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Kangana Ranaut: नो ड्यूज़ का मैटर न फंसता को क्या मंडी से चुनाव हार जाती कंगना? हाईकोर्ट में उठा सवाल

Himachal Pradesh News: मंडी (Mandi) से चुनाव लड़ने को लेकर एक पूर्व सरकारी कर्मचारी ने कहा- 'मैंने निर्वाचन अधिकारी के सामने अपने नामांकन पत्र के साथ विभाग से मिला ‘No Dues’ सर्टिफिकेट पेश किया था. निर्वाचन अधिकारी ने उसे स्वीकार नहीं किया और यहीं से मैटर उसके हाथ से निकला तो वो पांच साल बाद मिला मौका चूक गया.

Kangana Ranaut: नो ड्यूज़ का मैटर न फंसता को क्या मंडी से चुनाव हार जाती कंगना? हाईकोर्ट में उठा सवाल
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Shwetank Ratnamber|Updated: Jul 25, 2024, 09:20 AM IST

Himachal Pradesh High Court: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने किन्नौर (Kinnaur) के एक निवासी द्वारा दायर याचिका पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. दरअसल एक याचिका में मंडी (Mandi) से सांसद कंगना के निर्वाचन को रद्द करने का अनुरोध करते हुए ये दलील दी गई है कि इस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए याचिकाकर्ता के नामांकन पत्र को कथित रूप से गलत तरीके से खारिज कर दिया गया था. नोटिस जारी करते हुए जस्टिस ज्योत्सना रेवाल ने रनौत को 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

14 मई फिर 4 जून अब 21 अगस्त..... 

रनौत ने मंडी लोकसभा सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को 74,755 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी. उन्हें सिंह के 4,62,267 मतों के मुकाबले 5,37,002 मत मिले थे. रनौत के निर्वाचन को रद्द करने की मांग करते हुए याचिकाकर्ता लायक राम नेगी ने कहा कि उनके नामांकन पत्र को निर्वाचन अधिकारी (उपायुक्त, मंडी) ने गलत तरीके से रद्द कर दिया और उन्हें भी पक्षकार बनाया गया है.

नो ड्यूज़ का मैटर न फंसता को क्या जीत जाते नेगी?

वन विभाग के पूर्व कर्मचारी नेगी ने कहा कि उन्हें समय से पहले रिटायरमेंट मिल गया और उन्होंने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष नामांकन पत्र के साथ विभाग से ‘नो-ड्यूज' सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया. हालांकि, उन्हें बिजली, पानी और टेलीफोन विभागों से ‘बकाया नहीं प्रमाण पत्र’ प्रस्तुत करने के लिए एक दिन का समय दिया गया और जब उन्होंने उन्हें प्रस्तुत किया तो भी निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें स्वीकार नहीं किया और नामांकन पत्र रद्द कर दिया. उन्होंने दलील दी कि अगर उनके कागजात स्वीकार किए गए होते तो वे चुनाव जीत सकते थे और कहा कि कंगना के निर्वाचन को रद्द कर दिया जाना चाहिए. 

नेगी ने कहा कि वो काफी समय से चुनाव लड़ना चाह रहे थे, पांच साल बाद ये एक बड़ा मौका आया था जो उनके हाथ से निकल गया.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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