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दिल्ली में एक और घोटाला? स्वास्थ्य विभाग में 300 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप, अब CBI करेगी जांच

LG VK Saxena: एलजी के इस आदेश के बाद केजरीवाल सरकार की फिर मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मामले में स्वास्थ्य विभाग में नकली दवाएं खरीदने का आरोप लगा है जो काफी चौंकाने वाली बात है. 

दिल्ली में एक और घोटाला? स्वास्थ्य विभाग में 300 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप, अब CBI करेगी जांच
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Balram Pandey|Updated: Dec 23, 2023, 03:32 PM IST

Medicines In Health Department: दिल्ली में एक और घोटाले की सुगबुगाहट है. इसी बीच मामले में उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. असल में आरोप हैं कि दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने दवाइयां खरीदी थीं, जिसमें काफी नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार हुआ है. जिसको लेकर एलजी ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं इस आदेश के बाद दिल्ली में राजनीति तेज होने के आसार हैं. जानकारी के मुताबिक बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग में "अवांछित दवाओं" की खरीद में 300 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है और दावा किया था कि स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन इस "घोटाले" में "शामिल" थे.

सीबीआई जांच को मंजूरी दे दी
मामले में एसीबी ने 2017 में जांच शुरू की. एसीबी की सिफारिश पर एलजी ने सीबीआई जांच को मंजूरी दे दी है. वहीं दवाइयों की खरीद पर सीबीआई जांच के आदेश पर आप का जवाब भी आया है. आप का कहना है कि LG को पहले ही एक अधिकारी के बारे में शिकायत की गई थी. दिल्ली सरकार पहले ही हेल्थ सेक्रेट्री दीपक कुमार को हटाने की सिफारिश एलजी से कर चुकी है. आरोप है कि हेल्थ सेक्रेटरी दीपक कुमार ने ही फरिश्ते योजना भी रोकी थी. दिल्ली सरकार पहले ही इस अधिकारी के खिलाफ SC गई हुई है. यह भी पूछा गया कि हेल्थ सेक्रेटरी दीपक कुमार के खिलाफ क्या एलजी कार्रवाई करेंगे. 

कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया
जानकारी के मुताबिक कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग में "अवांछित दवाओं" की खरीद में 300 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है और दावा किया था कि स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन इस घोटाले में शामिल थे. फिलहाल अब देखना होगा कि यह मामला किस तरफ जाता है और जांच में सामने क्या आता है. 

विजिलेंस विभाग का कहना है..
फिलहाल विजिलेंस विभाग की रिपोर्ट को आधार बनाकर CBI जांच की सिफारिश करते हुए दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने मुख्य सचिव को लिखे नोट में कहा है कि यह चिंताजनक है. ये दवाएं लाखों मरीजों को दी जा रही हैं. दवा की खरीद में भारी बजट आवंटन पर भी चिंता जताई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक विजिलेंस विभाग का कहना है कि सरकारी प्रयोगशालाओं में भेजे गए 43 नमूनों में से 3 नमूने विफल रहे क्योंकि 12 रिपोर्ट अभी भी लंबित हैं. निजी प्रयोगशालाओं में भेजे गए अन्य 43 नमूनों में से 5 नमूने विफल हो गए हैं और 38 नमूने मानक गुणवत्ता के पाए गए हैं. 

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