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खालिस्तानी टाइगर फोर्स भारत के खिलाफ रच रहा है बड़ी साजिश, गृह मंत्रालय ने दिए जांच के आदेश

NIA Files Chargesheet Against KTF: खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक, खालिस्तानी टाइगर फोर्स के पांच मोस्ट वांटेड आंतकी भारत के खिलाफ बड़ी साजिश रच रहे हैं. पांचो आतंकी पंजाब की पटियाला सेन्ट्रल जेल में सजा काट रहे खालिस्तानी आतंकी कमलजीत शर्मा के संपर्क में थे. 

खालिस्तानी टाइगर फोर्स भारत के खिलाफ रच रहा है बड़ी साजिश, गृह मंत्रालय ने दिए जांच के आदेश
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Anjali Singh|Updated: May 12, 2024, 12:13 PM IST

Chargesheet Against KTF: दुनिया के 5 देशों में बैठे खालिस्तानी टाइगर फोर्स के पांच मोस्ट वांटेड आंतकी भारत के खिलाफ बड़ी साजिश रच रहे हैं. इस साजिश के तार पंजाब की पटियाला सेंट्रल जेल से भी जुड़े होने की बात सामने आई है. खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर गृह मंत्रालय ने NIA को जांच के आदेश दिए हैं. गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एनआईए ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. 

सू्त्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यूएई में रह रहे बलजीत सिंह उर्फ बलजीत मौर, ऑस्ट्रेलिया में रह रहे गुर्जन्त सिंह, कनाडा में रह रहे प्रिंस चौहान, अमेरिका में रहने वाला अमन पूरेवाल और पाकिस्तान का बिलाल मानशेर इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता है. ये पांचों आरोपी के तार गैरकानूनी करार दिए गए संगठन खालिस्तानी टाइगर फोर्स (KTF) से जुड़े हुए हैं. ये पांचो पंजाब की पटियाला सेन्ट्रल जेल में सजा काट रहे खालिस्तानी आतंकी कमलजीत शर्मा के संपर्क में थे. 

पंजाब में डर का माहौल बनाने पर कर रहे थे काम

खालिस्तानी आंतकी कमलजीत शर्मा आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के मंसूबे से  जेल में बंद कैदियों को KTF के लिए रिक्रूट करने का काम करता है. NIA के 3 अन्य मामलों में कमलजीत पर पहले ही चार्जशीट दायर है. ये सभी आतंकी पंजाब में खालिस्तानी नेटवर्क को मजबूत करने, हथियारों और ड्रग्स की तस्करी और आतंकी गतिविधियों के लिए पैसों की उगाही, और टारगेट किलिंग के ज़रिए पंजाब में डर का माहौल बनाने का काम कर रहे थे.

खुफिया एजेंसी को मिली जानकारी के मुताबिक, इस नेटवर्क के तार बंबिहा गैंग से भी जुड़े हुए हैं. बंबिहा गैंग ही पंजाब में खालिस्तानी टाइगर फोर्स यानी केटीएफ के नए सदस्यों को पैसा और हथियार देने का काम करता है. इस ग्रुप के द्वारा वसूली के जरिए जुटाए गए पैसों को हवाला नेटवर्क के जरिए देश से बाहर भेजा जा रहा था और भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में इस्तेमाल किया जा रहा था. 

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