हाथरस के रतिभानपुर में भोले बाबा के सत्संग के समापन का कार्यक्रम चल रहा था. सत्संग के दौरान अचानक भगदड़ मच गई. इस घटना में कई लोगों की मौत की जानकारी सामने आ रही है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब तक 25 महिलाओं समेत 60 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है. घायलों को एटा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सत्संग के दौरान भगदड़ से तक अब 27 लोग मारे जा चुके हैं जिनके लाशें एटा जिला हॉस्पिटल पहुंची हैं. स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि सिकंदराराऊ के पास एक भोलेबाबा का सत्संग हो रहा था. वहां गर्मी और उमस भी बहुत थी. उसी दौरान वहां भगदड़ मची और हादसा हुआ.
हाथरस घटना पर CM योगी ने संज्ञान लिया है और मंत्री लक्ष्मी नारायण और संदीप सिंह को हाथरस भेजा है. मुख्य सचिव और DGP को भी CM ने मौके पर भेजा है. सीएम योगी के निर्देश पर घटना की जांच के लिए कमेटी भी गठित की है. अलीगढ़ मंडल के वरिष्ठ अफसर की कमेटी मामले की जांच करेगी. ये कमेटी घटना के कारणों की कमेटी जांच करेगी. एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ की अध्यक्षता में कमेटी गठित हुई है.
इस संबंध में राज्य सरकार ने कहा कि मुख्यमंत्री सीएम योगी ने जनपद हाथरस में हुए हादसे का संज्ञान लिया है. सीएम योगी ने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. इसके साथ ही अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंच कर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश गए हैं. मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं.
बड़ा सवाल
अब सवाल उठ रहा है कि इतनी भारी भीड़ यदि सत्संग के दौरान वहां पहुंच गई थी तो आयोजकों और पुलिस प्रशासन ने क्या किया. क्या आयोजकों ने पुलिस को कार्यक्रम की जानकारी दी थी? क्या पुलिस को यदि पता था तो पूरी सुरक्षा व्यवस्था के लिए क्या इंतजाम किए गए? भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्या इंतजाम थे? प्रत्यक्षदर्शी ये कह रहे हैं कि सत्संग समारोह के दौरान जब गेट बंद था तो उसको किसके कहने पर अचानक खोल दिया गया. ये पता किया जाना चाहिए कि किसकी लापरवाही के कारण इतना बड़ा हादसा हो गया.