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Bilaspur High Court News: अरपा के गड्ढों में बच्चियों की मौत पर हाईकोर्ट सख्त, जारी किए गए 3 नोटिस

शैलेंद्र सिंह ठाकुर/बिलासपुर। इन दिनों छत्तीसगढ़ में बारिश काफी प्रकोप दिखा रही है. ऐसे में कई जगहों पर लोगों के नदी नालों में डूबने की खबर आ रही है. कहीं-कहीं तो लोगों की मौत भी हो रही है. कई मामलों में लोगों की तो कई में प्रशासन की लापरवाही भी होती है.

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Bilaspur High Court News: अरपा के गड्ढों में बच्चियों की मौत पर हाईकोर्ट सख्त, जारी किए गए 3 नोटिस
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Shyamdatt Chaturvedi|Updated: Aug 05, 2023, 06:43 PM IST

Bilaspur News: शैलेंद्र सिंह ठाकुर/बिलासपुर। इन दिनों छत्तीसगढ़ में बारिश काफी प्रकोप दिखा रही है. ऐसे में कई जगहों पर लोगों के नदी नालों में डूबने की खबर आ रही है. कहीं-कहीं तो लोगों की मौत भी हो रही है. कई मामलों में लोगों की तो कई में प्रशासन की लापरवाही भी होती है. ऐसे ही एक मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. अदलात ने बिलासपुर की अर्पा नदी में डूबने से तीन बच्चियों के मौत के मामले में सरकार और मुख्य सचिव के साथ माइनिंग सेक्रेटरी से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी.

गड्डों में डूबकर हो गई थी 3 बच्चियों की मौत
दो पखवाड़े पहले सेंदरी के पास अरपा नदी में बने रेत के गड्डों में डूबकर तीन बच्चियों की मौत हो गई थी. इस मामले में शासन ने 12 लाख का मुआवजा देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है. लोगों में इसे लेकर गुस्सा है. लेकिन, प्रशासनिक स्तर पर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है. खनिज विभाग और राजस्व अमला मामले की जांच नहीं कर रहा. कई संगठनों द्वारा जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है.

हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान
अब इस मामले को हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. मामले में अरपा नदी के संरक्षण और संवर्धन के लिए सक्रिय संगठन अरपा अर्पण ने भी जनहित याचिका दायर की है. दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हो रही है.

जानलेवा साबित हो रहा अवैध उत्खनन
सामाजिक संगठन अरपा अर्पण की जनहित याचिका में कहा गया है कि अरपा नदी में अवैध उत्खनन जानलेवा साबित हो रहा है. गर्मी के मौसम में अरपा सूखी रहती है, इसलिए गड्ढे बन जाते हैं। बारिश में इन गड्डों में पानी भर जाता है, जल भराव के दौरान गड्ढों का पता नहीं चलता. ऐसी स्थिति में अगर बच्चे या फिर मवेशी गड्ढों में समा जाएं तो जानलेवा साबित होता है.

विधानसभा में उठा था मामला
बता दें यह मामला विधानसभा में भी उठा था. लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह ने रेत तस्करों को संरक्षण देने के आरोप लगाते हुए बच्चियों के परिजन को 15-15 लाख रुपए मुआवजा देने और रेत तस्करों को जेल भेजने की मांग की थी.

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