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XPoSAT Launching: 1 जनवरी को Isro फिर रचेगा इतिहास, क्या है भारत का पहला Polarimetry Mission?

XPoSAT Launching News:  Isro ने घोषणा की है कि एक्सपोसैट (XPoSat) मिशन 1 जनवरी की सुबह 9:10 बजे लॉन्च होगा. माना जा रहा है कि यह मिशन भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.

XPoSAT Launching:  1 जनवरी को Isro फिर रचेगा इतिहास, क्या है भारत का पहला Polarimetry Mission?
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Zee News Desk|Updated: Dec 30, 2023, 01:44 PM IST

Isro News: अंतरिक्ष क्षेत्र में ‘चंद्रयान-3’ की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Isro) इसरो नए साल के पहले दिन ही देशवासियों को बड़ा गिफ्ट देने जा रहा है. Isro ने घोषणा की है कि एक्सपोसैट (XPoSat) मिशन 1 जनवरी की सुबह 9:10 बजे लॉन्च होगा. माना जा रहा है कि यह मिशन भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.

रॉकेट PSLV-C58, जो XPoSat को ले जाएगा, मुख्य उपग्रह को वांछित कक्षा में स्थापित करने के बाद अपने अंतिम चरण में 10 अन्य पेलोड को भी होस्ट करेगा.

XpoSat मिशन भारत का पहला और दुनिया का दूसरा डेडिकेटिज पोलारिमेट्री मिशन है. इससे पहले सिर्फ 2021 में नासा के इमेजिंग एक्स-रे पोलारिमेट्री एक्सप्लोरर (IXPE) लॉन्च किया था.

चमकीले स्रोतों की स्टडी है मिशन
XPoSat का लक्ष्य ब्रह्मांड में 50 सबसे चमकीले ज्ञात स्रोतों का अध्ययन करना है, जिसमें पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बायनेरिज़, सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक, न्यूट्रॉन सितारे और गैर-थर्मल सुपरनोवा अवशेष शामिल हैं.

पिछले मिशन से कैसे अलग होगा यह
XPoSat के साथ, भारत स्पेस बेस्ड एक्स-रे एस्ट्रोनॉमी में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है. जहां पिछले मिशन मुख्य रूप से इमेजिंग, टाइम-डोमेन स्टडी और स्पेक्ट्रोस्कोपी पर केंद्रित थे, XPoSat भारत का पहला डेडिकेटिड पोलारिमेट्री मिशन होगा जिसका उद्देश्य तीव्र एक्स-रे सोर्स के ध्रुवीकरण का पता लगाना है, जो एक्स-रे एस्ट्रोनॉमी में एक नया आयाम पेश करता करेगा.

एक्स-रे ध्रुवीकरण आकाशीय स्रोतों के विकिरण तंत्र और ज्योमेट्री की जांच के लिए एक महत्वपूर्ण डायग्नोस्टिक टूल के रूप में काम करता है.

दो पेलोड लेकर जाएगा XpoSat
XPoSat अंतरिक्ष यान निचली पृथ्वी कक्षा में स्थापित किया जाएगा. यह अपने साथ दो पेलोड लेकर जाएगा.

पहला पेलोड POLIX (एक्स-रे में पोलारिमीटर उपकरण) इस सैटेलाइट का मेन पेलोड है. 126 किलोग्राम का यह यंत्र अंतरिक्ष में स्रोतों के चुंबकीय फील्ड, रेडिएशन, इलेक्ट्रॉन्स आदि की स्टडी करेगा. यह 8-30 keV रेंज की एनर्जी बैंड की स्टडी करेगा.

दूसरा पेलोड, XSPECT ( एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग) 0.8-1.5 keV की ऊर्जा रेंज में स्पेक्ट्रोस्कोपिक जानकारी देगा। यह कई प्रकार के स्त्रोतों का निरीक्षण करेगा। जैसे- एक्स-रे पल्सर, ब्लैकहोल, बाइनरी, एलएमएक्सबी, एजीएन और मैग्नेटर्स में कम चुंबकीय क्षेत्र न्यूट्रॉन स्टार.

दूसरा पेलोड है XSPECT  (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी एंड टाइमिंग). यह 0.8-15 keV रेंज की एनर्जी बैंड की स्टडी करेगा. यानी यह पोलिक्स की रेंज से कम एनर्जी बैंड की स्टडी करेगा. यह पल्सर, ब्लैक होल बाइनरी, लो-मैग्नेटिक फील्ड न्यूट्रॉन स्टार, मैग्नेटार्स आदि की स्टडी करेगा. 

XPoSAT के बारे में कुछ और जरूरी बातें
XPoSAT सैटेलाइट का कुल वजन 469 kg है. इसके दो पेलोड्स 144 किलोग्राम के हैं. एक्सपोसैट मिशन पांच साल का होगा. सैटेलाइट को यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के सहयोग से रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) द्वारा विकसित किया गया है.

(फोटो साभार: Facebook/ISRO)

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