Chhattisgarh Result 2023: छत्तीसगढ़ में भाजपा की जीत के बाद अब भाजपा नेताओं की सरगर्मियां शुरू हो गई हैं. राजनादगांव विधानसभा से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की ऐतिहासिक जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं में उत्साह खुशी देखी जा रही है. वहीं शहर सरकार की सत्ता हथियाने की कवायद भी नगर निगम के भाजपा पार्षदों ने शुरू कर दी है.
राजनादगांव नगर निगम में भाजपा पार्षद दल ने निगम की कांग्रेस महापौर हेमा देशमुख को पद से हटाने की मुहिम शुरू कर दी है. हालांकि निगम में भाजपा पार्षदों का संख्या बल काफी कम है, लेकिन जोड़तोड़ कर महापौर को पद से बेदखल करने जिला कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा है. भाजपा पार्षद दल ने महापौर के खिलाफ नवंबर में अविश्वास प्रस्ताव लाया था, लेकिन उस पर जिला कलेक्टर द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई.
कांग्रेस की सरकार में विकास कार्य ठप्प था: नगर निगम नेता प्रतिपक्ष
राजनादगांव नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष किसुन यदू का कहना है कि सत्ता पक्ष के दबाव में अविश्वास प्रस्ताव पर कोई कार्यवाही नहीं की गई. अब भाजपा की सरकार आ गई है वे रायपुर में अपने पार्षदों के साथ मिलने जा रहे हैं उनसे मार्गदर्शन के बाद वे आगे की कार्यवाही करेंगे. उन्होंने महापौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर विकास का कार्य ठप्प पड़ा हुआ है. सड़के बदहाल हैं. महापौर को जनता की कोई फिक्र नहीं है. जनता का आक्रोश भी इस विधान सभा चुनाव में दिखा. जहां उनके खुद के वार्ड से डा रमन सिंह ने लीड ली.
धमतरी में भी लाए अविश्वास प्रस्ताव
इधर, धमतरी जिले में भी कुछ ऐसा ही माहौल है. धमतरी नगर निगम में सत्ता कांग्रेस की है. ऐसे में यंहा के भाजपा पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाकर महापौर को हटाने की तैयारी में जुट गए हैं. नगर निगम धमतरी में कांग्रेस के 21 पार्षद थे, लेकिन कांग्रेस ने एक पार्षद को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया. ऐसे में अब कांग्रेस के पास 20 पार्षद बचे हैं, जबकि भाजपा के पार्षदों की सख्या 19 है. वहीं अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 26 पार्षद का होना जरूरी है. भाजपा पार्षदों का कहना है कि नगर निगम में भी अब उनका कब्जा होगा तो कांग्रेसी पार्षदों का कहना है भाजपा के अविश्वास प्रस्ताव से उन्हे कोई र्फक नहीं पड़ेगा.