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BJP Reservation Card: कर्नाटक में बीजेपी ने चला रिजर्वेशन 'कार्ड', क्या चुनाव में मिलेगा वोटों का बूस्टर शॉट?

Karnataka Assembly Election 2023: वोक्कालिगा के लिए आरक्षण कोटा 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6 प्रतिशत और और लिंगायत के लिए 5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत कर दिया गया है. वोक्कालिगा को 2सी के तहत 6 फीसदी आरक्षण मिलेगा और लिंगायतों को 2डी कैटेगरी के तहत 7 फीसदी आरक्षण मिलेगा. ओबीसी कोटा के तहत मुसलमानों के लिए आरक्षित 4 फीसदी कोटा 2डी और 2सी कैटेगरी को आवंटित किया गया है.

BJP Reservation Card: कर्नाटक में बीजेपी ने चला रिजर्वेशन 'कार्ड', क्या चुनाव में मिलेगा वोटों का बूस्टर शॉट?
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Rachit Kumar|Updated: Mar 26, 2023, 06:37 AM IST

Reservation for  Lingayat-Vokkaligas: कर्नाटक में मई में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. लेकिन उससे पहले तमाम पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं. बीजेपी खेमे ने तो राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले आरक्षण कार्ड खेल दिया है. उसे उम्मीद है कि इससे उसे चुनाव में फायदा मिलेगा. विश्लेषकों का कहना है कि दो अहम समूहों लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों का कोटा बढ़ाकर सद्भावना पैदा करने की बीजेपी की कोशिश सफल रही है.

बता दें कि आंदोलन का रास्ता चुनने वाले पंचमसाली उप-संप्रदाय ने बीजेपी के लिए लिंगायत वोट बैंक में सेंध लगाने की धमकी दी थी. लेकिन लगता है कि इस ऐलान के साथ ही वह भी शांत हो गया है. पंचमसाली के पुजारी वचनानंद स्वामीजी ने कहा कि आरक्षण के लिए समुदाय का आंदोलन पहले चरण में सफल रहा है. हालांकि, पंचमसाली उप-संप्रदाय के आखिरी शख्स को आरक्षण दिलाने के लिए मठ फिर से आंदोलन करने को तैयार है.

केंद्र सरकार की ओबीसी सूची में पंचमसालियों को शामिल करने का प्रस्ताव मुख्य सचिव के पास है. केंद्र ने राज्य सरकार से राय मांगी है. उन्होंने कहा, आंदोलन उस मोर्चे पर भी जारी रहेगा. पंचमसालियों के लिए आरक्षण के लिए आंदोलन की अगुआई करने वाले बसवजय मृत्युंजय स्वामीजी ने कहा कि वह लिंगायतों के लिए कोटा बढ़ाकर 7 प्रतिशत करने पर बात करेंगे और बाद में अपनी बयान देंगे.

बीजेपी को लगे हैं कई झटके

चुनाव से पहले सत्तारूढ़ बीजेपी को कई झटके लगे हैं. लिंगायत समुदाय में पंचमसाली वोटों को बनाए रखना एक बड़ी टेंशन थी. धर्माध्यक्षों ने साफ रूप से कहा है कि वह उन राजनीतिक दलों का समर्थन करेंगे जो उन्हें आरक्षण दिलाने में मदद करेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और मौजूदा सीएम बोम्मई अपने वादों को पूरा करने में विफल रहे और समुदाय को बीजेपी से नाराज माना गया. दूसरी ओर, बीजेपी को और चुनौतियों का सामना करना पड़ा क्योंकि कई नेताओं ने कांग्रेस में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ दी.

क्या है आरक्षण का गणित

वोक्कालिगा के लिए आरक्षण कोटा 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6 प्रतिशत और और लिंगायत के लिए 5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत कर दिया गया है. वोक्कालिगा को 2सी के तहत 6 फीसदी आरक्षण मिलेगा और लिंगायतों को 2डी कैटेगरी के तहत 7 फीसदी आरक्षण मिलेगा. ओबीसी कोटा के तहत मुसलमानों के लिए आरक्षित 4 फीसदी कोटा 2डी और 2सी कैटेगरी को आवंटित किया गया है.

जिस वोक्कालिगा समुदाय को 3ए कैटेगरी के तहत 4 फीसदी आरक्षण दिया गया था, उसे 2सी कैटेगरी के तहत 2 फीसदी ज्यादा आरक्षण दिया गया है. लिंगायतों को पहले 3बी श्रेणी के तहत 5 फीसदी आरक्षण दिया जाता था, अब उन्हें नए 2डी कोटा के तहत 7 फीसदी आरक्षण मिलेगा. सत्तारूढ़ बीजेपी ने संविधान की अनुसूची 9 में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण कोटा 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 24 प्रतिशत करने की सिफारिश की थी. बीजेपी ने 101 उपजातियों को जनसंख्या के हिसाब से अनुसूचित जाति वर्ग के तहत आरक्षण देने का बड़ा फैसला लिया है. बीजेपी ने तीन दशक पुरानी मांग को पूरा किया है.

कांग्रेस ने बोला हमला

कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी चुनाव से पहले राज्य में आरक्षित समुदायों को धोखा देने की रणनीति अपना रही है. राज्य में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 36 और अनुसूचित जनजाति के लिए 15 सीटों में से ज्यादातर पर बीजेपी की नजर है. मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने से दलित और शोषित वर्ग कांग्रेस की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. हालांकि, बीजेपी इस मुद्दे पर संभल कर चल रही है.

(इनपुट-IANS)

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