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ISRO Ram Setu Research: रामसेतु के नीचे से बहती थी 11 संकरी नहरें, ISRO ने सैटेलाइट की मदद से बनाया रूट

ISRO Ram Setu Report: इसरो ने रामसेतु को लेकर बड़ा खुलासा किया है. एजेंसी की ताजा रिसर्च से पता चला है कि रामसेतु के नीचे 11 संकरी नहर बहती थी, जिनके जरिए समुद्र का पानी इधर से उधर जाता था.   

ISRO Ram Setu Research: रामसेतु के नीचे से बहती थी 11 संकरी नहरें, ISRO ने सैटेलाइट की मदद से बनाया रूट
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Devinder Kumar|Updated: Jul 11, 2024, 12:35 AM IST

Ram Setu New Research: रामसेतु देश के करोड़ों हिंदुओं की आस्था से गहराई से जुड़ा है. रामसेतु को लेकर कई बार सवाल भी उठे हैं. लेकिन हमेशा वैज्ञानिकों ने उन सवालों को खारिज किया है. अब भारत की स्पेस एजेंसी ISRO ने अपने सैटेलाइट की मदद से रामसेतु का ना सिर्फ मैप बनाया है बल्कि उसकी बनावट को लेकर भी खुलासा किया है. ISRO के उस रिपोर्ट के बारे में बताते हैं. 

ISRO ने बताया रामसेतु का भूगोल

रामसेतु, जिसे अब तक आस्था की नजरों से देखा जाता था. अब उसे देश के वैज्ञानिकों ने उस पर विज्ञान की मुहर लगा दी है और वो भी देश की अंतरिक्ष संस्था ISRO ने. ISRO की इसी रिपोर्ट में रामसेतु का संपूर्ण भूगोल छिपा है. आपको रामसेतु से जुड़ी इस रिपोर्ट की एक-एक महत्त्वपूर्ण चीज बताते हैं. 

समुद्र तल से 8 मीटर ऊपर बना रामसेतु

ISRO ने अपने मैप के जरिए ये पाया किया कि रामसेतु तमिलनाडु के धनुषकोड़ी से श्रीलंका के तलाईमन्नार तक बना हुआ है. इस पुल का करीब-करीब 100 फीसदी हिस्सा उथले पानी में है. मतलब पुल बहुत गहराई में नहीं है. रामसेतु समुद्र तल से 8 मीटर ऊपर बना हुआ है. सबसे हैरानी की बात ये है कि रामसेतु के नीचे 11 संकरी नहरें मिली हैं. जिससे समुद्र का पानी पुल के आर-पार जाता है. 

ICESat‑2 सैटेलाइट से मिली तस्वीरें

इन्हीं संकरी नदियों की वजह से ही रामसेतु का अस्तित्व बरकार है. रामसेतु के भूगोल की रिपोर्ट इसरो की यूनिट NRSC के जोधपुर और हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने तैयार की है. रामसेतु के रिसर्च के लिए ISRO के ICESat‑2 सैटेलाइट का इस्तेमाल किया है. जिसे हिंदू रामसेतु मानते हैं...उसे ISRO और दूसरे वैज्ञानिक एडम्स ब्रिज कहते हैं.  

आपने अब तक सैटैलाइट के जरिए रामसेतु देखा होगा. अप्रैल 2015 में ZEE NEWS देश का पहला और एकमात्र चैनल था, जिसके जरिए देश ने पहली बार रामसेतु के साक्षात् दर्शन किए थे. ZEE NEWS ने श्रीलंका से भारत तक रामसेतु की यात्रा की थी और समंदर के उन द्वीपों पर पहुंचा था, जो रामसेतु के रास्ते में मौजूद हैं. 

रामसेतु रूट पर कुल 6 द्वीप मौजूद

भारत और श्रीलंका के बीच मौजूदा रामसेतु के रूट पर छह द्वीप मौजूद है. कहा जाता है कि ये छह द्वीप रामसेतु के 6 पिलर हैं यानी इन्हीं पिलर पर से सेतु गुजरता था.  ZEE NEWS की टीम श्रीलंका के रामसेतु के रास्ते पर चलते हुए भारत के किनारे पहुंच गई थी. पहली बार कोई चैनल रामसेतु पर चला था  

15वीं सदी तक चलने लायक था सेतु

ISRO की रिपोर्ट से पहले यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के सैटेलाइट ने भी रामसेतु का प्रमाण दिया था. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने माना था कि रामसेतु एक प्राकृतिक पुल है और ये 15वीं शताब्दी तक इस्तेमाल करने लायक था. अब इसरो की रिपोर्ट ने एक फिर बार रामसेतु को वैज्ञानिक प्रमाणित कर दिया है.

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