trendingNow12249854
Hindi News >>देश
Advertisement

BHISHM: वायुसेना ने रचा 'भीष्म' इतिहास, इमरजेंसी में 8 मिनट में उड़कर आएगा अस्पताल, खासियतें हैरान कर देंगी

अब किसी भी दुर्गम स्थान या प्राकृतिक आपदा में अस्पताल भीष्म को विमान या हेलिकॉप्टर की मदद से कहीं भी तुरंत उतारा जा सकेगा. लद्दाख और करगिल जैसे मोर्चे के लिए इस सफलता को बेहद अहम माना जा रहा है. ये पोर्टेबल अस्पताल भीष्म मजबूत, वाटरप्रूफ होने के साथ ही सोलर एनर्जी और बैटरी से संचालित होता है.

BHISHM: वायुसेना ने रचा 'भीष्म' इतिहास, इमरजेंसी में 8 मिनट में उड़कर आएगा अस्पताल, खासियतें हैरान कर देंगी
Stop
Rachit Kumar|Updated: May 15, 2024, 10:36 PM IST

कैसी भी विषम परिस्थिति हो, कोई भी चुनौती हो. महज 8 मिनट में किसी भी जख्मी व्यक्ति के पास आसमान से उड़ता हुआ अस्पताल पहुंच जाएगा और जरूरतमंद का इलाज समय पर शुरू हो जाएगा. भारतीय वायुसेना ने एक पोर्टेबल अस्पताल बनाया है. परीक्षण के दौरान 1500 फीट की ऊंचाई से इस अस्पतालों को आसमान से जमीन पर लाया गया है. वायुसेना ने पहली बार हॉस्पिटल को जमीन पर उतारने का सफल परीक्षण किया.  ये स्वदेशी पोर्टेबल अस्पताल है. 

नीचे अफरातफरी मची हुई है. घायल व्यक्ति को एक विषम परिस्थिति में अस्पताल ले जाने की जद्दोजहद हो रही है. हालात बिगड़े हुए हैं. कुछ भी हो सकता है. ऐसे में भारतीय वायुसेना के दूत आसमान में मंडराते हुए दिख रहे हैं. नीचे मौजूद लोगों को पता चलता है कि अब इस घायल शख्स की जान बच सकती है क्योंकि प्रोजेक्ट भीष्म के तहत कुछ इसी तरह से आने वाले दिनों में दुर्गम स्थानों पर या फिर विपरीत हालात में मरीजों की जान बचाई जा सकेगी.

8 मिनट में पहुंच जाएगा अस्पताल

क्योंकि अब वायुदूत आसमान से ही महज आठ मिनट के भीतर जान बचाने के लिए अस्पताल लेकर पहुंच जाएंगे. आगरा में भारतीय वायुसेना ने मंगलवार को मलपुरा ड्राॉपिंग जोन में पोर्टेबल अस्पताल भीष्म यानी भारत हेल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग, हित एंड मैत्री के तहत  1000 फुट की ऊंचाई से गिराकर जमीन पर सफल उतारने का परीक्षण किया है. इस दौरान वायुसेना के एएन-32 विमान से पैराशूट की मदद से करीब 720 किलो वजन के पोर्टेबल अस्पताल भीष्म को जमीन पर उतारा, ये परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा. 

अब किसी भी दुर्गम स्थान या प्राकृतिक आपदा में अस्पताल भीष्म को विमान या हेलिकॉप्टर की मदद से कहीं भी तुरंत उतारा जा सकेगा. लद्दाख और करगिल जैसे मोर्चे के लिए इस सफलता को बेहद अहम माना जा रहा है. ये पोर्टेबल अस्पताल भीष्म मजबूत, वाटरप्रूफ होने के साथ ही सोलर एनर्जी और बैटरी से संचालित होता है.

भीष्म पोर्टेबल अस्पताल में क्या है खास?

स्वदेशी भीष्म पोर्टेबल अस्पताल को 36 क्यूब्स में तैयार किया गया है. एक अस्पताल भीष्म बनाने में 1.50 करोड़ रुपये की लागत आती है. इसमें एक्स-रे मशीन, ब्ल्ड की जांच, ऑपरेशन थियेटर, वेंटिलेटर की सुविधा है. अस्पताल भीष्म में आसानी से इलाज भी किया जा सकता है. ये भारतीय सेना को बॉर्डर एरिया में बेहद मददगार भी साबित होगा.

खास बात ये भी है कि अयोध्या और जी-20 शिखर सम्मेलन चर्चा में रहा. वायुसेना के मुताबिक, अस्पताल भीष्म की यूनिट अयोध्या में श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी लगाई गई थी. जहां पर डॉक्टरों की टीम को भी तैनात की गई थी. 

पीएम मोदी के नेतृत्व में भीष्म प्रोजेक्ट शुरू किया था. प्रोजेक्ट का उद्देश्य आपदा और युद्ध वाले क्षेत्र में गंभीर लोगों को जल्द इलाज उपलब्ध कराना है.

Read More
{}{}