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रात में कोलकाता के अस्पताल में लाठी-डंडे लेकर घुसे वो सैकड़ों लोग कौन थे? दहशत की पूरी कहानी

RG Kar hospital violence: कोलकाता में महिला डॉक्टर की हत्या के विरोध में बुधवार आधी रात 11:55 बजे महिलओं का विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ. इस दौरान प्रदर्शनकारी महिलाएं नारा लगा रही थीं ‘‘हमें न्याय चाहिए’’, तभी एक भीड़ की झुंड आती है और ऐसा तांडव मचाती है, जिसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दे रही है, आइए जानते हैं बुधवार रात कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के परिसर में क्या हुआ. 

रात में कोलकाता के अस्पताल में लाठी-डंडे लेकर घुसे वो सैकड़ों लोग कौन थे? दहशत की पूरी कहानी
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krishna pandey |Updated: Aug 15, 2024, 11:41 AM IST

Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता में लेडी डॉक्टर से रेप के बाद हत्या के मामले को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कोलकाता के सड़कों पर विरोध में महिलाओं का हूजूम उमड़ पड़ा है, हर तरफ आक्रोश है. विरोध है. और सबसे अधिक गुस्सा है. गुस्सा सरकर से, गुस्‍सा हैवानियत से. जब बुधवार की बीती रात 'रीक्लेम द नाइट' नाम से प्रदर्शन में 8,000 लोगों ने मोमबत्तियां और मार्मिक पोस्टर लेकर प्रदर्शन शुरू किया था तो उन्हें तनिक भी अंदाजा नहीं रहा होगा, अभी क्या होने वाला है. हजारों की संख्या में एक भीड़ आती है और मचाने लगती है तांडव, जानें बुधवार आधी रात की पूरी कहानी. 

उपद्रवियों ने आरजी कर अस्पताल में मचाया जमकर तांडव
विरोध में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच आधी रात को एक भीड़ ने कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के परिसर में जमकर तांडव मचाया और तोड़फोड़ की. युवकों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और इमरजेंसी विभाग का गेट तोड़कर अंदर घुस गए और भारी तोड़फोड़ की. हर तरफ हाहाकार मचा रहा, सब खौफ में रहे, बचाने की पुकार करते रहे. प्रदर्शनकारियों ने इतने पर भी नहीं माना प्रदर्शन मंच भी तोड़ दिया.

अस्पताल में मचे तांडव का देखें वीडियो:- 

40 लोगों का था समूह
पुलिस के अनुसार, लगभग 40 लोगों का समूह कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों के रूप में अस्पताल परिसर में घुसा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिसकर्मियों को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.

मरीजों के बेड भी तोड़े
प्रदर्शनकारियों के वेश में अस्पताल परिसर में पहुंचीं भीड़ ने मरीजों के कब्जे वाले आपातकालीन बिस्तरों में भी तोड़फोड़ की गई, जिससे डॉक्टरों, नर्सों और पुलिस अधिकारियों को भागना पड़ा. शॉर्ट्स और बनियान पहने घुसपैठिए शुरुआती रैलियों का हिस्सा नहीं थे.

मची भगदड़, ट्रक में भरकर भेजे गए थे दंगाई....
इस दौरान पुलिसकर्मियों पर पथराव किया गया, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया. इस घटना से शहर में ‘ऑक्यूपाई द नाइट’ अभियान के दौरान अफरातफरी मच गई.

पुलिस भी घायल
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि अस्पताल के बाहर पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं और उन्हें स्थिति से निपटने के निर्देश दिए गए हैं.’

जानें क्या है ‘रीक्लेम द नाइट’?
‘रीक्लेम द नाइट’ अभियान के तहत विरोध प्रदर्शन रात 11 बजकर 55 मिनट पर शुरू हुए थे. सोशल मीडिया के जरिए जोर पकड़ने वाला यह अभियान कोलकाता के कई ऐतिहासिक स्थलों सहित छोटे शहरों और बड़े शहरों के प्रमुख क्षेत्रों में फैल गया. ‘रीक्लेम द नाइट’ के नाम से महिला मुक्ति आंदोलन की शुरुआत 1977 में इंग्लैंड के लीड्स में से हुई थी. इंग्लैंड में एक महिला की हत्या के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, तो पुलिस ने महिलाओं को रात में घर से बाहर न निकलने की सलाह दी. इसके विरुद्ध ही ‘रीक्लेम द नाइट’ का आह्वान किया गया था.

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गुंडागर्दी और बर्बरता की सभी सीमाएं लांघ दी गईं: TMC सांसद सांसद अभिषेक बनर्जी 
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उन्होंने गोयल से बात की और उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि ‘‘आज की हिंसा के लिए जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति की पहचान की जाए, उसे जवाबदेह ठहराया जाए और अगले 24 घंटों के भीतर उसे कानून के दायरे में लाया जाए, भले ही उसकी राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो.’’

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आज रात आरजी कर में गुंडागर्दी और बर्बरता की सभी सीमाएं लांघ दी गईं. मैंने जन प्रतिनिधि के रूप में अभी सीपी कोलकाता से बात की.’’ अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारी चिकित्सकों की मांगें उचित और न्यायसंगत हैं. वे सरकार से कम से कम इतनी उम्मीद तो सकते हैं. उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.’’

तृणमूल के गुंडों ने मचाया बवाल: बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह तोड़फोड़ पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी द्वारा भेजे गए ‘‘तृणमूल के गुंडों’’ ने की. अधिकारी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ममता बनर्जी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पास गैर-राजनीतिक विरोध रैली में तृणमूल के अपने गुंडों को भेजा है.

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सबूत मिटाने का खेल?
वह सोचती हैं कि वह पूरी दुनिया में सबसे चतुर व्यक्ति हैं और लोग इस चालाक योजना को नहीं समझ पाएंगे कि प्रदर्शनकारियों के रूप में आने वाले उनके गुंडे भीड़ में शामिल होकर आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अंदर बर्बरता करेंगे.’’ अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बदमाशों को सुरक्षित रास्ता दिया. उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘‘पुलिस ने उन्हें सुरक्षित रास्ता दिया. पुलिस कर्मी या तो भाग गए या दूसरी तरफ देखते रहे, ताकि ये बदमाश अस्पताल परिसर में घुस जाएं और उन क्षेत्रों को नष्ट कर दें जहां अहम सबूत हैं ताकि ये सबूत सीबीआई (केंद्रीय अन्वेष्ण ब्यूरो) के हाथ न लगें.’'

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