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GPS Tracker Anklet: जमानत मिलने पर अब लापता नहीं हो सकेंगे संदिग्ध आतंकी, पहनाए जाएंगे जीपीएस ट्रैकर एंकलेट; यहां हुई शुरुआत

GPS Tracker Anklet: संदिग्ध आतंकी अब जमानत मिलने के बाद लापता नहीं हो सकेंगे. उनकी मूवमेंट पर नजर रखने के लिए अब उन्हें जीपीएस ट्रैकर एंकलेट पहनाए जाएंगे. 

GPS Tracker Anklet: जमानत मिलने पर अब लापता नहीं हो सकेंगे संदिग्ध आतंकी, पहनाए जाएंगे जीपीएस ट्रैकर एंकलेट; यहां हुई शुरुआत
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Syed Khalid Hussain|Updated: Nov 04, 2023, 11:27 PM IST

GPS tracker anklets to Suspected terrorists: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जमानत पर छूटे संदिग्ध आतंकियों की निगरानी के लिए नायाब तरीका निकाला है. वह उन पर नजर रखने के लिए जीपीएस ट्रैकर एंकलेट का इस्तेमाल कर रही हैं. इस तरह के ट्रैकर एंकलेट इस्तेमाल करने वाला जम्मू-कश्मीर पुलिस डिपार्टमेंट देश का पहला पुलिस विभाग है. जीपीएस ट्रैकर एंकलेट एक उपकरण है, जिसे व्यक्ति के टखने के चारों ओर लगाया जाता है. इसके जरिए व्यक्ति के मूवमेंट पर नजदीक से निगरानी रखी जाती है. 

पश्चिमी देश करते रहे हैं इस्तेमाल

इस तरह के जीपीएस ट्रैकर एंकलेट (GPS Tracker Anklet) का इस्तेमाल अब तक पश्चिमी देशों में देखने को मिलता रहा है. अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में इसका उपयोग जमानत, पैरोल और घर में नजरबंदी पर आरोपी व्यक्तियों की निगरानी के लिए किया जाता रहा है. अब जमानत मांगने वाले व्यक्तियों के घुटने पर जीपीएस ट्रैकर एंकलेट लगाने वाला जम्मू कश्मीर पुलिस विभाग देश का पहला पुलिस महकमा बन गया है.

ऐसे हुई मामले की शुरुआत

ऊधमपुर में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद संदिग्ध आतंकी गुलाम मुहम्मद भट्ट ने अपनी जमानत के लिए आवेदन किया था. जमानत पर सुनवाई लंबित रहने के दौरान आरोपी ने अंतरिम जमानत पर रिहा करने की मांग की. गुलाम मुहम्मद भट्ट पर विभिन्न आतंकवादी संगठनों से जुड़े होने और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के इशारे पर आतंक के वित्तपोषण में शामिल होने का मुकदमा चल रहा है. 

ठहराया जा चुका है दोषी

उसे आतंकवाद में इस्तेमाल किए जाने वाले रुपये की राशि  के परिवहन का प्रयास करते समय गिरफ्तार किया गया था. वह हिज्बुल मुजाहिदीन के कहने पर 2.5 लाख रुपये घर ले जा रहा था. उसे आतंकवादी घटना की साजिश रचने के आरोप में एनआईए कोर्ट पटियाला हाउस दिल्ली की ओर से भी दोषी ठहराया जा चुका है. 

पैंरों में लगाया जाएगा जीपीएस ट्रैकर ऐंकलेट

उसकी जमानत अर्जी का विरोध करते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस ने उस पर दर्ज मुकदमों की अहमियत समझाते हुए आरोपी पर कड़ी नजर रखने की दलील दी. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद स्पेशल एनआईए कोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. साथ ही उसकी लाइव निगरानी के लिए आरोपी के घुटनों पर जीपीएस ट्रैकर ऐंकलेट (GPS Tracker Anklet) बांधने का भी निर्देश दिया. 

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