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Farmer Protest: दिल्ली की दहलीज पर किसान... आज जरा ट्रैफिक डायवर्जन चेक करके ही निकलिए, बॉर्डर इलाके हैं सील

Farmer Protest: किसानों के दिल्ली घेराव को टालने के लिए सोमवार शाम को केंद्रीय मंत्रियों की आंदोलनकारी किसानों से चंडीगढ़ में दूसरे दौर की बात हुई. वहीं हरियाणा और दिल्ली में धारा- 144 लागू कर कई जगहों पर रूट डाइवर्जन लागू कर दिए हैं.  

Farmer Protest: दिल्ली की दहलीज पर किसान... आज जरा ट्रैफिक डायवर्जन चेक करके ही निकलिए, बॉर्डर इलाके हैं सील
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Devinder Kumar|Updated: Feb 13, 2024, 12:15 AM IST

Farmer Protest News Delhi: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा और पश्चिमी यूपी के कई किसान संगठन फिर से दिल्ली घेरने आ रहे हैं. इसके लिए उन्होंने 13 फरवरी को दिल्ली का ऐलान किया है. किसानों के इस ऐलान के बाद हरियाणा और यूपी समेत दिल्ली पुलिस अलर्ट पर है. किसानों को दिल्ली के अंदर घुसने से रोकने के लिए बॉर्डर पर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. साथ ही सभी ऑफिसर अपने- अपने स्टाफ को ब्रीफ कर रहे हैं कि हालात कंट्रोल से बाहर होने पर कैसे ब्रीफ करना है और खुद पर कैसे संयम बनाए रखना है. 

दिल्ली बॉर्डर पर कड़े सुरक्षा इंतजाम

दिल्ली में 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर यातायात पाबंदियां लागू की गई हैं. वाहनों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं की कंक्रीट के अवरोधक और सड़क पर बिछाए जाने वाले लोहे के नुकीले अवरोधक लगाए गए हैं. पुलिस सीमा बिंदुओं पर कड़ी निगरानी रखने के लिए ड्रोन का भी उपयोग कर रही है. 

पूरे शहर में धारा- 144 लागू

दिल्ली पुलिस ने किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी है और यह आदेश एक माह तक लागू रहेगा. दिल्ली पुलिस की ओर से सोमवार को जारी आदेश में किसी भी प्रकार की रैली या जुलूस निकालने तथा सड़कों एवं मार्गों को अवरुद्ध करने पर रोक लगा दी है. दिल्ली पुलिस के आदेश के तहत ट्रैक्टर रैलियों के राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं को पार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. 

ट्रैक्टर और अन्य वाहनों पर सवार होकर किसान अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक इन तीन - सिंघू, गाजीपुर और टिकरी सीमाओं पर बैठे रहे थे. बदलती स्थिति पर चौबीसों घंटे निगरानी रखने के लिए सिंघू बॉर्डर पर एक अस्थायी कार्यालय स्थापित किया गया है. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए हरियाणा की सीमा से लगती ग्रामीण सड़कों को भी सील कर दिया है. दिल्ली-रोहतक और दिल्ली-बहादुरगढ़ मार्गों पर अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है. 

इन मांगों को पूरा करने की है मांग

उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के ज्यादातर किसान संघों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के सिलसिले में 13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. किसान 2021 में आंदोलन वापस लेने के लिए जिन शर्तों पर राजी हुए थे उनमें से एक एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून बनाना भी था. सोमवार से सिंघू सीमा पर वाणिज्यिक वाहनों के लिए यातायात पाबंदियां लागू की गयी हैं. मंगलवार से सभी प्रकार के वाहनों पर पाबंदियां लागू होंगी. 

विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने 5,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है जबकि सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए क्रेन और अन्य भारी वाहनों को तैनात किया है. किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए कई सुरक्षा अवरोधक लगाए गए हैं. सड़कों पर कंटीले अवरोधक बिछाए गए हैं ताकि अगर प्रदर्शनकारी किसान वाहनों पर सवार होकर शहर में प्रवेश करने की कोशिश करें तो उनके वाहनों के टायर पंक्चर हो जाएं. इस बीच, उत्तरपूर्वी दिल्ली में कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गयी है.

किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने की कोशिश

दिल्ली पुलिस की ईस्टर्न रेंज के एडिशनल कमिश्नर ट्रैफिक दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को किसानों के दिल्ली चलो प्रोटेस्ट से निपटने के लिए शहर की पूर्वी सीमाओं पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की पर्याप्त तैनाती कर दी गई है. अगर कोई गाजीपुर बॉर्डर की ओर से शहर में घुसने की कोशिश करेगा तो उस हिस्से को सील कर दिया जाएगा. इसके लिए पूरा प्लान बना लिया गया है. दिल्ली पुलिस हर तरह की परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है. 

उधर किसानों के दिल्ली कूच की घोषणा को देखते हुए हरियाणा सरकार ने 15 जिलों में धारा- 144 लागू कर दी है. इसके साथ ही हरियाणा पुलिस ने दिल्ली से चंडीगढ़ आने- जाने वालों के लिए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी के मुताबिक चंडीगढ़ से दिल्ली जाने के लिए चंडीगढ़- पंचकूला, बरवाला, साहा, बरारा, बबैन, लाडवा, पीपली, कुरुक्षेत्र का रूट लिया जा सकता है. इसके साथ ही चंडीगढ़ से दिल्ली जाने के लिए पंचकूला, बरवाला, यमुनानगर, लाडवा, इंद्री और करनाल होते हुए भी दिल्ली पहुंचा जा सकता है. दिल्ली से चंडीगढ़ जाने के लिए भी 13 फरवरी को यही रूट लिया जा सकता है. 

दिल्ली में नहीं घुस पाएंगे भारी वाहन

दिल्ली पुलिस ही नहीं, नोएडा पुलिस भी किसान आंदोलनकारियों से निपटने के लिए तैयार है. डीसीपी ट्रैफिक अनिल यादव ने बताया कि किसान आंदोलन को देखते हुए नोएडा पुलिस अलर्ट नोएडा में 500 ट्रेफिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे. चिल्ला बॉर्डर और डीएनडी बॉर्डर पर CCTV से निगरानी होंगी दिल्ली पुलिस के साथ समन्वय बनाया गया है. नोएडा पुलिस और PAC को तैनात किया जाएगा. दिल्ली जाने वाले लोगों से मेट्रो का प्रयोग करने की अपील की गई है. 

उन्होंने बताया कि नोएडा से दिल्ली जाने वाले कमर्शियल वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा. दिल्ली जाने वाले कमर्शियल वाहन रोके जायेंगे. DND, चिल्ला बॉर्डर और कालिंदी कुंज बॉर्डर पर पुलिस की विशेष नजर रहेगी. 

एक्सप्रेसवे के स्कूलों में होगी ऑनलाइन पढ़ाई

किसान आंदोलन को देखते हुए गौतमबुद्ध नगर जिले में नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर बने स्कूलों ने बच्चों की पढ़ाई को मंगलवार के लिए ऑनलाइन कर दिया है. पिछले दिनों हुए किसान आंदोलन में जब स्कूल बसें बच्चों को छोड़ने उनके घर के लिए निकली थी तो करीब तीन से चार घंटे की देरी हुई थी. इससे परिजन काफी परेशान हुए थे. यातायात व्यवस्था भी चरमरा गई थी. स्कूलों ने बच्चों और परिजनों की परेशानी कम करने के लिए सोमवार को सभी पेरेंट्स को एक मैसेज भेजा. उसके मुताबिक बच्चों की पढ़ाई मंगलवार को घर से ही ऑनलाइन होगी.

किसानों के साथ बैठक में इन मुद्दों पर बनी सहमति

उधर सूत्रों के मुताबिक सोमवार शाम चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा के साथ किसानों की दूसरे दौर की बातचीत हुई. इस बैठक में कुछ मांगों को पूरा करने पर सहमति बन गई है. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में मंत्रियो ने आश्वासन दिया कि दिल्ली आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए किसानों के मुकदमे वापस कर दिए जाएंगे. आंदोलन के दौरान मृतक किसानों के परिजनों को मुआवज़ा मिलेगा. इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी बिल 2020 को रद्द किया जाएगा. यूपी के लखीमपुर खीरी के किसानों को मुआवज़ा दिया जाएगा. 

क्या दिल्ली घेराव टाल देंगे किसान?

इस बैठक के नतीजों की किसानों या सरकार ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की है और न ही किसानों ने अपने दिल्ली चलो के ऐलान में कोई तब्दीली की है. इसलिए हरियाणा और दिल्ली पुलिस अपनी अपनी सुरक्षा तैयारियों को पुख्ता करने में जुटी हुई है. बताते चलें कि 13 फरवरी से 16 फरवरी तक किसान दिल्ली कूच करेंगे. 26 किसान संगठनों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच और 16 को भारत बंद का आह्वान किया है. अपनी मांगों को मनवाने के लिए किसानों ने अब सरकार से आर-पार का मूड कर लिया है.

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