Rakesh Sharma News: इंडियन एयर फोर्स के पूर्व पायलट राकेश शर्मा भारतीय इतिहास में अपनी स्थायी जगह बना चुके हैं. एक नेशनल हीरो, एक आइकॉन का जन्मदिन दो दिन पहले ही गुजरा है. 74 साल के हो चुके शर्मा अब लाइमलाइट से दूर एक शांत जिंदगी बिता रहे हैं. हालांकि इस बारे में बात करने से पहले जानते हैं उनके उस कारनामे के बारे में जिसकी वजह से वह एक किवदंती में बदल चुके हैं.
साल था 1984, तारीख थी 3 अप्रैल इस दिन शर्मा ने अपने नाम एक ऐसी उपलब्धि दर्ज की जिस उनके साथ ही पूरा देश खुशी से झूम उठा. वह अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बन गए. शर्मा का जन्म 13 जनवरी, 1949 को पटियाला में हुआ था. वह जुलाई 1966 में एक वायु सेना के प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल हुए.
वायु सेना में शर्मा का करियर
35वीं राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र, शर्मा 1970 में एक टेस्ट पायलट के रूप में इंडियन एयर फोर्स में शामिल हुए और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1984 में उन्हें स्क्वाड्रन लीडर के पद पर पदोन्नत किया गया.
शर्मा को 20 सितंबर 1982 को इंडियन एयर फोर्स और सोवियत इंटरकोस्मोस अंतरिक्ष कार्यक्रम के बीच एक संयुक्त कार्यक्रम के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष में जाने के लिए चुना गया था.
अंतरिक्ष में गुजरा इतना समय
शर्मा अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाले पहले भारतीय नागरिक बने, जब उन्होंने 3 अप्रैल 1984 को कज़ाख सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक में बैकोनूर कोस्मोड्रोम से लॉन्च किए गए सोवियत रॉकेट सोयुज टी-11 में सवार होकर उड़ान भरी. शर्मा ने दो सोवियत यात्रियों के साथ अंतरिक्ष में सात दिन 21 घंटे और 40 मिनट गुजारे थे. उन्होंने अंतरिक्ष से भारत की बहुत सारी तस्वीरें ली थीं.
शर्मा 1987 में बतौर विंग कमांडर एयर फोर्स से रिटायर हुए. हालांकि इसके बाद भी वह लगातार सक्रिए रहे. वह लंबे समय तक Hindustan Aeronautics Limited से जुड़े रहे.
शांत जीवन गुजर रहा है राष्ट्रीय हीरो
राकेश शर्मा चकाचौंध से दूर तमिलनाडु के कुन्नूर में अपनी पत्नी मधु के साथ रहते हैं. वह अब लाइमलाइट से काफी दूर हैं. उनका एक बेटी कृतिका और बेटा कपिल है. कपिल एक फिल्म डायरेक्टर हैं.
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