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Siddique Kappan Case: पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को 23 महीने बाद SC से मिली जमानत, हाथरस जाते वक्त हुई थी गिरफ्तारी

 Siddique Kappan Gets Bail From Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को निर्देश दिया कि वह उत्तर प्रदेश की जेल से रिहा किए जाने के बाद आगामी छह सप्ताह तक दिल्ली में ही रहें. पीठ ने उन पर कुछ अन्य शर्तें भी लगाईं. 

पत्रकार सिद्दीकी कप्पन (फाइल फोटो)
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Updated: Sep 09, 2022, 04:42 PM IST

Siddique Kappan Gets Bail: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केरल (Kerala) के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन (Siddique Kappan) की जमानत (Bail) याचिका शुक्रवार को स्वीकार कर ली. कप्पन को अक्टूबर 2020 उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हाथरस (Hathras) में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार पीड़िता की मौत के बाद वहां जाते वक्त रास्ते में गिरफ्तार कर लिया गया था.

प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित की अगुवाई वाली पीठ ने कप्पन को निर्देश दिया कि वह उत्तर प्रदेश की जेल से रिहा किए जाने के बाद आगामी छह सप्ताह तक दिल्ली में ही रहें. पीठ ने उन पर अपना पासपोर्ट जमा कराने और हर सोमवार को पुलिस थाने में रिपोर्ट करने समेत कुछ शर्तें भी लगाईं.

यूपी सरकार ने किया कप्पन की जमानत का विरोध
इससे पहले मंगलवार को सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने कप्पन की जमानत का विरोध करते हुए दावा किया कि कप्पन के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ गहरे संबंध हैं. साथ ही, वह सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने और आतंक फैलाने की व्यापक साजिश का हिस्सा हैं.

यूपी सरकार ने कहा कि जांच में आरोपी और पीएफआई/सीएफआई (कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया) के शीर्ष नेतृत्व, कमाल केपी और ओमा सलाम, के बीच स्पष्ट रूप से संबंध होने का खुलासा हुआ है.

यूपी सरकार ने अदालत में किया ये दावा
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जांच में यह सामने आया है कि याचिकाकर्ता असल में पीएफआई/सीएफआई प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा था, जो हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहा था. राज्य सरकार ने दावा किया कि प्रतिनिधिमंडल सह आरोपी और सीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव राऊफ शरीफ के निर्देश पर हाथरस भेजा गया था. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि कप्पन अपने बैंक खाते में सितंबर-अक्टूबर 2020 में जमा किये गये 45,000 रुपये का स्रोत बताने में भी नाकाम रहा.

बता दें इस महीने की शुरूआत में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कप्पन की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी.

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