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Hathras Stampede: मुआवजा नाकाफी... राहुल गांधी ने अब सीएम योगी को लिखा, हाथरस में चश्मदीदों से मिला न्यायिक आयोग

Hathras Tragedy Update: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाथरस भगदड़ के पीड़ितों का मुआवजा बढ़ाने की मांग दोहराई है. अब उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर रिक्वेस्ट की है. दूसरी ओर, न्यायिक जांच आयोग हाथरस में लगातार स्थानीय लोगों और चश्मदीदों से मिल रहा है.

Hathras Stampede: मुआवजा नाकाफी... राहुल गांधी ने अब सीएम योगी को लिखा, हाथरस में चश्मदीदों से मिला न्यायिक आयोग
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Keshav Kumar|Updated: Jul 07, 2024, 02:56 PM IST

Rahul Gandhi Letter To CM Yogi: हाथरस के सिकंदराराऊ में एक कथित बाबा की सभा के बाद भगदड़ में 121 लोगों की मौत पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी एक बार फिर सक्रिय दिखे हैं. हाथरस और अलीगढ़ में पीड़ितों से मिलने के बाद उन्होंने अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अपनी मांग दोहराई है. उन्होंने हाथरस भगदड़ के पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजा बढ़ाने और तत्काल मदद पहुंचाने का आग्रह किया है.

केंद्र और राज्य सरकार ने की पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को शोक में डूबे परिवारों के लिए 4 लाख रुपये के संयुक्त मुआवजे की घोषणा की थी. इसमें केंद्र और राज्य ने दो-दो लाख रुपये का योगदान दिया था. वहीं, राहुल गांधी ने हाथरस-अलीगढ़ दौरे के दौरान भी मुआवजा को नाकाफी बताया था. अब उन्होंने पत्र में यह लिखा है. राहुल गांधी ने पत्र में पीड़ित परिवारों से अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए मुआवजा बझ़ाने पर जोर दिया है.

राहुल गांधी का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र

राहुल ने अपने पत्र में लिखा, "कल सुबह, मैं अलीगढ़ और हाथरस जिलों के कई परिवारों से मिला और उनके दर्द को साझा करने की कोशिश की. त्रासदी इतनी गहरी है कि उन्हें सांत्वना देने की कोशिश में मेरे पास शब्द नहीं हैं. भारी मन से, मैं आपको यह पत्र लिख रहा हूं, उस दर्द को समझ रहा हूं जो आप भी महसूस कर रहे होंगे."

राहुल ने मुआवजा बढ़ाने के साथ की राहत उपायों को बढ़ाने की मांग

राज्य सरकार द्वारा घोषित मुआवजे को नाकाफी बताते हुए राहुल गांधी ने राहत उपायों को बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने जोर देकर कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित मुआवजा पूरी तरह से अपर्याप्त है. मैं आपसे मुआवजे की रकम बढ़ाने और इसकी शीघ्र वितरण सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं. साथ ही, घायलों को उचित मुआवजे के साथ पर्याप्त इलाज भी मुहैया कराया जाना चाहिए."

विपक्षी नेता ने हाथरस कांड की गहन और पारदर्शी जांच पर दिया जोर

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने हाथरस कांड की गहन और पारदर्शी जांच की भी मांग की. उन्होने इसके लिए स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और असंवेदनशीलता को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने लिखा, "पीड़ित के परिवारों ने मुझे बताया कि यह घटना स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और असंवेदनशीलता के कारण हुई. एक व्यापक और पारदर्शी जांच न केवल भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए आवश्यक है, बल्कि शोक संतप्त परिवारों के बीच न्याय प्रणाली में विश्वास बहाल करने के लिए भी आवश्यक है." 

हाथरस में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग, चश्मदीदों से पूछताछ शुरू

दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश सरकार के न्यायिक जांच आयोग के सदस्यों ने हाथरस में दो जुलाई को मची भगदड़ की घटना के चश्मदीदों और स्थानीय लोगों के अलावा अधिकारियों से रविवार को बातचीत की. इस घटना में 121 लोगों की मौत के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय दल में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी हेमंत राव और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी भावेश कुमार भी शामिल हैं.

न्यायिक आयोग को दो महीने के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश

यह जांच दल शनिवार को हाथरस पहुंचा था. उसने राष्ट्रीय राजमार्ग 91 पर फुलराई गांव के नजदीक भगदड़ स्थल का निरीक्षण किया. रविवार सुबह न्यायिक आयोग के दल ने हाथरस जिले में अलीगढ़ रोड पर पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में लोगों से पूछताछ शुरू की. श्रीवास्तव ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद शनिवार को पत्रकारों से कहा था, ‘‘हमें दो महीने के भीतर हमारी जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है.’’ हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार और पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल भी दल के साथ थे.

हाथरस कांड में मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर समेत नौ संदिग्ध गिरफ्तार

भगदड़ की घटना के मामले में अब तक मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हाथरस पुलिस ने शनिवार को कहा था कि वह एक राजनीतिक दल द्वारा सत्संग का कथित वित्त पोषण किये जाने की भी जांच कर रही है. उसने इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी.

अधिकारियों के मुताबिक, मधुकर स्वयंभू बाबा सूरजपाल जाटव उर्फ ​​नारायण साकार हरि उर्फ ​​भोले बाबा के दो जुलाई को हुए कथित सत्संग का मुख्य आयोजक था. उसने इसके लिए चंदा इकट्ठा किया था. इस सत्संग में 2.50 लाख से अधिक लोग जुटे थे जबकि केवल 80 हजार लोगों के जमा होने की इजाजत दी गई थी.

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सिकंदराराऊ पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में स्वयंभू बाबा का नाम तक नहीं

दो जुलाई को हुई इस घटना के संबंध में स्थानीय सिकंदराराऊ पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में स्वयंभू बाबा का नाम दर्ज नहीं है. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) भी इस घटना की जांच कर रहा है. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आगरा जोन) अनुपम कुलश्रेष्ठ एसआईटी का नेतृत्व कर रहे हैं. कुलश्रेष्ठ ने शुक्रवार को को बताया था कि उन्होंने भगदड़ में साजिश के पहलू को खारिज नहीं किया है. उन्होंने कहा था कि अब तक जुटाए गए सबूत सत्संग आयोजकों के दोषी होने का संकेत देते हैं.

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