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INS Imphal: समंदर में नहीं चलेगी चीन की दादागिरी, भारतीय नौसेना को मिला 'पानी का शहंशाह'

Indian Navy News: भारतीय नौसेना खुद को तेज़ी से आधुनिक बना रही है. आईएनएस इंफाल इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी है.

INS Imphal: समंदर में नहीं चलेगी चीन की दादागिरी, भारतीय नौसेना को मिला 'पानी का शहंशाह'
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Krishna Mohan Mishra|Updated: Dec 26, 2023, 04:07 PM IST

INS Imphal News: भारतीय नौसेना का सबसे आधुनिक और ताक़तवर जंगी जहाज़ आईएनएस इंफाल उस समय भारतीय समुद्रों की रक्षा के लिए तैनात हो रहा है जब उसकी सबसे ज्यादा ज़रूरत है. पिछले हफ्ते दो जहाज़ों पर हमले हुए और ये दोनों ही उस इलाक़े में थे जहां भारतीय नौसेना की नज़र रहती है. रूस-यूक्रेन युद्ध चल ही रहा है और इज़रायल-हमास संघर्ष ने दुनिया को नई परेशानी में डाल दिया है. इस संघर्ष का दायरा अब समुद्र तक फैल रहा है और अगर ये इसी तरह फैलता रहा तो भारतीय नौसेना की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी.

अरब सागर से लेकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा भारतीय नौसेना की ज़िम्मेदारी है ताकि देश की आर्थिक प्रगति का पहिया लगातार घूमता रहे.

23 दिसंबर को व्यापारिक जहाज़ चेम प्लूटो पर हमले के बाद सबसे पहले उससे संपर्क करने वाला नौसैनिक जहाज़ आईएनएस मुरमोगाओ था. यह जहाज आईएनएस इंफाल का बड़ा भाई यानि इसी क्लास का जंगी जहाज़ है जिसे पिछले साल नौसेना में शामिल किया गया है.

नौसेना ने सोमवार को दो और बड़े जंगी जहाज़ आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता को भी अरब सागर की सुरक्षा के लिए तैनात किया है. ये दोनों भी इसी क्लास के जंगी जहाज़ है यानि इसी तरह के हैं.

ताकत और तकनीक में आगे आईएनएस इंफाल
आईएनएस इंफाल ताकत और तकनीक में इससे भी आगे है. आईएनएस इंफाल भारतीय नौसेना का सबसे नया स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रायर है और अब ये नौसेना की पश्चिमी कमान का हिस्सा बन चुका है जिसकी ज़िम्मेदारी अरब सागर से लेकर मध्यपूर्व पर भारत के हितों की सुरक्षा करना है.

आईएनएस इंफाल को टोटल एटमॉस्फिरिक कंट्रोल सिस्टम से लैस किया गया है और इसे न्यूक्लियर-केमिकल-बायोलॉजिकल वातावरण में काम करने के लिए तैयार किया गया है. यानि परमाणु हमला हो चुका हो, केमिकल हथियार इस्तेमाल हो चुके हों या बाहर का पूरा वातावरण बायो हथियारों से दूषित हो चुका हो आईएनएस इंफाल पर कोई असर नहीं पडता.

अपनी-बिजली पानी खुद पैदा करता है आईएनएस इंफाल
इसका इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर अभेद्य है और ये पूरा जहाज़ नेटवर्क से जुड़ा हुआ है. यानि एक जगह से ही पूरे जहाज़ पर नियंत्रण किया जा सकता है. ये जहाज़ बाहर के वातावरण से बिल्कुल अलग रहकर काम कर सकता है और इसके लिए आईएनएस इंफाल अपनी बिजली-पानी खुद पैदा करता है.

किसी भी स्वास्थ्य आपातस्थिति के लिए आईएनएस इंफाल तैयार किया गया है ताकि बीच समुद्र में भी ज़रूरी इलाज़ तुरंत मिल सके.

महिला नोसैनिकों के लिए अलग से इंतजाम
आईएनएस इंफाल में एक और नई बात है जो इसे नौसेना के हर जहाज़ से अलग बनाती है. इसमें महिला नौसैनिकों के लिए अलग से इंतज़ाम किया गया है जो पहले कभी किसी जहाज़ में नहीं किया गया..

अंतरराष्ट्रीय स्तर की किचन
आईएनएस इंफाल एक बार में दो महीने से ज्यादा समय तक समुद्र में रह सकता है. इस लंबीयात्रा में लगभग 350 अफसरों और नौसैनिकों के लिए दिन में तीन बार खाना और दो बार चाय-नाश्ता यहां की खास किचन में तैयार होगा जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर की बनाई गई है..

भारतीय नौसेना को भारत के आर्थिक हितों के लिए 23 लाख वर्ग किमी के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक ज़ोन की सुरक्षा करनी है. इसके अलावा उसके ज़िम्मे दुनिया के सबसे व्यस्त व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा भी है जिसपर हर समय खतरा मंडराता है. इसलिए भारतीय नौसेना खुद को तेज़ी से आधुनिक बना रही है. आईएनएस इंफाल इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी है.

(फोटो साभार: @DefenceMinIndia)

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