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CG: गरीबी ने लगाया लेडी साइकिलिस्ट के कर‍ियर पर ब्रेक, चयन के बाद भी न जाने को मजबूर

जशपुर जिले की प्रतिभावान साइकिलिस्ट एलिजाबेथ बेक का चयन गुजरात में होने वाले नेशनल गेम्स के लिए हुआ लेक‍िन वह अब हताश है. गरीबी की वजह से वह गुजरात जाने में सक्षम नहीं है. 

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प्रतिभावान साइकिलिस्ट एलिजाबेथ बेक.
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Zee Media Bureau|Updated: Sep 20, 2022, 06:23 PM IST

संजीत यादव/जशपुर: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बेटियों के उत्थान के लिए कई सारे योजना संचालित की जा रही हैं लेकिन जशपुर जिले की एक बेटी ऐसी भी है जिसको आगे बढ़ने की ललक है. वह छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करना चाहती है लेकिन गरीबी उसे आगे नहीं बढ़ने दे रही है. गरीब लड़की मदद की गुहार लेकर कई जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के पास जा चुकी है लेकिन अभी तक उसे कोई सहयोग नहीं मिला है. जशपुर की प्रतिभावान साइकिलिस्ट एलिजाबेथ बेक का चयन गुजरात में होने वाले नेशनल गेम्स के लिए हुआ है. 

क‍िसान की बेटी है एलिजाबेथ बेक
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से लगभग 80 किलोमीटर दूर महादेवडांड गांव की एलिजाबेथ अपनी मेहनत से छत्तीसगढ़ में अपनी पहचान बनाने की उम्मीद देख रही है. एलिजाबेथ, एक किसान हेरमानुस बेक की बेटी है और वह साइकिलिंग में नेशनल साइकिलिंग चैंपियन रह चुकी हैं. कई बार उसे गोल्ड मेडल मिल चुका है और कई बार अंडर फाइव रही हैं.

नेशनल गेम्स में हुआ चयन
प्रतिभावान साइकिलिस्ट एलिजाबेथ बेक का चयन गुजरात में होने वाले नेशनल गेम्स के लिए हुआ है. एलिजाबेथ पिछले 10 सालों से साइकिलिंग कर ही है. नेशनल गेम्स में चयन होने की सूचना जैसे ही एलिजाबेथ को मिली उसके परिवार में खुशी का माहौल था लेकिन एलिजाबेथ के गुजरात जाने के लिए इनको पैसे स्वयं ही खर्च करना होगा. यह सुनते ही एलिजाबेथ और उसके परिवार के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई क्योंकि एलिजाबेथ गरीब परिवार से है और और इसका परिवार जैसे-तैसे जीवन निर्वाह कर रहा है. 

पिता की साइकिल से साइकिलिंग की शुरुआत
दरअसल, जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के महादेवडांड की रहने वाली एलिजाबेथ को बचपन से ही साइकिलिंग का शौक था. एलिजाबेथ ने घर में अपने पिता की साइकिल से साइकिलिंग की शुरुआत की. बाद में इसे ही अपना करियर बनाने के लिये स्कूल की पढ़ाई के बाद एलिजाबेथ अम्बिकापुर पहुंची और वहाँ कॉलेज में दाखिले के साथ साइकिलिंग के लिए डाइट मेनटेन करने के लिए आने वाले खर्च को पूरा करने एक क्लिनिक में भी काम करने लगी. इसी दौरान सामान्य सायकिल से उसने सरगुजा के मैनपाट में आयोजित प्रतियोगिता में जीत हासिल की जिसके बाद कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव इसकी खेल प्रतिभा को देखते हुए लगभग 1 लाख रुपये की साईकिल दी ताकि एलिजाबेथ अपनी प्रतिभा को और निखार सके. 

चयन तो हुआ लेक‍िन परेशानी भी सामने आई 
एडवांस साइकिल मिलने के बाद एलिजाबेथ ने अपनी प्रेक्टिस जारी रखी और प्रतिभा निखारते हुए उसने छत्तीसगढ़ समेत अन्य प्रदेशों में कई खिताब जीते. अब एलीजाबेथ का चयन अक्टूबर में गुजरात में होने वाले नेशनल गेम्स के लिए हुआ है. नेशनल गेम्स में चयन की सूचना मिलते ही पूरा परिवार खुश था लेकिन अब सब परेशान हैं क्योंकि एलिजाबेथ के पिता की छोटी सी जमीन है जिस पर खेती किसानी और मेहनत मजदूरी करके पूरा परिवार जीवन यापन करता है. एलिजाबेथ भी अब क्लिनिक की नौकरी छोड़कर घर वापिस लौट चुकी है क्योंकि कम सैलरी में बाहर रखकर गुजर-बसर करना मुमकिन नहीं था. अब परिवार परेशान है क‍ि वो अपनी बेटी को नेशनल गेम्स में शामिल होने के लिए कैसे गुजरात भेजे. एलिजाबेथ ने जिले के अधिकारियों से भी मुलाकात की ताकि उसे गुजरात जाने कोई सरकारी मदद मिल जाये पर अधिकारियों ने नियमों का हवाला देकर उसकी मदद से इनकार कर दिया. 

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