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Rafale Marine: हिंद महासागर में घुसने से पहले कई बार सोचेगा 'ड्रैगन', भारतीय नौसेना को मिलने वाला है चीनी नेवी का काल

Features of Rafale Marine: अपनी नौसेना के बल पर दक्षिण चीन सागर में दादागिरी कर रहा चीन हिंद महासागर में ये हरकत नहीं कर पाएगा. उससे निपटने के लिए भारतीय नौसेना चीनी नेवी का काल खरीद रही है.  

Rafale Marine: हिंद महासागर में घुसने से पहले कई बार सोचेगा 'ड्रैगन', भारतीय नौसेना को मिलने वाला है चीनी नेवी का काल
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Devinder Kumar|Updated: Jul 10, 2024, 10:23 PM IST

Range of Rafale Marine: रफाल मरीन खरीदने के लिए भारत की फ्रांस की कंपनी से डील जारी है. अगर ये डील पक्की हो जाती है तो हिंद महासागर में देश की सैन्य ताक़त और बढ़ जाएगी. इसके लिए फ्रांस की कंपनी से दूसरे दौरे की बातचीत शुरू हो गई है और बेहतर कीमत पाने के लिए भारत मोलभाव कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक 26 रफाल मरीन जेट की कीमत 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा होने की उम्मीद है. 

बढ़ जाएगी भारतीय नौसेना की ताकत

फ्रांस की निजी एयरोस्पेस कंपनी डसॉल्ट एविएशन इन विमानों का निर्माण करती है. रफाल- M फाइटर जेट खरीदने की डील पर पहले दौर की चर्चा पिछले महीने शुरू हुई थी. भारत के रक्षा मंत्रालय और नौसेना ने पिछले साल ही फ्रांस को इस डील के लिए अपनी रजामंदी दे दी थी. राफेल- M फाइटर जेट समुद्री क्षेत्र में हवाई हमले के लिए खास तौर पर डिजाइन किए गए हैं. इसके मिलने से इंडियन नेवी की ताकत और बढ़ जाएगी.

बेहद ताकतवर हैं रफाल मरीन

भारतीय नौसेना ने अपने दो एयरक्राफ्ट कैरियर्स के लिए जिस रफाल मरीन को चुना है, वो बेहद ताकतवर फाइटर जेट है. जिसमें भारतीय नौसेना की जरूरतों के हिसाब से बदलाव किया जाएगा. रफाल एम का एयरफ्रेम एयरक्रॉफ्ट कैरियर पर लैंडिंग के हिसाब से तैयार किया गया है. जिससे बहुत कम जगह पर भी इसकी लैंडिंग संभव है. 

करीब 3700 किमी है प्लेन की रेंज

रफाल एम की रफ्तार 1,912 kmph है और इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है. ये 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. रफाल एम को एंटीशिप स्ट्राइक के लिए बेस्ट माना जाता है यानि इसकी तैनाती के बाद दुश्मन युद्धपोत भारतीय सीमा के आसपास भी फटक नहीं पाएंगे. रफाल एफ को न्यूक्लियर प्लांट पर हमले के लिए भी डिजायन किया गया है.  

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