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कोलकाता केस पर सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट में आज तुषार मेहता vs कपिल सिब्बल हो गया, देखिए सारा अपडेट

Supreme Court Hearing on Kolkata Case: कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट सुओ मोटो सुनवाई कर रहा है. गुरुवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल के बीच तीखी बहस देखने को मिली.

कोलकाता केस पर सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट में आज तुषार मेहता vs कपिल सिब्बल हो गया, देखिए सारा अपडेट
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Deepak Verma|Updated: Aug 22, 2024, 10:52 PM IST

Latest Update on Kolkata Case: सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर मामले पर सुनवाई की. सीबीआई और कोलकाता पुलिस ने सीलबंद लिफाफे में अपनी स्टेटस रिपोर्ट SC को सौंप दी है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल के बीच कई बार नोक-झोंक हुई. यह मामला चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच के सामने है. कोलकाता कांड पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से जुड़े अपडेट के लिए बने रहें Zee News Hindi के साथ.

कोलकाता केस पर SC में सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ?

- सीजेआई ने कहा कि सीबीआई और कोलकाता पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट फिर से सील की जाएंगी.

सुप्रीम कोर्ट में तुषार मेहता vs कपिल सिब्बल

सॉलिसिटर तुषार मेहता ने कहा, 'हमारे पास पश्चिम बंगाल के मौजूदा मंत्री का बयान है, उनका कहना है कि अगर हमारे नेता के खिलाफ कुछ भी बोला गया तो उंगलियां काट दी जाएंगी.' इस पर सिब्बल ने कहा कि 'आपके नेता कहते हैं कि वे गोली मार देंगे!' सीजेआई ने दोनों वकीलों को शांत कराते हुए कहा कि 'इसका राजनीतिकरण न करें, कानून अपना काम कर रहा है.... हम डॉक्टरों के कल्याण और सुरक्षा के बारे में भी चिंतित हैं, हम ऐसे दिशा-निर्देश नहीं बनाएंगे, हम प्रोटोकॉल लागू करेंगे.'

सिब्बल: वे कह रहे हैं कि एसिड बम का इस्तेमाल किया जाएगा, विपक्ष के नेता ने यह कहा है...

सीजेआई: जब हम कहते हैं कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को परेशान नहीं किया जाएगा, तो हमारा मतलब यह भी है कि उचित प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा.

डॉक्टरों के खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई न की जाए: सुप्रीम कोर्ट

सीजेआई ने कहा, 'डॉक्टरों की ओर से यह आशंका व्यक्त की गई है कि उन्हें पकड़ा जा सकता है, कुछ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि कोर्ट को यह अनुपालन दिया जाएगा कि डॉक्टर ड्यूटी पर वापस आएंगे, अगर विरोध प्रदर्शन करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है, तो हम निर्देश देते हैं कि उनके खिलाफ कोई बलपूर्वक कदम न उठाया जाए... अब काम पर वापस आ जाएं, अगर विरोध प्रदर्शन के लिए अतीत में कोई कार्रवाई की गई है, तो हमने कहा है कि कोई बलपूर्वक कदम नहीं उठाया जाएगा.'

डॉक्टर अब काम पर लौट आएं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा

सीजेआई ने कहा कि 'इस तथ्य के मद्देनजर कि इस अदालत ने चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा के संस्थागतकरण के लिए कदम उठाए हैं, यह उम्मीद की जाती है कि डॉक्टर ड्यूटी पर लौट आएंगे, एनटीएफ की रिपोर्ट लंबित होने तक, सभी राज्य यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य सुरक्षा के उल्लंघन की किसी भी आशंका के प्रति सतर्क रहें.' सीनियर एडवोकेट करुणा नंदी ने कहा कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसपर सीजेआई ने कहा कि 'एक बार जब डॉक्टर काम पर वापस चले जाएं, तो कृपया हमारे पास आएं और अगले सप्ताह हमें बताएं.'

- चीफ जस्टिस ने कहा कि मामले में प्रतिनिधियों के सुझावों को नेशनल टास्क फोर्स (NTF) द्वारा लिया जाना चाहिए. हम एनटीएफ द्वारा सुझावों को लिए जाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर एक पोर्टल खोलने का निर्देश देते हैं.

- सीजेआई ने कहा, 'इस न्यायालय ने राज्य को कानून में सौंपी गई ऐसी वैध शक्तियों का प्रयोग करने से नहीं रोका है, हालांकि, हम स्पष्ट रूप से पुष्टि करते हैं कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में बाधा नहीं डाली जाएगी और राज्य आरजी कर कॉलेज में हुई घटना के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगा.

- सीजेआई ने कहा, 'हमें सीबीआई और कोलकाता पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट मिल गई है. कोलकाता पुलिस विरोध प्रदर्शन के बाद छात्रावास में हुई तोड़फोड़ की जांच कर रही है. रिकॉर्ड से पता चलता है कि आरोपी का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने का अनुरोध एसीजेएम सियालदह को सौंपा गया है और यह प्रक्रियाधीन है.' सीजेआई ने एसीजेएम सियालदह को कल शाम 5 बजे तक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया.

- सीजेआई ने कहा, 'मौत की सीबीआई जांच जारी रहने दें और कोलकाता पुलिस को तोड़फोड़ की जांच करने दें. हमने कभी नहीं कहा कि सामान्य कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाएगा. केवल इतना कहा कि केवल विरोध प्रदर्शन के लिए गिरफ्तारी न करें.'

- सीजेआई ने कहा कि 'प्रिंसिपल को सीधे एफआईआर दर्ज करानी चाहिए थी... जिस क्षण उन्होंने इस्तीफा दिया, उन्हें दूसरे कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया.' 

- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. पश्चिम बंगााल सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने मैटीरियर 'एयरड्रॉप' करने की इजाजत मांगी. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अनुमति दी. सिब्बल ने कहा कि 'हमने सभी गाइडलाइंस का पालन किया है.' सीजेआई ने कहा कि लेकिन इससे रात 11:30 बजे एफआईआर दर्ज करना जायज नहीं हो जाता, शव 9:30 बजे बरामद किया गया. सिब्बल ने कहा कि तब तक सारी जांच हो चुकी थी. सीजेआई ने पूछा कि 14 घंटे की देरी के बाद एफआईआर दर्ज करने का क्या कारण है. इस पर सिब्बल ने बताया कि माता-पिता ने कहा कि हम औपचारिक शिकायत देने के बाद ही ऐसा करेंगे.

- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थम गई है. बेंच लंच के लिए उठी है. लंच के बाद सुनवाई फिर शुरू होगी.

'150 ग्राम सीमेन' के जिक्र भर भड़के सीजेआई

सुनवाई के दौरान, एक वकील ने हस्तक्षेप करते हुए दावा किया कि पोस्टमार्टम में 150 ग्राम वीर्य का उल्लेख किया गया है. इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि 'दलील देने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग न करें, हमारे पास पीएमआर (पोस्टमार्टम रिपोर्ट) है, सोशल मीडिया पर जो है उसे न पढ़ें. हमारे पास वास्तविक पोस्टमार्टम रिपोर्ट है और हम जानते हैं कि 150 ग्राम का क्या मतलब है.'

यह भी पढ़ें: 150 ग्राम सीमेन... सुनते ही चीफ जस्टिस नाराज, कोलकाता रेप-मर्डर कांड पर सुप्रीम कोर्ट में तीखी बहस

- सीजेआई ने कहा, 'ऐसा लगता है कि पोस्टमार्टम के समय यूडी 861 पहले ही हो चुकी थी... फिर आईओ ने ऐसा क्यों कहा कि मैं रात में थाने पहुंचा और रिकॉर्ड किया?' सिब्बल ने जवाब दिया कि वह जांच के बाद थाने पहुंचे.

कपिल सिब्बल और एसजी तुषार मेहता में बहस

गुरुवार को सुनवाई के दौरान, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और राज्य सरकार की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल के बीच बार-बार बहस हुई. जब एसजी ने कहा कि देखें कि यूडी (अननैचुरल डेथ) वास्तव में रात 11:30 बजे था... तो सिब्बल बोले कि 'नहीं नहीं.. फिर वीडियो सीडी दिखाएं.' इस पर एसजी ने कहा कि 'कृपया सामान्य डायरी प्रविष्टि पढ़ें... अगले पृष्ठ पर आएं.. थाने पर लौटने के बाद UD मामला रात 11:30 बजे दर्ज किया गया है, पहले केवल जीडी प्रविष्टि थी... यही घटनाक्रम है.' सिब्बल ने कहा कि 'यह सब सिर्फ पानी को गंदा कर रहा है और आप यही कर रहे हैं.'

सिब्बल: आप क्या कह रहे हैं. यह एक सामान्य डायरी प्रविष्टि है, हम भी यही कह रहे हैं.

एसजी: कृपया मत हंसिए, एक लड़की ने सबसे अमानवीय तरीके से अपनी जान गंवा दी!

सिब्बल: हम सभी जानते हैं कि यह बर्बरता है. चलो... चलो... चलो... आप केवल पानी को गंदा कर रहे हैं.

एसजी: हम केवल पानी से कीचड़ हटा रहे हैं.

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- राज्य सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि 'मुझे यह कहते हुए खेद है कि वे (केंद्र) एक प्रकार की धारणा बनाने की कोशिश कर रहे हैं. सिब्बल ने कहा, 'जब्ती सूची में यूडी केस (अप्राकृतिक मौत) भी है, जांच में भी है, पीएमआर (पोस्टमार्टम रिपोर्ट), ये सभी दस्तावेज हैं... सब कुछ रात 11 बजे से पहले का है, फिर कोई कैसे दावा कर सकता है, जांच शाम 4:40 बजे की है. सफर ऑर्डर आते ही मूल सीडी (केस डायरी) सीबीआई को हाईकोर्ट में सौंप दी गई थी.'

- सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, 'जीडी प्रविष्टि सुबह 5:20 बजे की है, अस्पताल से सूचना मिली कि महिला सुबह 10:10 बजे अर्धनग्न हालत में पड़ी थी, मेडिकल बोर्ड ने बोर्ड ने मौखिक रूप से कहा कि मौत गला घोंटने से हुई, यौन उत्पीड़न की संभावना, ये संभावना है... और जीडी प्रविष्टि से पता चलता है कि क्षेत्र की घेराबंदी पोस्टमार्टम के बाद की गई है... शाम 6-7 बजे पीएम होता है उसके बाद जांच होती है...'

'ऐसी प्रक्रिया 30 सालों के करियर में नहीं देखी'

जस्टिस पारदीवाला ने कहा, 'आपके राज्य द्वारा अपनाई गई पूरी प्रक्रिया ऐसी है, जो मुझे अपने 30 वर्षों के कार्यकाल में कभी देखने को नहीं मिली... पहली बात, क्या यह सच है कि यूडी 10:30 बजे दर्ज की गई थी? दूसरी बात, यह सहायक अधीक्षक नॉन-मेडिकल कौन है, उसका आचरण भी बहुत संदिग्ध है, उसने ऐसा व्यवहार क्यों किया?' सिब्बल ने कहा कि UD वाली बात सही नहीं है.

अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने में देरी 'बेहद परेशान करती है' : SC

सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस द्वारा की गई कानूनी औपचारिकताओं के क्रम और समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि मृत पीड़िता का पोस्टमार्टम, अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने से पहले ही नौ अगस्त की शाम छह बजकर 10 मिनट से सात बजकर 10 मिनट के बीच कर दिया गया. पीठ ने कहा, 'ऐसा कैसे हुआ कि पोस्टमार्टम नौ अगस्त को शाम छह बजकर 10 मिनट पर किया गया लेकिन अप्राकृतिक मौत की सूचना ताला पुलिस थाने को नौ अगस्त को रात साढ़े 11 बजे भेजी गई. यह बेहद परेशान करने वाली बात है.' कोर्ट ने देश को हिला देने वाली बलात्कार-हत्या की इस घटना के बारे में पहली प्रविष्टि दर्ज करने वाले कोलकाता पुलिस के अधिकारी को अगली सुनवाई पर पेश होकर यह बताने का निर्देश दिया कि प्रविष्टि किस समय दर्ज की गई.

- जस्टिस पारदीवाला ने पूछा कि पोस्टमॉर्टम कब किया गया? सिब्बल ने बताया कि शाम 6:10-7:10 बजे. इस पर जज ने कहा कि 'जब आप शव को पीएम के लिए ले गए तो क्या यह अप्राकृतिक मौत का मामला था या नहीं.. अगर यह अप्राकृतिक मौत नहीं थी तो पीएम की क्या जरूरत थी.. जब आप पीएम करना शुरू करते हैं तो यह अप्राकृतिक मौत का मामला है... यूडी केस 861 ऑफ 2024 23:30 बजे दर्ज किया गया और एफआईआर 23:45 बजे दर्ज की गई. क्या यह रिकॉर्ड सही है?' सिब्बल ने बताया कि UD दोपहर 1:45 बजे दर्ज किया गया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'हम इन दोनों रिपोर्टों को कैसे जोड़ सकते हैं.. यूडी पंजीकरण से पहले पोस्टमार्टम किया गया! यह आश्चर्यजनक है.' जस्टिस पारदीवाला ने सिब्बल से कहा कि जल्दबाजी में बयान न दें, अधिकारियों से बात कर लें.

- जस्टिस मिज्ञा ने कहा, '9 तारीख की शाम को शव परीक्षण किया गया, अप्राकृतिक मौत की जी.डी. एंट्री रात 11:30 बजे दर्ज की गई...' इसपर सिब्बल ने कहा कि 'मुझे मिनट दर मिनट टाइमलाइन बताने की अनुमति दें.' 

 सीजेआई ने WB सरकार के वकील कपिल सिब्बल से कहा, 'एक पहलू बहुत परेशान करने वाला है. अप्राकृतिक मौत की प्रविष्टि सुबह 10:10 बजे की गई थी. पुलिस को तब सूचित किया गया था कि यह अप्राकृतिक मौत थी और इन सब बातों को नजरअंदाज करते हुए अपराध स्थल का सीमांकन आदि रात में हुआ?' सिब्बल ने कहा कि 'नहीं, नहीं, नहीं... मैंने एक समयसीमा दी है जो वीडियोग्राफी द्वारा समर्थित है.'

- सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, 'यहां किसी का प्रतिनिधित्व करने वाले एक युवा वकील ने ऐसा लगता है कि शिकायत दर्ज की है.. मैं पहचान उजागर नहीं करूंगा. जिस व्यक्ति ने यह शिकायत दर्ज कराई है, उसने 2023 में शिकायत दर्ज कराई है, इसलिए इसे खारिज नहीं किया जा सकता.'

दाह संस्कार के बाद दर्ज हुई FIR : सॉलिसिटर जनरल

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 'हमें नहीं पता था कि ऐसी कोई रिपोर्ट है, हमने 5वें दिन जांच शुरू की, सब कुछ बदल दिया गया था.' सिब्बल ने कहा कि सब कुछ वीडियोग्राफी किया गया है, बदला नहीं गया. फिर एसजी ने कहा कि मामले में सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि एफआईआर दाह संस्कार के बाद रात 11:45 बजे दर्ज की गई. एसजी मेहता ने कहा, 'पहली एफआईआर रात 11:45 बजे दाह संस्कार के बाद दर्ज की गई. फिर उन्होंने माता-पिता से कहा कि यह आत्महत्या है, फिर मौत और फिर अस्पताल में डॉक्टर के दोस्तों ने वीडियोग्राफी पर जोर दिया और इस तरह उन्हें भी संदेह हुआ कि कुछ गड़बड़ है.'

- सीजेआई ने पूछा कि आरोपी की चोट की मेडिकल रिपोर्ट कहां है? इस पर पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने बताया कि वह केस डायरी का हिस्सा है.

- सुप्रीम कोर्ट में अब सीबीआई और कोलकाता पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट पर चर्चा हो रही है. लाइव टेलीकास्ट का ऑडियो बंद कर दिया गया है.

- सीनियर एडवोकेट करुणा नंदी ने कहा कि कॉलेज के पूर्व प्राचार्य ने 14 लाख रुपये की लागत से सीसीटीवी नहीं लगवाए, अगर सीसीटीवी होते तो घटनाओं पर नजर रखी जा सकती थी.

- वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने कहा, 'मैं आरजी कर के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की ओर से पेश हो रही हूं... उन्हें प्रशासन के सदस्यों, अस्पताल के लोगों द्वारा धमकाया जा रहा है.' सीनियर एडवोकेट करुणा नंदी ने कहा, 'मैं कोलकाता में डॉक्टरों की ओर से पेश हो रही हूं... वहां गुंडे आदि हैं.' सीजेआई ने कहा कि यह गंभीर बात है है, हमें नाम बताएं, हम इस पर ध्यान देंगे.

'मैं भी अस्पताल में फर्श पर सोया हूं', बोले सीजेआई

गुरुवार को सुनवाई के दौरान, सरकारी अस्पतालों की खराब हालत का मुद्दा उठा. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, 'मैंने डॉक्टरों को चौबीसों घंटे काम करते देखा है, जब मेरे परिवार में कोई बीमार था तो मैं अस्पताल के फर्श पर सोया था और मैंने उन्हें (डॉक्टर्स) को देखा. इन मुद्दों को ध्यान में रखा जाएगा.' सीजेआई ने कहा, 'ऋषिकेश रॉय ने मुझे बताया कि मैं कर कर (अस्पताल का नाम) कहता रहा, लेकिन उच्चारण ध्वनि 'कोर' है.'

'नेशनल टास्क फोर्स में रेजिडेंट डॉक्टर्स भी होंगे'

एक वकील ने एनटीएफ में रेजिडेंट डॉक्टरों को शामिल करने का आग्रह किया. सीजेआई ने कहा कि नेशनल टास्क फोर्स (NTF) में रेजिडेंट डॉक्टर शामिल होंगे. कृपया रेजिडेंट डॉक्टरों को आश्वस्त करें कि (एनटीएफ) द्वारा उनकी बात सुनी जाएगी. सीजेआई ने कहा कि 'अगर हम प्रतिनिधियों से एनटीएफ का हिस्सा बनने के लिए कहें, तो काम करना असंभव हो जाएगा. एनटीएफ में बहुत वरिष्ठ महिला डॉक्टर हैं, उन्होंने स्वास्थ्य सेवा में बहुत लंबे समय तक काम किया है.'

'काम पर लौटें डॉक्टर, कोई कार्रवाई नहीं होगी'

फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FAIMA) और दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने नेशनल टास्क फोर्स में रेजिडेंट डॉक्टरों को शामिल करने की मांग करते हुए हस्तक्षेप किया है. वकील ने कहा, 'नागपुर में एम्स के डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं, उन्हें अनुपस्थित माना जा रहा है, उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जा रही है, कुछ नरम रुख अपनाया जाना चाहिए.' इस पर सीजेआई ने कहा कि 'हम प्रशासन से कैसे कह सकते हैं कि वह कुछ ऐसा चिह्नित करे जो सही नहीं है, उन्हें पहले काम पर लौटने के लिए कहें, फिर कोई कार्रवाई नहीं करेगा.'

सीजेआई ने कहा कि 'सभी को काम पर लौटने दें... हम कुछ सामान्य आदेश पारित करेंगे, कृपया आश्वस्त रहें कि एक बार जब डॉक्टर काम पर लौट आएंगे तो हम अधिकारियों पर प्रतिकूल कार्रवाई न करने का दबाव बनाएंगे, अगर वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे तो सार्वजनिक प्रशासनिक ढांचा कैसे चलेगा.'

- कोलकाता केस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. सुनवाई की लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग आप नीचे देख सकते हैं:

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से कथित रेप और हत्या के मामले का स्वतः: संज्ञान लिया था. पहली सुनवाई मंगलवार को हुई थी. 

पिछली सुनवाई पर क्या हुआ था?

मंगलवार को इस मामले में पहली बार सुनवाई करते हुए, सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस को खूब फटकारा था. कोर्ट ने कहा था कि यह मामला बेहद गंभीर है और अस्पताल प्रशासन से लेकर पुलिस तक ने लापरवाही बरती. SC ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा CISF को सौंपने का आदेश दिया था. मामले में सीबीआई और कोलकाता पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की गई थी.

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