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Shaurya Doval: पापा NSA हैं, क्‍या इस कारण नहीं मिला चुनावी टिकट? बेटे शौर्य डोभाल ने बताई BJP की रणनीति

Ajit Doval Son: चुनाव लड़ने से जुड़े एक सवाल पर शौर्य डोभाल ने कहा, ‘‘जब मैं इस क्षेत्र में आया था, तो मैं राजनीति के नजरिये से नहीं आया था. मैं 2009 में ‘इंडिया फाउंडेशन’ की स्थापना करने के लिए भारत वापस आया था. मुझे पार्टी द्वारा 2018-19 में उत्तराखंड जाने के लिए कहा गया था और अंततः यह पार्टी का निर्णय है...आप ये निर्णय नहीं ले सकते.’’

Shaurya Doval: पापा NSA हैं, क्‍या इस कारण नहीं मिला चुनावी टिकट? बेटे शौर्य डोभाल ने बताई BJP की रणनीति
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Atul Chaturvedi|Updated: Aug 12, 2024, 02:01 PM IST

Ajit Doval and Shaurya Doval: भाजपा नेता शौर्य डोभाल ने कहा है कि उन्होंने कभी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं जताई है, लेकिन अगर पार्टी उन्हें चुनाव मैदान में उतारने का फैसला करती है तो वह इसके लिए तैयार हैं. बैंकर से राजनेता बने डोभाल ने कहा कि वह ‘सेवा के विचार’ के साथ 2009 में ब्रिटेन से भारत वापस आए और अपने संगठन ‘इंडिया फाउंडेशन’ की स्थापना की. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इसलिए चुनावी राजनीति में मौका नहीं मिला क्योंकि उनके पिता अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं, उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि ‘‘शायद यह मेरे पिता की वजह से हो सकता है लेकिन जाहिर है कि मुझे टिकट नहीं मिला और इसीलिए मैंने चुनाव नहीं लड़ा है.’’

पिछले दिनों समाचार एजेंसी के मुख्यालय में ‘पीटीआई’ संपादकों के साथ बातचीत में भाजपा की उत्तराखंड राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य डोभाल ने कहा कि उन्होंने कभी भी चुनाव लड़ने के लिए पार्टी से टिकट नहीं मांगा.

चुनावी लड़ने से जुड़े एक सवाल पर शौर्य डोभाल ने कहा, ‘‘जब मैं इस क्षेत्र में आया था, तो मैं राजनीति के नजरिये से नहीं आया था. मैं 2009 में ‘इंडिया फाउंडेशन’ की स्थापना करने के लिए भारत वापस आया था. मुझे पार्टी द्वारा 2018-19 में उत्तराखंड जाने के लिए कहा गया था और अंततः यह पार्टी का निर्णय है...आप ये निर्णय नहीं ले सकते.’’

उन्होंने कहा, ‘‘आम तौर पर यही संस्कृति होती है कि आप अपने लिए काम करें, लेकिन भाजपा में यह संस्कृति दूसरी पार्टियों से कम है. उनके पास अपने विश्लेषण होते हैं कि कौन सा व्यक्ति किस काम के लिए बेहतर है, इसके कई कारण हो सकते हैं... हो सकता है कि मैं अच्छा राजनेता नहीं हूं, या हो सकता है कि वे सही समय का इंतजार कर रहे हों या हो सकता है कि मुझसे बेहतर लोग हों और मुझे दूसरे कामों के लिए रखा गया हो. मैंने कारण के बारे में कुछ नहीं पूछा है.’’

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बचपन में पता नहीं था, मेरे पिता एक आईपीएस हैं: शौर्य डोभाल
बैंकर से राजनीतिक विचारक बने शौर्य डोभाल ने अपने पिता से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, "बचपन में मुझे यह भी नहीं पता था कि वह एक आईपीएस अधिकारी हैं...मुझे यह बहुत बाद में पता चला जब मैं भारत वापस आया. उन्हें लगता था कि वह विदेश सेवा में हैं. उन्हें अपने पिता के गुप्त अभियानों के बारे में बहुत बाद में पता चला.

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शौर्य डोभाल ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि एक बार उन्होंने अपने पिता के एक सहकर्मी से पाकिस्तान की आईएसआई की तुलना में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की गतिविधियों के बारे में कम खबरें आने के बारे में सवाल किया था. शौर्य डोभाल ने कहा कि इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि ‘‘चूंकि आपको पता नहीं चल पाता है, इसी वजह से हम अपना काम कर पाते हैं.’’

भारत के विशिष्ट जासूस की पहचान अर्जित करने वाले अजित डोभाल वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) हैं और इस पद पर उनका यह तीसरा कार्यकाल है. केरल कैडर के 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी अजित डोभाल भारत के दूसरे सबसे बड़े शांतिकालीन वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले पहले पुलिसकर्मी भी हैं.

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डोभाल के पेशेवर जीवन में कई खुफिया अभियानों में मिली सफलताएं शामिल हैं. इनमें मिजो नेशनल आर्मी के भीतर अपनी पैठ बनाने से संबंधित खुफिया अभियान तथा म्यांमा और चीन से संबंधित महत्वपूर्ण अभियान शामिल हैं.

ऑपरेशन ब्लैक थंडर के दौरान भी अजित डोभाल की केंद्रीय भूमिका रही थी जो विवादास्पद आपरेशन ब्लू स्टार के बाद हुआ था. उन्होंने ‘इंडियन एयरलाइंस’ उड़ान 814 अपहरण घटनाक्रम के दौरान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. अपने पिता के गोपनीय करियर पर चर्चा करते हुए, शौर्य ने कहा, "मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी....यह स्पष्ट है कि अगर एक ‘सुपर’ जासूस के बच्चों को उसके काम के बारे में पता होगा, तो वह भला किस प्रकार का ‘सुपर’ जासूस हुआ?’’

उन्होंने अपने पिता के खुफिया करियर के बारे में कहा, ‘‘आज तक, मुझे नहीं पता कि वह क्या करते हैं, घर पर कामकाज को लेकर चर्चा की कोई संस्कृति (चलन) नहीं है. हालांकि वह मुझसे हर बात के बारे में पूछते हैं और शायद वह जानते हैं कि मैं क्या करता हूं."

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