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अरे भाई छोड़ो अखिलेश वखिलेश.. कमलनाथ ने ऐसे मुंह फेरा, जैसे कुछ पता ना हो

Kamalnath: अखिलेश यादव का नाम सुनते ही कमलनाथ ने ऐसे मुंह फेर लिया जैसे उन्हें कुछ पता ही नहीं है. उन्होंने कहा कि अखिलेश-वखिलेश को छोड़िए. फिलहाल अब इस बयान से साफ है कि इंडिया गठबंधन में कांग्रेस और सपा का आंकड़ा छत्तीस तक पहुंच चुका है.

अरे भाई छोड़ो अखिलेश वखिलेश.. कमलनाथ ने ऐसे मुंह फेरा, जैसे कुछ पता ना हो
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Gaurav Pandey|Updated: Oct 20, 2023, 03:13 PM IST

Madhya Pradesh Election: ऐसा लग रहा है कई मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर कमलनाथ कुछ ज्यादा ही आश्वस्त नजर आ रहे हैं. उनका आत्मविश्वास देखते ही बन रहा है. पहले तो उन्होंने समाजवादी पार्टी को नाराज किया और फिर अब उन्होंने ऐसा कुछ कह दिया है जिससे नाराजगी और भी बढ़ सकती है. हाल ही में कुछ मीडियाकर्मियों ने उनसे अखिलेश यादव के बारे में पूछ लिया तो उन्होंने कहा कि अखिलेश-वखिलेश को छोड़िए, इसके बाद उन्होंने अपनी कार आगे बढ़ने का इशारा किया.

'अरे भाई छोड़ो अखिलेश वखिलेश'
दरअसल, मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में यह बात कही है. कमलनाथ ने कहा कि माहौल बहुत अच्छा है. लोग हमें फोन कर रहे हैं और बता रहे हैं कि लोगों में उत्साह है. हम उम्मीद से भी बेहतर संख्या से जीतेंगे. सपा प्रमुख अखिलेश यादव के कांग्रेस पर 'विश्वासघात' के आरोपों पर कमलनाथ ने कहा, 'अरे भाई छोड़ो अखिलेश वखिलेश' इसके बाद इतना कहकर वे आगे बढ़ गए. इस दौरान वे अपनी गाड़ी में बैठे हुए थे और अपने ड्राइवर से आगे बढ़ने को कहा.

कांग्रेस पर 'विश्वासघात' का आरोप 
कमलनाथ के ये शब्द अखिलेश यादव को जरूर नाराज कर देंगे क्योंकि वे पहले से ही नाराज बताए जा रहे हैं. उधर अखिलेश यादव ने भी पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस पर 'विश्वासघात' का आरोप लगाया और कहा कि अगर कांग्रेस मध्य प्रदेश में सीटें नहीं देना चाहती थी तो उन्हें यह पहले ही कहना चाहिए था. आज, सपा केवल उन्हीं सीटों पर लड़ रही है जहां उसकी अपनी सीटें हैं. अब इसके बाद मुझे लगता है कि इंडिया गठबंधन सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव के लिए है. अगर कांग्रेस का यही व्यवहार रहा तो उन पर भरोसा कौन करेगा? मन में भ्रम लेकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे तो सफल नहीं होंगे.

इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का ऐलान करते समय कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी की एक ना सुनी और उन सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया जहां से पिछली बार सपा विजयी हुई थी या जहां काफी मजबूत थी. अखिलेश यादव को लग गया कि कांग्रेस ने उन्हें धोखा दिया है. उन्होंने साफ कह दिया कि कांग्रेस मध्य प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं करती है, तो भविष्य में भी यही होगा और उत्तर प्रदेश स्तर में भी गठबंधन नहीं होगा.

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