकतर समुदाय जाति के नामों में भिन्नता के चलते एसटी वर्ग में शामिल नहीं थे. अब इन सभी जातियों को भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा. 

मिलेगा ये लाभ
12 जातियों को एसटी वर्ग में शामिल करने से इन जाति के लोगों को सरकार की तरफ से अनुसूचित जनजातीय वर्ग के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा. साथ ही छात्रवृत्ति, रियायती लोन और सरकारी नौकरी में आरक्षण जैसे लाभ भी मिल सकेंगे. 

श्रेय की राजनीति शुरू
12 जातियों को एसटी वर्ग में शामिल करने से राज्य में श्रेय की राजनीति भी शुरू हो गई है. बता दें कि भाजपा जहां इस फैसले को पार्टी के प्रयासों की जीत बता रही है और प्रधानमंत्री को इसका श्रेय देते हुए केंद्र सरकार को धन्यवाद दे रही है. वहीं कांग्रेस इस फैसले को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रयासों का नतीजा बता रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने अगर अपने शासनकाल में कोशिश की होती तो यह काम बहुत पहले हो जाता.

बता दें कि ना सिर्फ छत्तीसगढ़ को बल्कि 5 राज्यों के कई आदिवासी समुदायों को एसटी वर्ग में शामिल करने की मंजूरी मिली है.  

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